प्रमुख समाचारराज्‍य

मेरा स्वप्न है कि हर व्यक्ति को घर पर मिले शुद्ध जल : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

मेरा स्वप्न है कि हर व्यक्ति को घर पर मिले शुद्ध जल : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
पानी की उपलब्धता समाज और सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री द्वारा राइट टू वाटर विषयक राष्ट्रीय जल सम्मेलन का शुभारंभ
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि आने वाले समय में पानी की उपलब्धता समाज और सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सब मिलकर ही इसका मुकाबला कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरा स्वप्न है कि हर व्यक्ति को शुद्ध जल उसके घर पर मिले। यह स्वप्न सबका हो, तो जरूर इसमें सफल होंगे। श्री कमल नाथ मिंटो हाल में जलाधिकार कानून को लेकर मध्यप्रदेश सरकार और जल-जन जोड़ो आंदोलन द्वारा संयुक्त रूप रूप से आयोजित राष्ट्रीय जल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

सम्मेलन में 25 राज्य के जल और पर्यावरण से जुड़े समाजसेवी और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। अधिवेशन में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित “राइट टू वाटर” विषय पर विचार- विमर्श होगा।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि हमारी सोच के अभाव और लापरवाही के कारण जल संकट बढ़ रहा है, जो आगे चलकर और भी गंभीर होने वाला है। श्री कमल नाथ ने कहा कि 1982 में हुए पृथ्वी सम्मेलन में मैंने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाया था कि पर्यावरण और जंगल तभी तक सुरक्षित और जीवित हैं, जब तक हमारे पास पानी है। इसलिए पानी बचाने और जल स्त्रोतों को संरक्षित करने का काम सबसे पहले करना होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज हमारे 65 बाँध और 165 रिजर्व वायर सूखे की चपट में हैं। स्थानीय निकाय नागरिकों को 2 से 4 दिन में पानी उपलब्ध करवा पा रहे हैं। भविष्य में यह संकट गहराएगा। इसकी चिंता हमें आज से करना होगी। उन्होंने कहा कि हमारे पर्यावरणविद और जल संरक्षण के क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले स्वयंसेवियों को इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने मिलकर इसकी आज से चिंता नहीं की, तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी।

श्री कमल नाथ ने कहा कि राइट टू वाटर कानून लाने का हमारा मकसद है कि पानी को बचाने के प्रति लोगों में जागरूकता है आए और वे सरकार के साथ जल संरक्षण के लिए सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से मेरी अपेक्षा है कि वे इस कानून को व्यवहारिक और प्रभावी बनाने के लिये अपने महत्वपूर्ण सुझाव दें। भविष्य में भी लोगों की पानी की जरूरत पूरी होती रहे, इस पर विचार कर ऐसे उपाय सुझाएं, जिस पर बेहतर ढंग से अमल हो सके। श्री कमल नाथ ने कहा कि आज जल संरक्षण और भू-जल स्तर में वृद्धि करने की कई नई तकनीक आ गई हैं। इन आधुनिक तकनीकों को भी हम जाने और इनका उपयोग जल को बचाने से लेकर उसे आम आदमी तक पहुँचाने के लिए करें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री सुखदेव पांसे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के नेतृत्व में यह सरकार लोगों को पर्याप्त पानी, पहुँच में पानी और पीने योग्य पानी का कानूनी अधिकार देने जा रही है। ऐसा अधिकार देने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा।

श्री पांसे ने कहा कि वर्षा की एक – एक बूंद को सहेजने से लेकर उसे घर तक पहुँचाने के प्रत्येक पहलू का समावेश जल अधिकार कानून में रहेगा। पानी की रिसायक्लिंग, वाटर रिचार्जिंग, उसका वितरण एवं उपयोग भी इस कानून के दायरे में आयेगा। उन्होने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की 72 प्रतिशत आबादी, 55000 गाँवों की 01 लाख 28 हजार बसाहटों में निवास करती है। गाँवों की 98 प्रतिशत पेयजल व्यवस्था भू-जल पर आधारित है। इसीलिये गिरता हुआ भू-जल स्तर प्रतिवर्ष जल संकट को बढ़ा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आने वाले पाँच सालों में हम प्रदेश के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से प्रतिशत 55 लीटर प्रति व्यक्ति शुद्ध एवं स्वच्छ जल पहुँचाएंगे। श्री पांसे ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज राइट टू वाटर विषय पर हो रहे मंथन से निश्चित ही बेहतर निष्कर्ष निकलेंगे।

जल पुरुष मेगसेसे पुरस्कार प्राप्त प्रो. राजेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को बधाई दी कि उन्होंने जल अधिकार कानून बनाने की पहल कर पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर किया है कि वे जल संरक्षण और इसके बेहतर उपयोग के लिए काम करे। सभी राज्य सरकारों को मध्यप्रदेश की इस पहल का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलाधिकार कानून बनाने की पहल करके मुख्यमंत्री ने समाज में विश्वास पैदाकर उनके अंदर मालिकाना हक का भाव जाग्रत किया है कि जल संसाधन हमारा है और हमारे लिए है। यह एक अवसर है जब हम सब मिलकर जल का उपयोग अनुशासित होकर करें।

इस मौके पर मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री संजय शुक्ला एवं देश भर से आए जल एवं पर्यावरण विशेषज्ञ उपस्थित थे।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button