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प्रदेश में हर साल 7-8 करोड़ पौधे तैयार करने अहम भूमिका निभा रही हैं महिलाएँ

प्रदेश में हर साल 7-8 करोड़ पौधे तैयार करने अहम भूमिका निभा रही हैं महिलाएँ
भोपाल। प्रदेश में वनावरण और वनोत्पाद बढ़ाने के लिये हर साल तैयारकिये जाने वाले 7-8 करोड़ पौधों में लगभग 60 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की होती है। वित्त वर्ष 2018-19 में वन विभाग की नर्सरियों में कार्यरत 3,862 महिलाओं को 22 करोड़ 58 लाख रुपये का भुगतान किया गया। नर्सरियों में मानक गुणवत्ता के वानिकी, फलदार, औषधीय, लघु वनोपज, संकटापन्न, विलुप्तप्राय, क्लोनल और ग्राफ्टेड पौधे तैयार कर शासकीय विभागों, अशासकीय संस्थाओं और जन-सामान्य को रोपण के लिये दिये जाते हैं।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री पी.सी. दुबे ने बताया कि महिलाएँ निदाई, गुड़ाई, पौध-रोपण आदि कार्यों में अधिक कुशलता से कार्य करती हैं। गत वर्ष भोपाल वृत्त की नर्सरी में कार्य करने वाली 248 महिलाओं को एक करोड़ 2 लाख, रीवा वृत्त की 437 महिलाओं को 3 करोड़ 50 लाख, सिवनी वृत्त की 318 महिलाओं को एक करोड़ 3 लाख, ग्वालियर वृत्त की 222 महिलाओं को एक करोड़ 8 लाख, बैतूल वृत्त की 247 महिलाओं को लगभग 2 करोड़, झाबुआ वृत्त की 502 महिलाओं को 2 करोड़ 99 लाख, रतलाम वृत्त की 108 महिलाओं को 86 करोड़, जबलपुर वृत्त की 503 महिलाओं को 2 करोड़ 55 लाख, सागर वृत्त की 438 महिलाओं को 3 करोड़ 12 लाख, खण्डवा वृत्त की 574 महिलाओं को एक करोड़ 85 लाख और इंदौर वृत्त की 265 महिलाओं को एक करोड़ 42 लाख का भुगतान किया गया है।

श्री दुबे ने बताया कि प्रदेश में वनों की उत्पादकता बढ़ाने और वन क्षेत्रों के बाहर सामुदायिक एवं निजी भूमि पर वनीकरण कार्य के लिये प्रत्येक कृषि जलवायु प्रक्षेत्र में बैतूल, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, खण्डवा, रतलाम, रीवा, सागर एवं सिवनी में अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त स्थापित हैं। इन 11 वृत्त में 14 महिला वन क्षेत्रपाल, 12 महिला वनपाल और 80 महिला वन रक्षक कार्यरत हैं। इनमें बैतूल वृत्त में 2 वनपाल और 5 वन रक्षक, भोपाल में 3-3 वन क्षेत्रपाल, वनपाल और 10 वन रक्षक, ग्वालियर में एक वन क्षेत्रपाल, 7 वन रक्षक, इंदौर में 3 वन क्षेत्रपाल, 4 वनपाल और 9 वन रक्षक, जबलपुर में 2 वन क्षेत्रपाल, एक वनपाल और 6 वन रक्षक, झाबुआ में 5 वन रक्षक, खण्डवा में 2 वन क्षेत्रपाल, एक वनपाल और 7 वन रक्षक, रतलाम में एक वन क्षेत्रपाल, 3 वन रक्षक, रीवा में एक वन रक्षक, सागर में 9 वन रक्षक और सिवनी में 2 वन क्षेत्रपाल, एक वनपाल और 18 वन रक्षक शामिल हैं।

श्री दुबे ने बताया कि महिला वनकर्मियों के लिये नर्सरियों में पीने का साफ पानी, शौचालय और बच्चों के लिये झूलाघर की भी व्यवस्था की जाती है। समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर उनका ब्लड प्रेशर, शुगर आदि स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। रोपणियों में महिलाओं के लिये 82 प्रसाधन बनाये जा चुके हैं। शेष रोपणियों में कार्य प्रगति पर है। पीने के लिये आरओ वाटर की व्यवस्था है।

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