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शिवराज सिंह ने मुंह चलाने की बजाय सरकार चलाई होती तो प्रदेश विकसित होता: शोभा ओझा

शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में यदि मुंह चलाने की बजाय
सरकार चलाई होती तो मध्यप्रदेश आज विकसित राज्यों की
श्रेणी में शुमार होता: शोभा ओझा

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में कहा कि प्रदेश में फसलों के नुकसान के आंकलन और बोनस को लेकर भाजपा द्वारा जो राजनीति प्रदेश में खेली जा रही है, वह पूरी तरह से आधारहीन और भ्रामक है, क्योंकि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बोनस की वजह से केन्द्र की मोदी सरकार ने प्रदेश का सात लाख टन खरीदी का टारगेट गिरा दिया है, उन्होंने यह भी कहा कि फसलों के मुआवजे को लेकर भी प्रदेश के 28 भाजपा सांसदों ने केन्द्र सरकार से बात तक नहीं की। साफ जाहिर है कि भाजपा की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है और कमलनाथ जी का यह कहना भी बिल्कुल सही है कि सरकार चलाने और मुंह चलाने में बड़ा फर्क होता है।

आज जारी अपने बयान में उक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों का यह चरित्र रहा है कि सक्षम प्रशासन चलाने और जनहितैषी निर्णय लेने की अपेक्षा, वे केवल झूठी घोषणाएं करने और अपने प्रचार मे ही व्यस्त रहती हैं, चाहे केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने, 15 लाख रूपये प्रत्येक खाते में देने, भारत को 5 ट्रिलियन की इकाॅनाॅमी बनाने के जुमले हों या मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश को विकसित राज्य बनाने, किसानों की आय दुगुनी करने जैसी 21000 से अधिक झूठी घोषणाएं करने की बात हो, पूरा देश यह समझ चुका है कि झूठी घोषणाएं करना, जुमले फेंकना और मुंह चलाना भाजपा की सरकारों का स्थायी चरित्र बन चुका है।

श्रीमती ओझा ने कहा कि जहां तक शिवराज सिंह चैहान का प्रश्न है तो, उनकी सरकार चले जाने के बाद भी, मुंह चलाने की उनकी आदत नहीं जा पा रही है जिसकी वजह से उन्हें किसान कर्जमाफी सहित, कांग्रेस सरकार के तमाम वो जनहितैषी कदम दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिनके कारण पिछले डेढ़ दशक से त्रस्त प्रदेश की जनता ने राहत की सांस ली है। कमलनाथ सरकार के राहतकारी कदमों से प्रसन्न प्रदेश की जनता यह कहती है कि यदि शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में मुंह चलाने की बजाय वास्तव में सरकार चलाई होती तो, मध्यप्रदेश आज विकसित राज्यों की श्रेणी में शुमार होता।

अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि यदि भाजपा, उसके सभी सांसदों और शिवराज सिंह चैहान में तनिक भी नैतिकता शेष बची है तो उन्हें कमलनाथ जी की संवेदनशील सरकार को घेरने के प्रयासों की बजाय, केन्द्र की उस निष्ठुर मोदी सरकार को अविलंब घेरना चाहिये, जिसे मध्यप्रदेश के पीड़ित किसानों की वेदना दिखाई नहीं दे रही है।

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