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मध्यप्रदेश की बहन-बेटियों के लिए नया जमाना लाना है

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने महिला स्व-सहायता समूहों के संकुल स्तरीय संगठनों की अध्यक्षों से संवाद में कहा

गरीबी अभिशाप है और हम किसी बहन को गरीब नहीं रहने देंगे
जब तक हर गरीब बहन आजीविका मिशन से नहीं जुड़ जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे

महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर हुआ संवाद आयोजन

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बहन-बेटियों के लिए नया जमाना लाना है। बहन-बेटियाँ अपनी छोटी-मोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें, उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत न पड़े, इसके लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। आजीविका मिशन में अब तक 51 लाख से अधिक बहनें जुड़ चुकी हैं। जब तक हर गरीब बहन इस मिशन से नहीं जुड़ जाती तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। गरीबी अभिशाप है और हम किसी बहन को गरीब नहीं रहने देंगे। बहनें आजीविका मिशन में संगठित होकर आगे बढ़ें और अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ मिल कर काम करें। राज्य शासन हर कदम पर आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती होने से आज का दिन महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। महात्मा फुले ने भारी प्रतिरोध के बावजूद महिलाओं की शिक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज स्व-सहायता समूहों के संकुल संगठनों की बहनों के साथ संवाद कर रहे थे।

बड़ी संख्या में अचल सम्पत्तियाँ बहनों के नाम हुई

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहनों की जिंदगी बेहतर बनाना हमारा मिशन है। समाज के बेटा-बेटी में अंतर करने वाली सोच को बदलने और बहनों के प्रति दुर्व्यवहार समाप्त करने के लिए लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना और शिशु जन्म पर सहायता की योजनाएँ आरंभ की गई। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नगरीय निकायों और पंचायतों की आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं। परिणामस्वरूप वर्तमान में 17 हजार से अधिक बहनें निर्वाचित होकर विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी संभाल रही हैं। महिलाएँ आर्थिक, समाजिक रूप से सशक्त हों और उनकी अपनी पहचान बने, इस उद्देश्य से महिलाओं द्वारा अचल सम्पत्ति के क्रय पर मात्र एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लिया जा रहा है। इससे बड़ी संख्या में अचल सम्पत्तियाँ बहनों के नाम हुई हैं। बहनों को बैंक लिंकेज दिलवाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। स्व-सहायता समूहों को लोन पर केवल 2 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इन सब गतिविधियों से बहनों की उद्यमशीलता और आर्थिक आत्म-निर्भरता बढ़ेगी। बहनों का आत्म-विश्वास बढ़ रहा है और उनकी सामाजिक स्थिति बदल रही है। यह एक सामाजिक क्रांति है, बहनें अब दीन-हीन अबला नहीं, अपितु नारायणी हैं।

स्वयं पर विश्वास रखना जरूरी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज सामाजिक समानता, महिला शिक्षा के अग्रदूत महात्मा फुले की जयंती है। महात्मा फुले के महिला शिक्षा, छुआछूत, दलित उत्थान के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महात्मा फुले का मानना था कि स्वंय पर विश्वास रखना, सत्य को जानना, जातीय भेदभाव को दूर करना और शिक्षा से लोगों को सशक्त बनाना स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है।

हम बहन-बेटी को निर्बल नहीं रहने देंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना से बहनों की जिंदगी बदलेगी। आजीविका मिशन की बहनें अपने-अपने क्षेत्र की सभी पात्र बहनों के फार्म भरवाने में आवश्यक सहयोग करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र बहन योजना के लाभ से वंचित न रहे। बहनों के साथ होने वाले किसी तरह के दुर्व्यवहार के विरूद्ध आवाज उठाएँ और संगठित होकर ऐसे तत्वों का विरोध करें। राज्य शासन द्वारा बहनों की सुरक्षा और उनकी जिंदगी बेहतर बनाने के उद्देश्य से ही शराब की दुकानों के साथ चल रहे अहाते बंद किए गए हैं। हर गाँव और हर वार्ड में लाड़ली बहना सेना भी गठित की जा रही है। हम बहन-बेटी को निर्बल नहीं रहने देंगे।

जो बहने बस ट्रेन में नहीं बैठी, उन्हें मिशन से जुड़ने के बाद हवाई यात्रा का मौका मिला

मुख्यमंत्री श्री चौहान से बैतूल जिले के प्रेरणा संकुल की अध्यक्ष श्रीमती मीना चौहान, शिवपुरी की श्रीमती सीमा रजक, सागर की श्रीमती रजनी और देवास जिले की श्रीमती रेणू पटेल ने चर्चा की। श्रीमती मीना चौहान ने कहा कि जो बहनें बस ट्रेन में नहीं बैठी थी उन्हें आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद हवाई यात्रा का मौका मिला है। श्रीमती सीमा रजक ने कहा कि उनके संकुल ने विभिन्न समूहों को 2 लाख 70 हजार रूपए का ऋण उपलब्ध कराया है। श्रीमती रजनी ने बताया कि आजीविका मिशन की गतिविधियों से उनके क्षेत्र की 2 हजार 783 बहनें लखपति बनी हैं। उनका संकुल युवाओं के लिए रोजगार मेले भी लगा रहा है। श्रीमती रेणू पटेल ने बताया कि समूह से जुड़ने के परिणामस्वरूप ही उनके लिए पक्का मकान बनाना संभव हुआ।

मिशन से जुड़ी महिलाएँ खरीद रही हैं, वाहन, टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री राम खेलावन पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के संकल्प के परिणामस्वरूप ही बहनों को गरीबी से मुक्ति मिल रही है। उनके आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण की प्रक्रिया निरंतर जारी है। जानकारी दी गई कि आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं का जीवन-स्तर निरंतर सुधर रहा है। मिशन से जुड़ी 16 हजार 813 महिलाओं ने चार पहिया वाहन और 2 लाख 58 हजार महिलाओं ने स्कूटर-मोटर साइकिल जैसे दो पहिया वाहन खरीदे हैं। इसी क्रम में 92 हजार महिलाओं ने जमीन या प्लाट की खरीद, 5 लाख 44 हजार 815 महिलाओं ने टेलीविजन, 1 लाख 48 हजार 826 महिलाओं ने फ्रिज और 29 हजार 931 महिलाओं ने वॉशिंग मशीन खरीदी हैं। मिशन से जुड़ी महिलाओं की विजनिंग एक्सरसाइज भी कराई जा रही है। इसमें उनकी भविष्य की प्राथमिकताओं संबंधी जानकारी प्राप्त की जाती है। आजीविका मिशन अपने सदस्यों को निरंतर आवश्यक प्रशिक्षण भी दे रहा है।

केटलॉग से मिलेगी स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की जानकारी

मुख्यमंत्री निवास परिसर में संवाद कार्यक्रम का मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप जला कर शुभारंभ किया। उन्होंने “संवाद” में शामिल होने आई बहनों का पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश गान के बाद स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों पर केंद्रित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने समूहों के उत्पादों के केटलॉग का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संकुल स्तरीय संगठनों की अध्यक्षों से संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को देवास से आईं बहनों ने अभिनंदन-पत्र तथा अशोक नगर की बहनों ने चंदेरी का अंगवस्त्रम भेंट किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, विभागीय अधिकारी और स्व-सहायता समूहों के संकुल स्तरीय संगठनों के अध्यक्ष शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 39 हजार 258 ग्राम संगठन और 1350 संकुल संगठन कार्यरत हैं। प्रदेश में 4 लाख 33 हजार स्व-सहायता समूहों से जुड़ कर 51 लाख 63 हजार महिलाएँ आत्म-निर्भर हुई हैं।

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