वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर उभरा मध्यप्रदेश
अवनीश सोमकुवर,उपसंचालक,जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश शासन
- मध्यप्रदेश के लिये वर्ष 2022 कई अर्थों में ऐतिहासिक रहा। जन-मानस के स्मृति पटल पर कई घटनाएँ वर्षों तक अंकित रहेंगी। कोविड की चुनौतियों को परास्त करते हुए वर्ष 2022 की शुरूआत से ही मध्यप्रदेश ने नया इतिहास लिखना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की नींव मजबूत करने की शुरुआत हुई। मध्यप्रदेश के समकालीन सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय इतिहास में ऐसी अभूतपूर्व घटनाएँ 2022 में हुई, जो वैश्विक स्तर पर भी छाई रही।
मध्यप्रदेश के लिये वर्ष 2022 कई अर्थों में ऐतिहासिक रहा। जन-मानस के स्मृति पटल पर कई घटनाएँ वर्षों तक अंकित रहेंगी। कोविड की चुनौतियों को परास्त करते हुए वर्ष 2022 की शुरूआत से ही मध्यप्रदेश ने नया इतिहास लिखना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की नींव मजबूत करने की शुरुआत हुई। मध्यप्रदेश के समकालीन सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय इतिहास में ऐसी अभूतपूर्व घटनाएँ 2022 में हुई, जो वैश्विक स्तर पर भी छाई रही।
चीतों की पुनर्स्थापना
पालपुर कूनो राष्ट्रीय उदयान में चीतों की पुनर्स्थापना का सपना सच हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्म-दिन पर पालपुर कूनो में नामीबिया से लाए चीतों को छोड़ा। यह विश्व के वन्य-जीव इतिहास की अनूठी और अभूतपूर्व घटना थी। इससे मध्यप्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर गौरवशाली स्थान मिला। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत में चीतों की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कड़ी पुन: जुड़ गई है। भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जाग्रत हो गई है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आया है। आजादी के अमृत महोत्सव में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। उन्होंने यह भी सीख दी कि प्रकृति और पर्यावरण के सरंक्षण में ही भविष्य सुरक्षित है।
इंदौर के मॉडल ने विश्व का ध्यान आकर्षित किया
इंदौर में पर्यावरणीय इतिहास का नया अध्याय शुरू हुआ। शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त करने के इंदौर मॉडल ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया। अन्य शहरों के लिए प्रेरणा बनेगा। इंदौर के देवगुराड़िया क्षेत्र में कभी कूड़े के पहाड़ थे, अब 100 एकड़ की डंप साइट ग्रीन जोन में परिवर्तित हो गई है। इंदौर में गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट बनने से वेस्ट-टू-वेल्थ तथा सर्कुलर इकोनामी की परिकल्पना साकार हुई। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इंदौर में गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने ग्लासगो जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्ज को नेट जीरो करने का लक्ष्य दोहराया। इसमें मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अपना योगदान दे रहा है। लक्ष्य बड़ा है लेकिन शुरूआत उत्साहजनक और ऊर्जा से भरपूर है।
श्री महाकाल लोक की धूम
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण भारत के आध्यात्मिक इतिहास की अभूतपूर्व घटना है। प्रधानमंत्री के अनुसार भारत के सांस्कृतिक वैभव की पुनर्स्थापना का लाभ न केवल भारत को अपितु पूरे विश्व एवं समूची मानवता को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने अपने आध्यात्मिक ओजपूर्ण उदबोधन में कहा कि ‘श्री महाकाल महालोक’ दिव्य है। यहाँ सब कुछ अलौकिक, अविस्मरणीय एवं अविश्वसनीय है। महाकाल की आराधना अन्त से अनन्त की यात्रा है, आनन्द की यात्रा है, इससे काल की रेखाएँ भी मिट जाती हैं। महाकाल लोक आने वाली कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता और सांस्कृतिक ऊर्जा की चेतना प्रदान करेगा। उन्होंने इस अद्भुत कार्य के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और मन्दिर समिति का अभिनन्दन किया।
परिवर्तनकारी निर्णय
जनजातीय समुदाय के हित में पेसा कानून लागू करना सरकार का अभूतपूर्व निर्णय है। पेसा एक्ट जनजातीय समाज को सफलता के शिखर पर ले जायेगा। जनजातीय बहुल विकासखंडों में पेसा एक्ट लागू होने से जनजातीय समुदाय को जल, जंगल और जमीन का हक मिलेगा। पेसा एक्ट के माध्यम से जनजातीय वर्ग की जिंदगी बदलने का काम शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे महा अभियान का स्वरूप दिया है। हर गाँव में समितियाँ बनेगी। इन समितियों में एक तिहाई सदस्य महिलाएँ होंगी। ग्राम सभाओं को अपने गाँव की जल, जंगल और जमीन के उपयोग का पूरा अधिकार होगा। छल-कपट से छीनी गई जमीन पर जनजातीय समाज को दोबारा अधिकार दिलवायेगा। गाँव की रेत, गिट्टी, पत्थर पर पहला हक जनजातीय सहकारी समितियों का होगा।
गौण वन संपदा जैसे अचार की गुठली, महुए का फूल, महुए की गुल्ली, हर्रा, बहेड़ा, बाँस, आंवला,तेन्दूपत्ता आदि को बेचने, बीनने और इनके मूल्य निर्धारण का अधिकार भी अब ग्राम सभा के पास होगा। साथ ही ग्राम सभा,अमृत सरोवर और तालाबों का प्रबंधन भी करेगी। तालाबों में सिंघाड़ा उगाने, मछली पालन और मत्स्याखेट की सहमति भी ग्राम सभा देगी।
एक साल में एक लाख पदों पर भर्ती
वर्ष 2022 में प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये मिशन के रूप में कार्य करते हुए आगामी 1 वर्ष में 1 लाख पदों पर भर्ती का बड़ा निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पीएम स्वनिधि योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और संत रविदास स्व-रोजगार योजना में विगत एक वर्ष में 31 लाख 19 हजार से अधिक स्व-रोजगार के अवसर सृजित किये गये।
मध्यप्रदेश की तारीफ
छतरपुर में गर्भवती महिलाओं का पंजीयन बढ़ाने के प्रयास को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने छतरपुर जिले की बड़ी उपलब्धि और दूसरे जिलों के लिए सीखने योग्य प्रयास बताया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” कार्यक्रम में कुपोषण को दूर करने के लिए दतिया ज़िले में चलाए गए “मेरा बच्चा अभियान” की सफलता पर अभियान की प्रशंसा की। “मेरा बच्चा अभियान” से न सिर्फ़ आँगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी बल्कि कुपोषण भी कम हुआ है।
भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना में वित्त वर्ष 2021-22 में केन्द्रांश- राज्यांश की राशि के व्यय में मध्यप्रदेश 2,790 करोड़ की राशि का उपयोग कर प्रथम स्थान पर है। हर घर जल उपलब्ध करवाने में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है।
आर्थिक क्षेत्र में भी प्रदेश की उल्लेखनीय सफलता वर्ष 2022 में रेखांकित हुई है। हाल ही में मध्यप्रदेश के प्रवास पर आई केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने भी इसके लिये प्रदेश की सराहना की। वित्तीय और लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन (पीएएम) के क्षेत्र में प्रदेश आगे रहा है। आर्थिक वृद्धि दर 19.74 प्रतिशत रही, जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। वित्तीय प्रबंधन में राज्य ने अनेक नवाचार कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किये। आत्म-निर्भर भारत में मध्यप्रदेश अपना बेहतर योगदान दे रहा है।
( लेखक :- अवनीश सोमकुवर,उपसंचालक,जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश शासन )