मध्यप्रदेश में आईटी के क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं, इनवेस्टमेंट फ्रेंडली है मध्यप्रदेश की उद्योग नीति
उद्योगपतियों का देश के दिल में स्वागत है मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 अक्टूबर, 2022 को पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा की मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं, बेहतर अधोसंरचना से उद्योग लगाने अनूकूल माहौल है । सीएम ने कहा की इनवेस्टमेंट फ्रेंडली है मध्यप्रदेश की उद्योग नीति, उद्योगपतियों का देश के दिल में स्वागत है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 अक्टूबर, 2022 को पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा की मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं, बेहतर अधोसंरचना से उद्योग लगाने अनूकूल माहौल है ।
सीएम ने कहा की इनवेस्टमेंट फ्रेंडली है मध्यप्रदेश की उद्योग नीति, उद्योगपतियों का देश के दिल में स्वागत है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा की पुणे आईटी हब है, आप मध्यप्रदेश में आईटी के क्षेत्र मे किस तरह की संभावनाएं देखते हैं?
पुणे ऐसा शहर है, जहां उद्यमता लोगों के स्वभाव में है। विशेषकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और आईटी सेक्टर में, दोनों क्षेत्रों में पुणे ने काफी प्रगति की है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की कई कंपनियों की उपस्थिति मध्यप्रदेश में भी है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लोग यहां आना चाहते हैं, विशेषकर इलेक्ट्रिक व्हीकल ईवी के क्षेत्र में, लोगों ने रुचि भी दिखाई है जमीन भी मांगी है।
सीएम ने कहा आने वाला समय इलेक्ट्रिक व्हीकल का है, मैन्युफैक्चरिंग को लेकर मध्यप्रदेश कितना तैयार है?
पेट्रोल-डीजल पर आत्मनिर्भरता धीरे-धीरे खत्म हो रही है, आने वाला समय ईवी का ही है, कई बड़ी कंपनियों ने मध्यप्रदेश मे रुचि दिखाई है। हमने ईवी पार्क के रूप में 300 एकड़ जमीन भी आरक्षित की है। भविष्य इलेक्ट्रिकल व्हीकल का है। टू व्हीलर हो, ऑटो हो या फोर व्हीलर हो बड़ी संख्या में लोग ईवी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा की ट्रांसपोर्टेशन के नजरिये से मध्यप्रदेश उद्योगपतियों की पहली पसंद है, किन-किन क्षेत्रों के उद्यमियों ने निवेश के लिए रुचि दिखाई है?
मध्यप्रदेश संभावनाओं का गढ़ है, यह देश के मध्य में है इसलिए हर राज्य में आवागमन आसान है, कई राज्यों की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगती हैं, इसलिए कई क्षेत्रों के निवेशक मध्यप्रदेश की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। आईटी के साथ टूरिज्म से संबंधित कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है, जैसे वॉटर पार्क, हेरिटेज होटल्स, बजट होटल्स शुरू करना चाहते हैं, उन लोगों ने भी संपर्क किया है। दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए फोडर की आवश्यकता है और ऐसी टेक्नोलॉजी आ गई है, जमीन हो, वहां फोडर हो तो उसे पैक कर दें तो उसकी सेल्फ लाइफ कई दिनों की हो जाती है। ऐसा प्रपोजल भी आया कि हम वहां फोडर लगाना चाहते हैं। वहां से ना केवल दूसरे प्रदेशों में बल्कि उसे एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं। ऐसे कई तरह के प्रपोजल आए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया की उद्योग लगाने के लिए स्किल्ड मैनपॉवर की आवश्यकता होती है, इस दिशा में मध्यप्रदेश के क्या प्रयास हैं?
जो इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश में आ रही हैं, उन इंडस्ट्रीज में जैसी स्किल्ड मैनपॉवर लगेगी उनको तैयार करेंगे ताकि स्थानीय बच्चों को प्रशिक्षित करें और बाद में जब इंडस्ट्री खड़ी हो तो उनको रोजगार वहां पर मिल जाए। इसमें लोकल बच्चों को भी रोजगार मिलेगा। एक सिम्बायसिस यूनिवर्सिटी का प्रपोजल आया है। ऐसे भी प्रपोजल है कि हमारी जो शासकीय आईटीआई है, वहां वे बच्चों को ट्रेंड करेंगे। उसके लिए इक्वपमेंट आदि लगाएंगे और उसके बाद जहां भी उनको जरूरत होगी, वे बच्चों को जॉब के लिए ले जाएंगे। कई तरह के प्रपोजल आए हैं और हम इन पर विचार करेंगे। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट तक उनमें से कुछ फाइनल करेंगे।
सीएमएमपी ने बताया की मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए जमीन समेत अन्य संसाधनों की क्या स्थिति है?
मध्यप्रदेश में लैंडबैंक हमारे पास तैयार है, आज भी 1 लाख 22 हजार एकड़ जमीन अलग-अलग हिस्सों में चिह्नित है। यदि किसी को चाहिए तो एक महीने में हम जमीन दे सकते हैं। एक क्लिक के माध्यम से आप देख सकते हैं कि हमारे पास कहां-कहां जमीन हैं। पसंद आए तो फिर जाकर आप देख आएं। मध्यप्रदेश में जमीन उपलब्ध है, तुलना करें मुंबई और पुणे से तो जमीन के दाम कम हैं।
मध्यप्रदेश पावर सरप्लस स्टेट है, हमारे पास पर्याप्त बिजली है। मध्यप्रदेश में इंडस्ट्री के लिए पानी हमने अलग से रिजर्व रखा है। आपको स्किल्ड मैनपावर प्रदान करने के लिए हमारे यहां आईटीआई हैं, कई और संस्थाएं हैं जो स्किल्ड मैनपावर तैयार करने का काम करती है। यदि इंडस्ट्री पहले बता देगी तो हम स्किल्ड कर के भी मैनपावर उपलब्ध करा देंगे।
मध्यप्रदेश शांति का टापू है, कहीं से भी कोई आता है तो हम उसे मध्यप्रदेश का ही मानते हैं। लॉ एंड ऑर्डर की कोई प्रॉब्लम मध्यप्रदेश में नहीं है। हमने श्रम कानूनों में सुधार किया है। हमारे यहां तीन पालियों में काम किया जा सकता है। बहनें भी काम कर सकती हैं।
लेबर लॉ में जो रिफॉर्म्स की जरूरत थी, वो मध्यप्रदेश में किया गया है। सिंगल विंडो भी हमने बनाई है और उसमें हर सेवा का निश्चित समय सीमा रखी है।
यदि हमारे पास प्रपोजल आते हैं तो प्रति सोमवार हम उद्योगपतियों को समय देते हैं, मुख्यमंत्री, उद्योगमंत्री, संबंधित विभाग के अधिकारी बैठते हैं प्रपोजल पर विचार करते हैं और उसको सिंगल टेबल पर ही क्लियर करने का काम करते हैं।
उद्योगों के लिए जो वातावरण चाहिए वो मध्यप्रदेश में बेहतर है। हमने संकल्प लिया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था भारत को बनाना है तो हमने भी लक्ष्य तय किया है कि वर्ष 2026 तक मध्यप्रदेश को 550 बिलियन की अर्थव्यवस्था बनाएंगे। इसके लिए निवेश जरूरी है। इसलिए हम सारे प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया की मध्यप्रदेश में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए सरकार की क्या तैयारियां हैं?
11 और 12 जनवरी 2023 को मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट है, जिसमें देश और विदेश से इन्वेस्टर्स आएंगे। इसके पहले 8,9 और 10 जनवरी को एनआरआई सम्मेलन मध्यप्रदेश में होगा। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री जी करेंगे। समापन राष्ट्रपति जी के हाथों होगा। उसकी तैयारी भी हम कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि प्रदेशों में निवेश के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो, इससे हमारा देश एवं प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा।