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मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही श्रद्धांजलि के बाद दिवंगतों के सम्मान में 14 सितम्बर तक के लिए स्थगित हुई

सदन की कार्यवाही बुधवार दिनांक 14 सितम्बर, 2022 को 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की

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  •  मध्यप्रदेश विधानसभा 13 सितंबर, 2022 को पूर्वाह्न 11.01 बजे जैसे ही समवेत हुई विधानसभा के स्पीकर श्री गिरीश गौतम पीठासीन हुए। सदन में राष्‍ट्रगीत "वन्‍देमातरम्" का समूह गान किया गया। इसके पश्चात विधानसभा की कार्यवाही आगे बढ़ी। मध्‍यप्रदेश विधान सभा में मुख्‍य प्रतिपक्षी दल, इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी द्वारा निर्वाचित विधायक दल के नेता डॉ. गोविन्‍द सिंह, सदस्‍य, को सदन में स्‍थायी आदेश की कण्डिका 92 (3) की अपेक्षानुसार दिनांक 29 अप्रैल, 2022 को विधिवत् नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्‍यता प्रदान कर दी गई है। बाद में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को बधाई एवं शुभकामना दी गई।

 

मध्यप्रदेश विधानसभा 13 सितंबर, 2022 को पूर्वाह्न 11.01 बजे जैसे ही समवेत हुई विधानसभा के स्पीकर श्री गिरीश गौतम पीठासीन हुए। सदन में राष्‍ट्रगीत “वन्‍देमातरम्” का समूह गान किया गया। इसके पश्चात विधानसभा की कार्यवाही आगे बढ़ी। मध्‍यप्रदेश विधान सभा में मुख्‍य प्रतिपक्षी दल, इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी द्वारा निर्वाचित विधायक दल के नेता डॉ. गोविन्‍द सिंह, सदस्‍य, को सदन में स्‍थायी आदेश की कण्डिका 92 (3) की अपेक्षानुसार दिनांक 29 अप्रैल, 2022 को विधिवत् नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्‍यता प्रदान कर दी गई है। बाद में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को बधाई एवं शुभकामना दी गई।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान यह भारतीय लोकतंत्र की अद्भुत, अभूतपूर्व और लोकतंत्र को गौरवान्वित करने वाली घटना है कि एक जनजातीय आदिवासी परिवार में पैदा हुई बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आज भारत की राष्‍ट्रपति हैं. अत्‍यंत सहज, सरल और जुझारू जब से उन्‍होंने होश संभाला आपने आपको गरीबों की सेवा में लगाने का काम किया है।

नगर पालिका जैसी संस्‍था से उन्‍होंने अपना सार्वजनिक जीवन प्रारंभ किया, लेकिन जिस पद पर भी वह रहीं जैसा कि आपने उल्‍लेख किया वह उड़ीसा विधान सभा की अध्‍यक्ष रहीं, मंत्री पद पर रहीं, विभिन्‍न विभागों के काम को उन्‍होंने ढंग से प्रशासनिक दक्षता का परिचय देते हुए संभाला और बाद में वह झारखंड की राज्‍यपाल भी रहीं. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, व्‍यक्‍तिगत जीवन में उन्‍होंने इतने आघात सहे, उनके पुत्र चले गये. अब पुत्र का जाना अपने आप में एक आघात होता है कि सम्‍भल ही नहीं पाते. लेकिन उन्‍होंने हिम्‍मत नहीं हारी. उन्‍होंने धैर्य रखा और सार्वजनिक जीवन में जनता की सेवा का काम झारखंड की राज्‍यपाल के नाते वह निरन्‍तर करती चली गईं।

यह सदन जानता होगा, जब एक ऐसा विधेयक सदन में आया. तत्‍कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार लेकर आयी थी तो उन्‍होंने उसको स्‍वीकार करने से इंकार किया था जो वह समझती थीं कि ठीक नहीं है, उस पर डटकर फिर वह अपनी बात रखती थीं. जब वह झारखंड की राज्‍यपाल नहीं रहीं तो चुपचाप अपने गांव में जाकर वह निवास करती थीं, लोगों की सेवा करती थीं, मंदिर में जाती थीं, मंदिर की सफाई करती थीं और जिस दिन उन्‍हें राष्‍ट्रपति पद का उम्‍मीदवार घोषित किया गया और लगभग यह तय था कि वे राष्‍ट्रपति बनेंगी तो सूचना के बाद भी अप्रभावित रहते हुए सुबह शिव मंदिर में झाड़ू लगाने गयीं. अपने नियम को उन्‍होंने नहीं तोड़ा. वे भोपाल भी आयीं थीं. तब हमने उनकी सहजता और सरलता में बुद्धिमता के भी अद्भुत दर्शन किए थे।

यह देश गौरवान्‍वित है और यह शायद भारत में ही संभव है कि एक गरीब, आदिवासी परिवार में जन्‍म लेकर कोई बहन भारत के सर्वोच्‍च पद तक पहुंच जाती है. मैं अपनी ओर से और इस सदन की ओर से, यह मेरा अपना विश्‍वास है जैसे आपने अपना विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है उनका कार्यकाल हमारी संवैधानिक व्‍यवस्‍थाओं, संस्‍थाओं को और पुष्‍ट भी करेगी, समृद्ध भी करेगी और जनता की सेवा का अलग इतिहास भी रचेगी और पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ायेंगी. उनको बधाई भी और अनंत शुभकामनाएं।

तत्पश्चात सदन में श्री जगदम्‍बा प्रसाद निगम, भूतपूर्व सदस्‍य विधान सभा,श्री कन्‍हैयालाल दांगी, भूतपूर्व सदस्‍य विधान सभा, श्री रणजीत सिंह गुणवान, भूतपूर्व सदस्‍य विधान सभा,श्री शिवमोहन सिंह, भूतपूर्व सदस्‍य विधान सभा., श्रीमती सरोज कुमारी, भूतपूर्व सदस्‍य विधान सभा, श्रीमती गायत्री देवी परमार, भूतपूर्व सदस्‍य विधान सभा, श्री सुखराम, पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री.,श्री चक्रधारी सिंह, भूतपूर्व संसद सदस्‍य., ज्‍योतिर्मठ बद्रीनाथ और द्वारका-शारदा ज्‍योतिष पीठाधीश्‍वर शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती,जम्‍मू के कुपवाड़ा बार्डर पर दुश्‍मनों से मुठभेड़ के दौरान शहीद जवान,जम्मू के सुजवान सेक्‍टर में आतंकी हमले में शहीद जवान,गुना जिले के आरोन के जंगलों में काले हिरण के शिकारियों से मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मी, उत्‍तराखंड के उत्‍तरकाशी जिले के डामटा में बस के खाई में गिरने से तीर्थयात्रियों की मृत्‍यु जम्‍मू के दुर्गमूला में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद जवान,धार-खरगौन बार्डर पर नर्मदा नदी पर बने खलघाट पुल से यात्री बस गिरने से यात्रियों की मृत्‍यु, तथा भारत-बांग्‍ला देश सीमा पर उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद जवान को सदन द्वारा 2 मिनट मौन खड़े होकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
अध्यक्ष गिरीश गौतम ने दिवंगतों के सम्मान में सदन की कार्यवाही बुधवार दिनांक 14 सितम्बर, 2022 को 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की।

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