मध्यप्रदेश में पहली बार अति उच्चदाब विद्युत सब स्टेशन ढ़ीमरखेड़ा रिमोट से ऊर्जीकृत
मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी
- आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। कंपनी ने नव-निर्मित अति उच्चदाब सब-स्टेशनों को रिमोट से संचालित करने की महत्वाकांक्षी योजना में कटनी जिले में 48 करोड़ 26 लाख रूपये की लागत से निर्मित 132 के.व्ही. सब-स्टेशन ढ़ीमरखेडा (मुरवारी) को मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार रिमोट (हयूमन मशीन इंटरफेस) के जरिये ऊर्जीकृत किया।
आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। कंपनी ने नव-निर्मित अति उच्चदाब सब-स्टेशनों को रिमोट से संचालित करने की महत्वाकांक्षी योजना में कटनी जिले में 48 करोड़ 26 लाख रूपये की लागत से निर्मित 132 के.व्ही. सब-स्टेशन ढ़ीमरखेडा (मुरवारी) को मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार रिमोट (हयूमन मशीन इंटरफेस) के जरिये ऊर्जीकृत किया। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस उपलब्धि पर मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कर्मचारी-अधिकारियों को बधाई दी है।
मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने 132 के.व्ही. ढ़ीमरखेडा सब-स्टेशन को 50 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर के साथ रिमोट से ऊर्जीकृत करने में सफलता प्राप्त की है। इस नवाचार को मध्यप्रदेश में निर्मित होने वाले प्रत्येक सब-स्टेशन में लागू किया जायेगा। इस सब-स्टेशन को अब मानव रहित संचालन के लिए विकसित किया जा रहा है। इसे जबलपुर स्थित मास्टर कंट्रोल रूम से भी संचालित किया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी कटनी परीक्षण संभाग में पदस्थ इंजी. अभिषेक मिश्रा और स्काडा कंट्रोल सेंटर जबलपुर के इंजीनियर अतुल अग्रवाल के तकनीकी कौशल और दूरगामी सोच ने मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी की इस महत्वकांक्षी योजना को सफलता दिलायी है। सब-स्टेशन ढ़ीमरखेडा को रिमोट के जरिये ऊर्जीकृत करने में बड़ा योगदान इंजी. अभिषेक मिश्रा का रहा है, जिन्होंने आटोमेशन के इस दूसरे चरण का कार्य स्वप्रेरित होकर पहले चरण में ही पूरा कर लिया|
श्री अभिषेक मिश्रा के नवाचार के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए श्री अग्रवाल ने ढ़ीमरखेड़ा उपकेंद्र को हयूमन मशीन इंटरफेस से ऊर्जीकृत करने के लिए जबलपुर स्काडा सेंटर में आवश्यक तकनीकी परिवर्तन किया।
दोनों अभियंता ने रिमोट संचालन के लिये आवश्यक सभी वायरिंग कनेक्शन के कार्य सब-स्टेशन निर्माण के साथ ही इतनी दक्षता से करवा लिये थे कि सब-स्टेशन की रिमोट चार्जिंग पहले ही प्रयास में सफल हो गई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके लिये मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को किसी बाहरी एजेंसी की सहायता नहीं लेनी पड़ी।