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भाजपा ने एमपी के किसानों एवं विकास के साथ हमेशा छल किया-अभय दुबे कांग्रेस मीडिया विभाग

मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा प्रदेश के किसानों एवं विकास के साथ निरंतर छल किया जा रहा है। विगत दिनों भी कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसदों को पत्र लिखा था और अनुरोध किया था कि केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश के हक की राशि दिलाने के लिए सभी को संयुक्त प्रयास करने होंगे । मगर ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष सभी मध्यप्रदेश के साथ बीते विधानसभा चुनाव में अपनी हार की निराशा में मध्यप्रदेश के विकास के साथ प्रतिशोध ले रहे है । मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कर दो बड़े खुलासे किये। पहला कि प्रदेश के विकास की महत्वपूर्ण योजनाओं में केन्द्र सरकार ने 2019-20 की केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में से बहुत बड़ी राशि अब तक मध्यप्रदेश को नहीं दी है जिससे प्रदेश के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है । विभिन्न 22 योजनाओं में जहां 2019-20 के लिए बजट का प्रावधान 32713 करोड़ है वहां मात्र 31 अक्टूबर 2019 तक 9045 करोड़ रूपये निम्न योजनाओं में दिए हैं दिए गए है।

1 राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
2 सममिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन
3 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
4 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
5 हाउसिंग फार आल
6 अटल मिशन फार रिजुवेशन एंड अरबन ट्रान्सफार्मेशन
7 स्मार्ट सिटी
8 स्वच्छ भारत
9 समग्र शिक्षा अभियान
10 ग्राम स्वराज अभियान
11 विशेष पिछड़ी जाति का विकास
12 आदिवासी उपयोजना विकास क्षेत्र अनुच्छेद
13 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेन्शन
14 इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेन्शन
15 पाइपों द्वारा जल प्रदाय योजना
16 राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान
17 विशेष पोषण आहर योजना
18 प्रधानमंत्री आवास योजना
19 निर्मल भारत अभियान
20 राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
21 मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम
22 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने आगे बताया की इसके अलावा हाल ही में एक बड़ा कुठाराघात मध्यप्रदेश के साथ किया गया है लगभग तीन से चार दिन पहले केन्द्र सरकार के उभोक्ता मामले के मंत्रालय ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 73.7 लाख मेट्रिक टन गेहू में से 6.45 लाख मेट्रिक टन गेहू का पैसा देने से साफ इंकार कर दिया है । अर्थात लगभग 1400 करोड़ रूपये का भार मध्यप्रदेश पर डाल दिया है । उन्होंने कहा है कि चूंकि किसानों को मध्यप्रदेश की सरकार ने प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है इसलिए वे उतना ही गेहूं मध्यप्रदेश से लेंगे जितना सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए लगता है । ऐसा प्रतीत होता है कि यह कार्यवाही मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के इशारे पर की गई है । क्योंकि मोदी सरकार ने आते ही जून माह में देश के सभी राज्यों को यह सरक्यूलर भेजा था कि कोई भी राज्य समर्थन मूल्य के उपर प्रोत्साहन राशि की घोषणा ना करे । मगर मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने प्रोत्साहन राशि की घोषणा की उनकी अतिरिक्त खरीद पर केन्द्र ने कोई कार्यवाही नहीं की और मध्यप्रदेश में चूंकि कांग्रेस की सरकार है इसलिए किसानों के हक पर यह हल्ला बोला गया है ।
उन्होंने बताया की पहले ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने जो गेहूं पर प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है, उससे किसानों को लगभग 1200 करोड़ रूपये मध्यप्रदेश सरकार अपने पास से देगी और केन्द्र सरकार के इस कुठाराघात से मध्यप्रदेश का किसान बेहद आहात है ।

अभय दुबे ने बताया की केन्द्र सरकार ने इसके पहले 18-19 में केन्द्रीय करों के हिस्सों में से मध्यप्रदेश के 2677 करोड रूपये कम कर दिए थे । खरीफ 2017 और 2018 के भावान्तर के 1017 करोड़ रूपये अब तक नहीं दिए है । इसी प्रकार 2018-2019 में केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के 6547 करोड़ रूपये काट दिए थे। बेहद शर्मनाक बात तो यह है कि हाल ही में मध्यप्रदेश के नागरिकों ने अतिवृष्टि और बाढ़ की विभिषिका का सामना किया । राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और इन्टर मिनिस्ट्रिरियल गुरुप के सामने राहत राशि के 6621.28 करोड़ रूपये की मांग की मगर आज दिनांक तक केन्द्र सरकार ने उसके दृष्टिगत एक फूटी कोडी नहीं दी और भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय मंत्री, प्रादेशिक नेता, मध्यप्रदेश का उपहास अलग उड़ा रहे है ।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी भाजपा के सभी सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं वरिष्ठ नेताओं को एक अनुरोध पत्र लिखेगी ।

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