एमपी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
- प्रकोष्ठ समावेशी समाज उत्थान का एकजुट और एकमत प्रयास : राज्यपाल श्री पटेल योजनाओं पर प्रकोष्ठ की रहेगी नज़र, जनजातीय विकास को मिलेगी नई गति : मुख्यमंत्री श्री चौहान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ कार्यालय का किया शुभारंभ
प्रकोष्ठ समावेशी समाज उत्थान का एकजुट और एकमत प्रयास : राज्यपाल श्री पटेल
योजनाओं पर प्रकोष्ठ की रहेगी नज़र, जनजातीय विकास को मिलेगी नई गति : मुख्यमंत्री श्री चौहान
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ कार्यालय का किया शुभारंभ
मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ कार्यालय का शुभारंभ किया। सांदीपनि सभागार में जनजातीय प्रकोष्ठ कार्यालय के शुभारंभ कार्यक्रम में वन मंत्री कुंवर विजय शाह, जन-प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय समाज के उत्थान के लिए एकजुट और एकमत प्रयासों से जनजातीय विकास की दिशा में एक नया अध्याय लिखने का ऐतिहासिक अवसर जनजातीय प्रकोष्ठ का गठन है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के साथ विकास के लिए सबका साथ, विश्वास और सबका प्रयास जरूरी है। सामाजिक समरसता के लिए दिल और दिमाग के साथ कार्य करने के साथ आचरण और व्यवहार करना भी जरूरी है। उन्होंने जनजातीय कल्याण, पेसा एक्ट क्रियान्वयन और अनुवांशिक रोग सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों सहरिया, बैगा तथा भारिया के लिए दो-दो मवेशी पालन की इकाई प्रदान करने की योजना के संबंध में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के साथ समन्वय करना चाहिए। योजना से सतत आजीविका की व्यवस्था होगी। परिवार के बच्चों के पोषण प्रयासों में भी मज़बूती आएगी। उन्होंने प्रकोष्ठ से अपेक्षा की है कि जनजातीय विकास कार्यों की जमीनी हकीकत के अनुसार विकास के कार्यक्रम और योजनाओं को संवैधानिक दायरे में निर्मित और क्रियान्वित कराने का दायित्व ग्रहण करें। साथ ही लघु वन उत्पादों, स्थानीय क्षेत्रों में उपलब्ध खनिजों पर स्थानीय जनजातियों का अधिकार सुनिश्चित कराने, अनुसूचित क्षेत्रों में सक्रिय अशासकीय संस्थाओं के साथ समन्वय और सामंजस्य के कार्य भी जरूरी है। उन्होंने जनजातीय कार्य विभाग को जनजाति समूहों के लिए बनी केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी, प्रावधान, प्रगति की नियमित समीक्षा और जनजातीय प्रकोष्ठ को रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत शासन के पास पहुँचना आवश्यक है। प्रकोष्ठ की इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका है। योजनाओं पर प्रकोष्ठ की सीधी नज़र और सुझावों से जनजातीय कल्याण के कार्यों को नई गति मिलेगी एवं उनका क्रियान्वयन अधिक प्रभावी तरीके से सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार सामाजिक समरसता के साथ सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के कल्याण और विकास के लिए अभियान के रूप में कार्य कर रही है। जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर राशन आपके ग्राम, देवारण्य योजनाओं का निर्माण और पेसा एक्ट का चरणबद्ध क्रियान्वयन इस अभियान का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इमारती लकड़ी की आय का 20 प्रतिशत भाग सीधे वन समिति को जाएगा। सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार, वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के साथ अगले सत्र से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तेंदूपत्ता कार्य स्थानीय लोगों को देने का प्रयास भी किया जाएगा।
अध्यक्ष जनजातीय प्रकोष्ठ श्री दीपक खांडेकर ने बताया कि जनजातीय विकास से संबंधित विषयों पर प्रकोष्ठ द्वारा समन्वय का कार्य किया जाएगा। उन्होंने प्रकोष्ठ के सदस्यों और प्रकोष्ठ की भूमिका की जानकारी दी। प्रकोष्ठ के सचिव श्री बी.एस. जामोद ने आभार माना। शुभारंभ कार्यक्रम में राजभवन के सांदीपनि सभागार में भील एवं गोंड जनजाति के लोक नृत्य भगोरिया, सैला और कर्मा की जनजातीय कला मंडल के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई।