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मध्यप्रदेश में बाढ़ से अस्त-व्यस्त हुई जन सुविधाओं को फिर से प्रारंभ करने के लिए जिलों का प्रशासनिक अमला और सामाजिक संगठन कार्यों की गति बढ़ाएं – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टास्क फोर्स की पहली बैठक में दिये निर्देश

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के कुछ जिलों में अतिवर्षा और बाढ़ ने जिस तरह जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, अब पुन: व्यवस्थाओं को बनाने का काम एक चुनौती है। यह कार्य जिलों के प्रशासन, राज्य शासन द्वारा गठित टास्क फोर्स और नागरिकों के सहयोग से पूरा करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित होने से अधोसंरचना एवं निजी चल-अचल संपत्तियों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। पहली प्राथमिकता बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों,मलबे के ढेर को साफ करने, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, रोग न फैलने देने,विद्युत व्यवस्था ठीक करने और प्रभावित लोगों को अनाज एवं भोजन उपलब्ध कराने की है। इसके लिए सभी संबंधित मंत्री,अधिकारी और सामाजिक संगठन व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज शाम निवास से वीडियो कांफ्रेंस द्वारा प्रदेश के कुछ जिलों में आई बाढ़ के संदर्भ में गठित टास्क फोर्स की प्रथम बैठक में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने राहत कार्यों के बारे में विस्तार से पूछा और निर्देश प्रदान किये। बैठक में संबंधित मंत्री और अधिकारी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टास्क फोर्स की प्रथम बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित नागरिकों की सहायता में कोई कसर छोड़ी नहीं जाए। नियमित रूप से दिये जाने वाले खाद्यान्न के अलावा बाढ़ प्रभावितों को 50 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाये। कलेक्टर्स, अनाज के स्थान पर आटा प्रदाय कर प्रभावित परिवारों को राहत दें सकते हैं। बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर और चंबल संभाग में संचालित राहत कार्यों की जानकारी प्राप्त की । मुख्यमंत्री श्री चौहान राहत कार्यों के संबंध में रविवार को कलेक्टर्स से भी अलग-अलग चर्चा कर विवरण प्राप्त करेंगे।

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने बाढ़ से उत्पन्न परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए राहत एवं पुनर्वास कार्यों के प्रभावी प्रबंधन के लिए, क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण और आम नागरिकों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति का आकलन तथा पुनर्वास की सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स गठित किया है। टास्क फोर्स में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, , लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, जल संसाधन मंत्री श्री तलसीराम सिलावट, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह, कृषि मंत्री श्री कमल पटेल मंत्री,राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत, स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी, पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री डॉ महेंद्र सिंह सिसौदिया, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, , लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव, शामिल हैं ।

बैठक में प्रस्तुतिकरण, मंत्रियों और अधिकारियों ने दी जानकारी

टास्क फोर्स की प्रथम बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा और प्रमुख सचिव राजस्व एवं मुख्यमंत्री कार्यालय श्री मनीष रस्तोगी ने प्रदेश में वर्षा और बाढ़ की स्थिति, संचालित राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। विभिन्न मंत्रीगण ने भी बाढ़ग्रस्त जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों को दी जा रही सहायता के बारे में बताया। वर्तमान में प्रदेश के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सेना के तीन हेलिकाप्टर, एनडीआरएफ के 8 दल, सेना के 5 दल कार्य कर रहे हैं। आज शनिवार को गुना और अशोकनगर से 198 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर बाढ़ की स्थिति से निकाला गया। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के पश्चात करीब 15 हजार नागरिक शिविरों में सुरक्षित किये गये। अब तक करीब 25 हजार मकानों के नुकसान की जानकारी मिली है। मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इंदौर से 22 मशीनें श्योपुर कला भेजी गई हैं। मृत मवेशियों को दफनाने के कार्य में भी अमला लगा है। ट्रेक्टर ट्राली की व्यवस्था कर पेयजल व्यवस्था और सफाई व्यवस्था की जा रही है। मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने बताया ग्वालियर से दो ट्रक खाद्यान्न और अन्य सामग्री शिवपुरी और श्योपुर कला रवाना की गईं। मंत्री श्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धान की फसल और अन्य किसानों की बोवनी एवं कृषि कार्य की समस्याओं की जानकारी दी। बैठक में सहकारिता मंत्री श्री अरविंद भदौरिया और मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस भी उपस्थित थे।

सीएम ने टास्क फोर्स की पहली बैठक में जो प्रमुख निर्देश दिए वे इस प्रकार हैं:-
• राजस्व विभाग क्षति के आकलन का कार्य पारदर्शी तरीके से करे। पात्र व्यक्ति न छूटे। पंचायत भवन में सूची भी लगाई जाये।
• नगरीय प्रशासन और अन्य विभागों द्वारा नगरों,कस्बों और ग्रामों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जरूरी कीटनाशक का छिड़काव भी किया जाये।
• स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ के पश्चात मलबे के ढेर और गंदगी से रोग न फैलें, यह सुनिश्चित किया जाए। आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध करवाई जायें।
• ऊर्जा विभाग क्षतिग्रस्त विद्युत पोल,विद्युत केंद्र की व्यवस्थाएं दुरस्त करें। सभी ग्रामों में विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करें।
• खाद्य विभाग उपभोक्ताओं को राशन और अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदाय करे।
• लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करे, आवश्यक पॉवडर का छिड़काव कर जलस्रोतों को शुद्ध करने का कार्य भी हो।
• कृषि और सहकारिता विभाग मंडियों में अनाज की सुरक्षा आगामी फसलों के संबंध में किसानों के मार्गदर्शन का कार्य करे।
• पशुपालन विभाग पशुधन की हानि पर और पशुओं के स्वास्थ्य एवं उपचार के कार्य को पूरा करें।
• गृह विभाग आपदा दलों के साथ आवश्यक समन्वय करें। नगर एवं ग्राम रक्षा समितियां सजग रहकर भूमिका निभाएं। संचार व्यवस्था भी सुचारू बनाई जाये।

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