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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों का दु:ख साझा कर आगे के जीवन के लिए दिया हौसला माता-पिता के भाव से बच्चों का ध्यान रखें अभिभावक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोविड-19 बाल सेवा योजना के अंतर्गत बच्चों और अभिभावकों से किया संवाद

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की लहर में अनाथ हो गए बच्चों और बच्चों के अभिभावकों से बातचीत की। बच्चों का दु:ख साझा करते हुए आगे के जीवन के लिए उन्हें हिम्मत और हौसला दिया। आज निवास से मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना आरंभ करने के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न जिलों में प्रभावित हुए बच्चों से उनकी परिस्थितियों की जानकारी ली और इस संघर्ष का सामना करने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस कठिन दौर में आर्थिक सहायता हो या पढ़ाई की व्यवस्था हर कदम पर सरकार आपके साथ है।

बच्चों को सहायता, संबल, सहानुभूति और उत्साहवर्धन सब की जरूरत है

भोपाल के दर्पण सोनी इंजीनियरिंग कर रहे हैं और उनकी बहन अर्पणा सोनी डॉक्टर बनने के लिए नीट परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। भोपाल के जयंत पठारिया, विदिशा इंजीनियरिंग कॉलेज में तृतीय वर्ष के छात्र हैं। रतलाम की पल्लवी सोनी की बीबीए की पढ़ाई बीच में है और उसके दो छोटे भाई बहन भी हैं। इसी तरह ग्वलियर के धर्मेंद्र आर्य 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं और उनकी एक छोटी बहन भी है। ग्वालियर की ही कुमारी काजल राजे की तीन छोटी बहनें हैं। 18 वर्ष से बड़े इन सब बच्चों के सर से माता-पिता का साया उठ चुका है। इन्हें सहायता, संबल, सहानुभूति और उत्साहवर्धन सब की जरूरत है।

अभिभावकों को जिम्मेदारी निभाना है

दूसरी तरफ सतना की श्रीमती गीता चौरसिया अपनी बहन की बेटी को संभाल रही हैं। सतना के रिटार्यड स्टेशन मास्टर श्री गौरे लाल त्रिपाठी पर अपने दो पोतों की जिम्मेदारी आन पड़ी है। टीकमगढ़ के श्री अय्यूब खान और श्री राजेश जैन अपने अपने भाईयों के तीन-तीन बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। बुरहानपुर के लूम मजदूर शेख शफीक रहमान को अब अपने छोटे भाई को सहारा देना है। जबलपुर के श्री कैलाश सोनी और श्री देवेन्द्र नायडू पर अपने अपने छोटे भाईयों के बच्चों की जिम्मेदारी आ गई है। यह सब बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के हैं।

काजल राजे का पुन: स्कूल में एडमीशन करायें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज के कार्यक्रम में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी बच्चों से व्यक्तिगत रूप से बात की। उनके जीवन के लक्ष्यों, परिस्थतियों के बारे में जानकारी ली और उन्हें मदद का आश्वासन देते हुए उनकी हिम्मत बढ़ाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उन्हें मन लगाकर पढ़ने, माता-पिता का रोज स्मरण करने, निरंतर परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर की काजल राजे का पुन: स्कूल में एडमीशन कराने और छोटी बहनों का एडमीशन पास के स्कूल में कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह समय आपकी परीक्षा का समय है। संसार के कई महान लोग बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में बड़े हुए हैं जीवन के संघर्षों ने उन्हें अंदर से और अधिक मजबूत बनाया तथा उन्होंने लोगों का पथ-प्रदर्शन किया। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी विवेकानंद और आदिशंकराचार्य का उदाहरण दिया।

माता-पिता के भाव से बच्चों का ध्यान रखें अभिभावक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी अभिभावकों से वर्चुअली व्यक्तिगत रूप से बात कर बच्चों की चिंता करने, उन्हें भरपूर स्नेह देने, अच्छा व्यवहार देने और माता-पिता के भाव से इन बच्चों का ध्यान रखने का निवेदन किया।

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