मध्यप्रदेश में 12वीं के रिजल्ट का फार्मूला हुआ तय,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष शिक्षा पर गठित मंत्री समूह ने प्रस्तुत की अनुशंसाएँ
शैक्षणिक संस्थानों में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन अनिवार्य
कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष शिक्षा पर गठित मंत्री समूह ने प्रस्तुत की अनुशंसाएँ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कक्षा 12वीं के अंकों का निर्धारण कक्षा 10वीं के विभिन्न विषयों में प्राप्त अंकों को बेस्ट ऑफ फाइव के आधार पर किया जाए। यदि विद्यार्थी परिणाम सुधारना चाहते हैं तो वे परीक्षा देकर परिणाम सुधार सकते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में शासकीय और निजी शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों में कोविड -19 के दौरान भविष्य की रणनीति के संबंध में गठित मंत्री समूह की अनुशंसाओं पर मंत्रालय में चर्चा कर रहे थे।
खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया वर्चुअली सम्मिलित हुईं। बैठक में जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार और आयुष राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कावरे उपस्थित थे। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।
प्रदेश में एक जुलाई से नहीं खुलेंगे स्कूल
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक जुलाई से स्कूल नहीं खुलेंगे। ऑनलाइन और टीवी के माध्यम से ही पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी। स्कूल खोलने के महत्वपूर्ण निर्णय के संबंध में केंद्र सहित अन्य राज्यों और विशेषज्ञों से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
जनजातीय क्षेत्रों में शैक्षणिक गतिविधियों के लिए दूरदर्शन का सहयोग लिया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में ऑन-लाइन और हाईब्रिड आधार पर अर्थात वाट्सएप और डिजिटल संसाधनों और टीवी आदि के माध्यम से भी शैक्षणिक गतिविधियाँ जारी रहें। क्लस्टर स्तर पर टीवी उपलब्ध कराने और शाला स्तर पर डिवाइज पूल बनाने जैसी गतिविधियाँ संचालित की जाएँ। जनजातीय क्षेत्रों में शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन में दूरदर्शन से सहयोग लिया जाएगा।
शिक्षण संस्थाओं को बनाया जाएगा कोरोना सेफ
मंत्री समूह द्वारा नवीन शैक्षणिक सत्र में संस्थाएँ खोले जाने के संबंध में सभी हितग्राहियों जैसे विद्यार्थी, पालक, संस्था प्रमुख, शिक्षकों और आम नागरिकों से सुझाव प्राप्त कर अनुशंसाएँ प्रस्तुत की गईं। प्राप्त अनुशंसाओं के अनुसार शिक्षकों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जाएगा। शैक्षणिक संस्थाओं में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपायों पर विशेष प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। शिक्षण संस्थाओं को कोरोना सेफ बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ विकसित की जाएंगी।
तकनीकी शैक्षणिक संस्थाएँ
मंत्री समूह के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि तकनीकी शैक्षणिक संस्थाओं में नवीन सत्र का शुभारंभ द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की इंजीनियरिंग कक्षाओं के लिए 2 अगस्त से होगा। प्रथम वर्ष इंजीनियरिंग की कक्षाएँ 15 सितम्बर से आरंभ होंगी। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष डिप्लोमा की कक्षाएँ 17 अगस्त से, आई.टी.आई की द्वितीय वर्ष की कक्षाएँ 12 जुलाई से और आई.टी.आई की प्रथम वर्ष की कक्षाएँ 16 अगस्त से आरंभ होंगी। प्रथम वर्ष इंजीनियरिंग में प्रवेश जेईईई मेन्स तथा मध्यप्रदेश हायर सेकेण्डरी बोर्ड की 12वीं परीक्षा परिणाम के आधार पर होगा। प्रथम वर्ष डिप्लोमा में प्रवेश के लिए हाई स्कूल परीक्षा परिणाम को आधार माना जाएगा। आई.टी.आई की प्रवेश प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूर्ण कर ली जाएगी।
विद्यार्थियों को कोरोना पेडेंमिक प्रबंधन की ट्रेनिंग
पैरामेडिकल डिग्री/डिप्लोमा पात्रता परीक्षाएँ जून-जुलाई माह में होंगी। पैरामेडिकल सर्टिफिकेट परीक्षाएँ जुलाई माह में ली जाएगी। बी.एस.सी. एवं एम.एस.सी. नर्सिंग की परीक्षाएँ मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा जुलाई माह में आयोजित की जाएंगी। मेडिकल एवं दंत चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राज्य सरकार द्वारा नीट, यू.जी./पी.जी. की परीक्षा उपरांत सत्र आरंभ किया जाएगा। कक्षाएँ ऑफलाइन पद्धति से संचालित होंगी। कोरोना पेडेंमिक तीसरी लहर की तैयारी के तहत प्रारंभ के 15 दिवस में विद्यार्थियों को कोरोना पेडेंमिक प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी।
उच्च शिक्षा
मंत्री समूह द्वारा प्रस्तुत अनुशंसाओं में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत ओपन बुक परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम के संबंध में बताया गया कि स्नातक तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम जुलाई 2021 में, स्नातक प्रथम/द्वितीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएँ जुलाई 2021 में और स्नातक प्रथम/द्वितीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम अगस्त 2021 में जारी किए जाएंगे।
स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के लिए प्रवेश प्रक्रिया एक अगस्त से आरंभ होगी। स्नातक द्वितीय तथा तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की कक्षाओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया एक से 30 अगस्त 2021 तक चलेगी। स्नातक प्रथम, द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के लिए नवीन सत्र एक सितम्बर से आरंभ होगा। जिला आपदा प्रबंधन समिति के परामर्श पर महाविद्यालयवार समय सारणी अनुसार विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत भौतिक उपस्थिति के साथ कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। प्रयोगशालाओं का संचालन विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ किया जाएगा। छात्रावासों और ग्रंथालय विद्यार्थियों की भौतिक रूप से उपस्थिति के साथ चरणबद्ध रूप से आरंभ किए जाएंगे।
क्लीनिकल विषय पर 6-6 छात्रों के समूह में लगेंगी कक्षाएँ
मंत्री समूह द्वारा अनुशंसा की गई है कि आयुष से संबंधित संस्थाओं में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के प्रवेश नीट परीक्षा 2021 के परीक्षा परिणाम उपरांत ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से सम्पन्न कराए जाएंगे। आयुष पाठ्यक्रम की कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन मोड में जारी रहेगा। क्लीनिकल विषय के लिए कैम्पस में भौतिक रूप से छात्रों के 6-6 के समूह बनाकर उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
आयुष के अंतर्गत समस्त परीक्षाएँ ऑफलाइन मोड में संचालित की जाएंगी। बीएएमएस की परीक्षाएँ 7 जुलाई से 25 अगस्त तक, बीएचएमएस की परीक्षाएँ 30 जून से 24 जुलाई तक और बीयूएमएस की परीक्षाएँ 30 जून से 30 जुलाई तक आयोजित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि समस्त शैक्षणिक गतिविधियों में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण और शैक्षणिक परिसरों में कोविड अनुकूल व्यवहार के अनुसरण की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए। जिनका वैक्सीनेशन नहीं होगा, उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाए।