स्व-रोजगार की योजनाओं में उद्यमियों को ऋण प्राप्त करना आसान होना चाहिए- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संकट में पैकेज उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र का माना आभार
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप के संबंध में दी जानकारी
प्रदेश में जारी संरचनात्मक सुधारों से कराया गया अवगत
मुख्यमंत्री श्री चौहान, केन्द्रीय वित्त मंत्री की वर्चुअल बैठक में हुए सम्मिलित
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण रमन का प्रदेश को कोविड संकट से उबारने के लिए आभार माना। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में 20 लाख करोड़ के आत्म-निर्भर पैकेज से मध्यप्रदेश को भी पर्याप्त संबल मिला। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार के कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ से अधिक के प्रावधान के परिणाम स्वरूप ही प्रदेश में सबको मुफ्त में वैक्सीन लगाना संभव हो पाया है। राज्य में विभिन्न शासकीय सम्पत्तियों के उचित उपयोग और संवर्धन के लिए लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग का गठन किया गया है। राज्य सरकार द्वारा पीपीपी परियोजनाओं के माध्यम से राजस्व प्राप्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के साथ निवेश, अधोसंरचना और आर्थिक वृद्धि संबंधी वर्चुअल बैठक में जानकारी दे रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास से बैठक में सम्मिलित हुए। बैठक में वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा तथा प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकट की घड़ी में चार प्रकार के सुधार करने वाले राज्यों को केन्द्र द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने के लिए कर्ज लेने की सीमा राज्य सरकार के सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत तक किया गया। यह प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश ने चार सुधार कार्यों में से तीन को शतप्रतिशत रूप से पूर्ण किया। इनमें वन नेशन-वन राशन कार्ड, इज आफ डूइंग बिजनेस और नगरीय क्षेत्रों में सुधार शामिल हैं। विद्युत क्षेत्र में सुधार को अंशत: पूरा किया गया है। हमारा प्रदेश उन गिने-चुने राज्यों में से है, जिन्होंने तीन से अधिक सुधार किए हैं । इससे प्रदेश को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्म-निर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए लागू किए गए रोड मैप की जानकारी भी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि रोड मैप के मुख्य चार स्तंभ भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य तथा अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार हैं। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सीएम राइज स्कूलों की स्थापना, देवारण्य योजना, 13 एमएसएमई क्लस्टर्स का विकास, स्व-सहायता समूहों के बैंक लिंकेज, अटल प्रगति पथ और इसके दोनों ओर इंडस्ट्रियल कारीडोर के विकास और एक जिला एक उत्पाद जैसी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में स्व-रोजगार ,लघु उद्योग और व्यवसाय का महत्व है। प्रदेश में कार्यरत 3 लाख से अधिक महिला स्वसहायता समूहों को 2550 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। राज्य सरकार द्वारा युवा उद्यमियों और व्यवसायों को स्व-रोजगार के लिए ऋण पर ब्याज अनुदान भी उपलब्ध कराने संबंधी मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना आरंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-रोजगार व लघु उद्योग के लिए उद्यमियों को वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करना आसान होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वित्त मंत्री से बैंकों को स्व-रोजगार की योजनाओं में और अधिक सक्रिय होने के संबंध में निर्देश जारी करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा संरचनात्मक सुधार के अंतर्गत लोक सेवा गारंटी अधिनियम में सेवाओं को समय-सीमा में उपलब्ध कराने की व्यवस्था लागू की गई है। इसमें निर्धारित समय-सीमा से अधिक समय लगने पर जुर्माने की व्यवस्था है। प्रदेश में स्टार्ट योअर बिजनेस इन थर्टी डेज, सिंगल विंडो डेस्क सिस्टम, ई कोर्ट प्रणाली और भू-अभिलेख सिस्टम का इंटीग्रेशन और रेवेन्यू केस मेनेजमेंट सिस्टम क्रियान्वित किया गया है। खनिज क्षेत्रों की आवंटन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया गया है।