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स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक विधाओं का कार्यक्रम “अनुगूंज” 8-9 जनवरी को

स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक विधाओं का कार्यक्रम “अनुगूंज” 8-9 जनवरी को
भोपाल। भोपाल जिले के शासकीय स्कूलों के 500 से अधिक विद्यार्थी 8-9 जनवरी को रवीन्द्र भवन में अपनी सांस्कृतिक विधाओं का प्रदर्शन करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग बच्चों को उनकी प्रतिभा निखारने का अवसर प्रदान करने के लिये यह नवाचार कर रहा है। इसमें नृत्य, नाट्य, गायन, वादन के क्षेत्र के राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के मेंटर्स इन बच्चों के मार्गदर्शक होंगे। इस मंच को नाम दिया गया है ‘अनगूंज’। शिक्षा विभाग द्वारा यह नवाचार विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास एवं स्कूली शिक्षा को और अधिक रोचक बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है।

धनक में होंगे नृत्य एवं गायन
अनुगूंज कार्यक्रम में पहले दिन 8 जनवरी को ‘धनक’ के अंतर्गत नृत्य एवं गायन की आकर्षक प्रस्तुति होगी। प्रथम प्रस्तुति में मल्लारी (भरत नाट्यम) नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा, जिसमें भोपाल के लगभग 100 शासकीय विद्यालयों की 100 छात्राएँ मल्लारी के रूप में मंगल-कामना और स्तुति करेंगी। इसे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त और हाल ही में मध्यप्रदेश के शिखर सम्मान से सम्मानित नृत्य गुरु डॉ. लता सिंह मुंशीजी द्वारा तैयार कराया गया है।

मंगलम/मातृ भूमि वंदना/नारायण नमन
शास्त्रीय नृत्य की ओडिसी नृत्य शैली अपने माधुर्य एवं लयबद्धता के लिये लोकप्रिय है। इसमें सर्वमंगल की कामना के साथ मातृ भूमि और ईश आराधना को ताल एवं लय में पिरोया गया है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त ओडिसी नृत्यांगना सुश्री बिन्दु जुनेजा के मार्गदर्शन में भोपाल के लगभग 10 शासकीय विद्यालयों की 70 छात्राओं द्वारा यह प्रस्तुति दी जाएगी।

पंचु नांडव (मयूरभंज छाऊ)
शारीरिक लोच एवं बॉडी मूवमेंट के लिये प्रसिद्ध उड़ीसा के मयूरभंज के छाऊ लोक-नृत्य को भोपाल के 5 शासकीय विद्यालयों के 45 छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। प्रसिद्ध बैले नृतक श्री दयानिधि मोहंता और श्री उपेन्द्र मोहंता के मार्गदर्शन में यह लोक नृत्य तैयार किया गया है। इस नृत्य के माध्यम से गुरु द्रोणाचार्य द्वारा अपने पांडव शिष्यों के युद्ध कौशल के अभ्यास को दिखाया गया है।

एकाकार नृत्य
एकाकार नृत्य एक फ्यूजन नृत्य है। इसमें भरतनाट्यम्, कथक और लोक-नृत्य शैलियों का मिश्रण है। लगभग 100 स्कूली विद्यार्थी इस नृत्य की प्रस्तुति देंगे, जिसे प्रसिद्ध नृत्य साधक सुश्री श्वेता देवेन्द्र, सुश्री क्षमा मालवीया और श्री मिलिंद दाभाडे द्वारा तैयार कराया गया है।

स्वर नांदी
भोपाल के 16 शासकीय विद्यालयों के 90 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रकृति के स्वरों को गीत और लय में पिरोकर तैयार किये गये स्वर नांदी की प्रस्तुति दी जाएगी। इसे प्रसिद्ध संगीत निदेशक और म्यूजिक प्रोडक्शन एवं साउण्ड डिजाइनर श्रुति एवं धर्मेश द्वारा तैयार किया गया है।

पंचनाद
पंचनाद के रूप में तैयार सांगीतिक वाद्य वृंद और वाद्य संगीत प्रस्तुति में विभिन्न वाद्य-यंत्रों के समावेश से पंचतत्वों आकाश, वायु, पृथ्वी, जल और अग्नि को सांगीतिक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। भोपाल के 8 शासकीय विद्यालयों के 20 छात्र-छात्राएँ इसमें सहभागिता करेंगे। प्रसिद्ध संगीत निदेशक श्री मोरिस लाजरस के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों द्वारा पंचनाद की भावपूर्ण आनंदमयी प्रस्तुति दी जाएगी।

‘रंगकार’ में अनूठी कहानियाँ होंगी साकार
अनुगूँज कार्यक्रम में दूसरे दिन 9 जनवरी को ‘रंगकार’ में प्रभावी नाट्य प्रस्तुतियाँ होंगी। इस दिन ‘पीली पूंछ’ नाटक में विद्यार्थी कल्पना लोक की कहानियों को मंच पर साकार करेंगे। यह नाटक विहान ड्रामा वर्क्स के प्रसिद्ध रंग निदेशक श्री सौरभ अनंत द्वारा तैयार कराया गया है। इसमें 70 विद्यार्थी दादी और उनके भुलक्कड़ पोते की कल्पनाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करेंगे। इसीदिन ‘गजमोक्ष’ में बाल रंगमंच विशेषज्ञ और प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं निदेशक श्री के.जी. त्रिवेदी के मार्गदर्शन में 50 विद्यार्थियों द्वारा ‘एक नेक दिल सफेद हाथी’ कहानी का नाट्य रूपांतर प्रस्तुत किया जाएगा।

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