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सौदा -पत्रक योजना गेहूँ उपार्जन में वरदान साबित हुई : मंत्री श्री राजपूत

भोपाल । मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा सहकारिता मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि राज्य शासन की सौदा-पत्रक योजना गेहूँ उपार्जन में किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इस योजना के अंतर्गत 30 जून तक किसान सीधे व्यापारी को अपनी उपज बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि आज दिनांक तक राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर 35 लाख 49 हजार 891 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी की गई है।

मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि 4468 खरीदी केन्‍द्रों पर 6 लाख 80 हजार 746 किसानों से आज शाम 5 बजे तक एक दिन में एक लाख 99 हजार 682 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया। कुल उपार्जित गेहूँ 79.6 प्रतिशत यानी 28 लाख 12 हजार 161 मीट्रिक टन गेहूँ का परिवहन भी किया गया। श्री राजपूत ने कहा कि किसानों से 2909 करोड़ 30 लाख 36 हजार 457 रूपये की खरीदी की गई, जिसमें से 2087 करोड 82 लाख 14 हजार 734 रुपये किसानों के खातों में जमा करा दिये गये हैं।

सौदा-पत्रक योजना बनी वरदान

मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि राज्य शासन ने समर्थन मूल्य पर रबी फसलों की खरीदी के लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ सौदा-पत्रक योजना लागू की है। इससे जहाँ एक ओर बडे़ किसान लाभान्वित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर छोटे और मध्यम किसानों को यह योजना रास आ रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान मंडी के बाहर भी व्यापारियों को वाजिब मूल्य पर अपनी फसल बेच सकते हैं।

श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि किसानों के लिए समर्थन मूल्य एक सुरक्षा कवच की तरह है । यदि सौदा-पत्रक पर किसान को उचित मूल्य मिले, तभी वह अपनी फसल बेचने के लिए अपनी सहमति दें अन्यथा किसान बिल्कुल चिन्ता नहीं करें। सरकार समर्थन मूल्य पर उनकी फसल खरीदने के लिए कटिबद्ध है।

चना,मसूर एवं सरसों समर्थन मूल्य पर

मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि कुल 867 खरीदी केन्द्रों में से 247 केन्द्रों पर चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी शुरू कर दी गई है। प्रदेश के 706 किसानों से कल 205 मीट्रिक टन उपज का क्रय किया गया। इस प्रकार खरीदी के प्रथम चार दिनों में 788 मीट्रिक टन उपज समर्थन मूल्य पर क्रय की जा चुकी है।

वर्ष 19-20 की तुलना 15 दिन में ही की आधी खरीदी

प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विगत वर्ष गेहूँ की खरीदी समर्थन मूल्य पर 25 मार्च से से शुरू की थी। दो माह बाद 25 मई तक 73 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन किया गया था । इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मजदूरों की कमी और लॉकडाउन के चलते गेहूँ की कटाई में विलंब आदि के कारण खरीदी 15 अप्रैल से प्रारंभ की गई थी। इस वर्ष खरीदी लक्ष्य 110 एमटी का रखा गया है। खरीदी के प्रथम पखवाडे1 में ही 35 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया, जो कि विगत वर्ष उपार्जित गेहूँ की लगभग आधी मात्रा है। यह खरीदी 31 मई तक की जाएगी। इस प्रकार शासन अपने लक्ष्य को आसानी से पूरा कर सकेगा।

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