शहीद बिरसा मुण्डा ने स्वतंत्रता की रक्षा और शोषण के विरूद्ध जीवन अर्पित किया: मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश आज महान देशभक्त बिरसा मुण्डा की जयंती पर उनके बलिदान को याद करते हुये जनजाति गौरव दिवस मना रहा है। शहीद बिरसा मुण्डा ने भारतीय अस्मिता, स्वतंत्रता की रक्षा और अंग्रेजों के दमन तथा शोषण के विरूद्ध अपना जीवन निर्भीक होकर समर्पित कर दिया। स्वतंत्रता आन्दोलन में मध्यप्रदेश के जनजातीय नायकों के शौर्य और वीरता का उजला इतिहास रहा है। मध्यप्रदेश सरकार इन महान जनजातीय नायकों द्वारा स्थापित अनुसूचित जनजातीय संस्कृति, परम्परा, गौरवशाली इतिहास को अक्षुण्ण बनाने तथा सामाजिक समरसता के लिए और उन्हें शोषण से मुक्त करने के लिये दृढ़संकल्पित होकर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में शहीद बिरसा मुण्डा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस पर जनजातीय जननायकों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने और उनके त्याग तथा बलिदान के स्मरण के लिये आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे उमरिया से और संस्कृति पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर इन्दौर से शामिल हुई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 नवम्बर बिरसा मुण्डा का जन्मदिवस हर वर्ष जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा इस वर्ष 25 नवम्बर के दिन जनजातीय नायकों को सम्मान देने के लिये एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश सरकार करेगी। शहीद बिरसा मुण्डा हमारी प्रेरणा हैं। उनके द्वारा स्थापित परम्परा, संस्कृति भारत की मूलधारा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने सामाजिक समरसता के मूलमंत्र को स्वीकारा है। भारत की संस्कृति बहुरंगी है। मध्यप्रदेश की जनजातीय मूलधारा को और अधिक पल्लवित किया जायेगा। उसे किसी भी स्थिति में मुरझाने नहीं दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग किया जाएगा। जनजातीय संग्रहालय में जनजातियों की कला, संस्कृति, नृत्य, परम्परा और जीवन मूल्यों को सहेजने की कोशिश की गयी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार सबकी है। मध्यप्रदेश के खजाने का बड़ा हिस्सा गरीबों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में व्यय किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में समरसता छात्रावास बनाये जाएंगे, जिसमें समाज के हर वर्ग के बच्चे पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी छात्रावासों में निश्चित प्रतिशत में जनजातीय छात्र-छात्राओं के लिये सीट आरक्षित की जायेगी। अनुसूचित जनजाति छात्रावास में 10 प्रतिशत स्थान पर सभी वर्गों के गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जायेगा। शासन का प्रयास सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातियों के सशक्तीकरण के लिये राज्य सरकार कटिबद्ध है। नियम विरूद्ध बिना लायसेंस ऊंची दर पर ब्याज देने वाले सूदखोरों के विरूद्ध कार्रवाई के लिये कानून बनाया गया है। नियम विरूद्ध कर्जा देने पर जनजातियों के सारे कर्ज माफ हो गये हैं।
जबलपुर में राजाशंकर शाह और रघुनाथ शाह का बनेगा स्मारक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातियों के वनोपज पर सहज स्वाभाविक अधिकार को और पुख्ता किया जायेगा। कम दाम पर वनोपज बिकेगी तो समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार उसे खरीदेगी। कोदो-कुटकी, ज्वार, मक्का आदि के खाद्य प्रसंस्करण के प्रयास होंगे। पांचवी अनुसूची के प्रावधानों पर विचार कर अमल में लाया जाएगा। सामाजिक न्याय हमारी प्रतिबद्धता है। धर्मान्तरण के कुचक्र को रोकने प्रभावी कदम उठाये गये हैं। सेवा की आड़ में धर्मान्तरण नहीं होने दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा राजाशंकर शाह और रघुनाथ शाह का स्मारक जबलपुर में 5 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।
जनजातीय नायकों का किया स्मरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय नायकों-शहीद बिरसा मुण्डा, रानी दुर्गावती, शंकर शाह-रघुनाथ शाह, बादल भोई, टंट्या भील, भीमा नायक और खाज्या नायकों के त्याग और बलिदान तथा उनके द्वारा स्थापित संस्कृति, परम्परा और कार्यों का स्मरण किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीपावली की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि आज गोवर्धन पूजा का दिन भी है। जो प्रकृति पूजा, पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का संदेश देता है।
लघु फिल्म ‘रणबांकुरे’ और ‘रणबांकुरे’ फोल्डर का विमोचन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा जनजातीय जननायकों के आत्मसम्मान पर आधारित लघु फिल्म ‘रणबांकुरे’ और ‘रणबांकुरे’ फोल्डर का विमोचन किया। इस अवसर पर यह लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी। कार्यक्रम के प्रारंभ में अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने स्वागत भाषण दिया और प्रस्तावना रखी। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। कोरकू नृत्य दल के कलाकार मंसाराम ने मुख्यमंत्री का सौंदर्यबोध की माला और अंग वस्त्र से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भी श्री मंसाराम को माला पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय संग्रहालय की लायब्रेरी का अवलोकन कर सराहना की।