मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना से जंग जीते मरीजों से की बातचीत
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज चिरायु अस्पताल से कोरोना की जंग जीत कर डिस्चार्ज होकर घर जा रहे 6 व्यक्तियों से बातचीत की। चिरायु अस्पताल से आज कुल 28 मरीज डिस्चार्ज होकर अपने घर जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष एवं उत्साह का विषय है कि आपने कोरोना को हराने में सफलता प्राप्त की है। श्री चौहान ने कहा कि कोरोना का मतलब है हिम्मत और साहस। मुख्यमंत्री ने कहा ‘मैं आप सभी के साहस को प्रणाम करता हूं। आप सभी के सहयोग से हम प्रदेश में कोरोना को जल्द ही पूरी तरह परास्त कर देंगे’।
पीड़ित मानवता की सेवा करने पर बधाई के पात्र
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चिरायु अस्पताल के संचालक डॉ. अजय गोयनका से कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा करके आप बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं। आप वाकई बधाई के पात्र हैं। आपने डेडीकेटेड अस्पताल बनाकर वहां मरीजों के लिए अच्छी से अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई है.। डॉ गोयनका ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल में कुल 215 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 214 की हालत एकदम अच्छी है तथा वे सभी डिस्चार्ज हो जाएंगे।
सर्दी, जुकाम के अलावा कुछ नहीं है कोरोना
ठीक हो कर घर जा रहे मरीज श्री नरेंद्र जायसवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि सर्दी, जुकाम के अलावा कुछ नहीं है कोरोना। यदि हम सकारात्मकता तथा हिम्मत रखें, तो कोरोना को अवश्य परास्त कर लेंगे। स्वस्थ हुई डॉ रूबी खान ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना से कोई भी घबराए नहीं। यह छोटी सी बीमारी है, ठीक हो जाती है, कोई दिक्कत नहीं होती।
मिला अस्पताल में घर जैसा माहौल
स्वस्थ हुए मरीज श्री सौरभ पुरोहित ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल में उन्हें हर तरह की सुविधा प्राप्त हुई। इससे वे शीघ्र ही इस बीमारी से लड़कर एकदम ठीक हो गए हैं। आज घर जा रहे हैं। उन्हें अस्पताल में घर जैसा माहौल मिला।
आप की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी मुख्यमंत्री जी
स्वस्थ हुई डॉ. रंजना गुप्ता ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में कोरोना की व्यवस्थाओं के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपकी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। अस्पताल में मुझे इतना अच्छा इलाज मिला कि मैं बता नहीं सकती। डॉक्टर्स एवं पूरे स्टाफ का व्यवहार अत्यंत सहयोगात्मक था।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वस्थ हुए मरीज डॉ. हिमांशु से भी बातचीत की। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी।