मध्यप्रदेश में “खेलो इंडिया लघु केंद्र” योजना की शुरूआत
भोपाल । भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा खेलो इंडिया योजना के तहत जमीनी स्तर पर खेलों के विकास एवं प्रोत्साहन की महत्वपूर्ण “खेलो इंडिया लघु केंद्र’ योजना प्रारंभ की जा रही है। योजना के अंतर्गत पूरे देश में एक हजार केंद्र स्थापित किये जाएंगे। जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की इस महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत इसका संचालन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा।
प्रत्येक वर्ष तीन खेलो इंडिया केंद्रों का चयन खेल और युवा कल्याण विभाग के जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों द्वारा जिला कलेक्टर की अनुशंसा से किया जाकर प्रस्ताव संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश को प्रेषित किए जाएंगे। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों के प्रशिक्षक एवं मार्गदर्शक बने व उनके अनुभव का पर्याप्त उपयोग खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर किया जाए। साथ ही योजना मे यह भी सुनिश्चित किया गया कि इन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को इस कार्य से कुछ आय प्राप्त हो सके।
इस सिलसिले में प्रदेश के समस्त जिला खेल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने जिले से वर्ष 2020 -21 के लिए अधिकतम दो प्रस्ताव का चयन कर निर्धारित प्रपत्र में 20 जुलाई, 2020 तक संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण को प्रेषित करें।
पूरे देश में एक हजार खेलों इंडिया सेंटर की होगी स्थापना
चार वर्षीय इस योजना में पूरे देश में 1000 खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जाना है। इसमें ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेल यथा आर्चरी (तीरंदाज़ी), एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साइकिलिंग, फेंसिंग (तलवारबाज़ी), हॉकी, जूडो, रोइंग, शूटिंग, स्विमिंग (तैराकी), टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग (भारोत्तोलन), रेसलिंग (कुश्ती) के साथ ही फुटबॉल एवं पारंपरिक खेल भी शामिल हैं।
खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना के लिए पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को प्रशिक्षक, सपोर्टिंग स्टाफ, खेल उपकरण क्रय, खेल किट, गैर-उपभोज्य (conumaybel) एवं प्रतियोगिता में टीम को सम्मिलित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। केन्द्रों का चयन करते समय खेल विभाग द्वारा संचालित 18 खेल अकादमियों के खेलों को प्राथमिकता दी जायेगी जिससे यह केन्द्र खेल अकादमी के सह प्रशिक्षण केन्द्र के रूप मे बेहतर प्रतिभा की नर्सरी तैयार कर सके।
लघु खेलो इंडिया केंद्र योजना में पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों द्वारा नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण हेतु कुछ शुल्क भी पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों से प्राप्त कर सकते हैं।
चयनित केन्द्रों को मिलेगी आर्थिक सहायता
चयनित खेलो इंडिया केंद्रों को भारत सरकार द्वारा 4 वर्ष के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जावेगी। चार वर्षों के पश्चात पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में होने से वह स्वयं के संसाधनों से केंद्र का संचालन भविष्य मे निरंतर कर सकेंगे। चयनित खेलो इंडिया केंद्र को भारत सरकार द्वारा एक मुश्त 5 लाख रुपये केंद्र प्रति खेल के मान से खेल मैदान के रख रखाव, उन्नयन, खेल उपकरण, खेल किट आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। रिकरिंग वार्षिक अनुदान राशि 5 लाख रुपए प्रति खेल के मान से पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को मानदेय, सहायक स्टाफ, खेल उपकरण, खेल किट, गैर उपभोग सामग्री प्रतियोगिता में टीम को सहभागिता कराने आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को अधिकतम 3 लाख रुपए वार्षिक मानदेय प्राप्त करने की अनुमति होगी।
शासकीय, अशासकीय स्कूल/कॉलेज में उपलब्ध खेल अधोसंरचना का कर सकेंगे उपयोग
विकास खंड एवं जिला स्तर पर शासकीय और अशासकीय स्कूल, कॉलेज, संस्था एवं अन्य उपलब्ध खेल अधोसंरचना का उपयोग पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा इन प्रस्तावित खेलो इंडिया केंद्र के अंतर्गत किया जा सकता है। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षकों द्वारा नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए इन केंद्रों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकते हैं। एक पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा एक ही खेल के प्रस्ताव प्रेषित किए जा सकते हैं। अशासकीय खेल संस्था जो कि विगत 5 वर्षों से खेलों को प्रोत्साहित कर रही है वह अधिकतम 3 खेलों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकती है। एक जिले से इस वर्ष अधिकतम 2 प्रस्ताव ही स्वीकार किए जाएंगे।
पूर्व चैंपियन खिलाड़ी अथवा संस्था के आवेदन पत्र निर्धारित आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर चेक लिस्ट सहित जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर की अनुशंसा सहित निर्धारित अवधि में प्रेषित करना होगा।