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मध्यप्रदेश में कोविड अनुकूल व्यवहार जागरूकता के चहुँमुखी प्रयास

 

कोविड-19 महामारी पर प्रभावी नियंत्रण और बचाव के लिये टीकाकरण और कोविड अनुकूल व्यवहार प्रमुख घटक साबित हुए हैं। अब कोविड अनुकूल व्यवहार को पूरी ईमानदारी से अपनाकर तीसरी लहर को नहीं आने देने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इन दो उपायों के प्रति समाज की जागरूकता को महत्वपूर्ण माना है। उन्होंने इसके लिये शहरी क्षेत्रों में सम्मान योजना शुरू करने और रोको-टोको अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समय-समय पर जन-प्रतिनिधियों, आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों, धर्मगुरूओं, प्रबुद्ध नागरिकों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, फ्रन्टलाइन वर्करों, कोविड पीड़ित मरीजों आदि सभी से संवाद करते हुए कोविड अनुकूल व्यवहार का हमेशा पालन करते रहने की अपील की है। सामाजिक जागरूकता का ही परिणाम है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की भयावह दूसरी लहर को शीघ्र ही नियंत्रित किया जा सका। कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने और उसे रोकने की राज्य शासन की पूरी तैयारी है। जन-सहभागिता से इस दिशा में कार्य शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना अनुकूल व्यवहार संबंधी अनुशंसा के लिए मंत्री-समूह भी गठित किया है। मंत्री-समूह के द्वारा की गई अनुशंसाओं को अमल में लाने के लिये शासन-प्रशासन के साथ आमजन की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है।

अनुशंसाओं पर कार्यवाही

प्रबुद्धजनों, समाज-सेवी, वरिष्ठ अधिवक्तागण, खिलाड़ी, उद्योगपति, वरिष्ठ चिकित्सक, देश के नागरिक सम्मान प्राप्त व्यक्तियों, धर्मगुरू, साधु-संत, शिक्षा शास्त्री, समाज के वरिष्ठ नागरिकों के साथ समन्वय स्थापित कर समाज में कोविड अनुकूल व्यवहार की जागरूकता को जनान्दोलन का स्वरूप दिया जा रहा है।

प्रदेश के विभिन्न अंचलों में स्थानीय बोली में स्थानीय स्तर के लोकगीतों और मनोरंजन के विभिन्न साधनों के माध्यम से कोविड अनुकूल व्यवहार का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। महिलाओं में जागरूकता के लिए महिला स्व-सहायता समूह, आशा कार्यकर्ता और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।

बच्चों को शिक्षित किया जाएगा

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिये उन्हें जागरूक करने की जरूरत महसूस की गयी है। अत: प्रदेश में सभी शालाओं में शिक्षकों द्वारा बच्चों को शिक्षित कर उन्हें कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।

जन-प्रतिनिधि करेंगे संवाद

जन-प्रतिनिधियों द्वारा दी गयी प्रेरणा लोगों को प्रभावित करती है। कोरोना की दूसरी लहर में स्थानीय स्तर पर मंत्री, विधायक और अन्य जन-प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में लोगों से संवाद किया जाना परिणामकारी रहा है। प्रदेश में यह सिलसिला अभी भी जारी है। स्वयं मुख्यमंत्री श्री चौहान न केवल जन-प्रतिनिधियों से बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग से निरंतर संवाद कर रहे हैं।

ग्रामीण अंचलों में जागरूकता

ग्रामीण अंचलों में कोविड अनुकूल व्यवहार के प्रति जागरूकता के लिए स्थानीय जन-प्रतिनिधियों, ग्रामीण अंचलों के प्रबुद्धजनों आदि का सहयोग जारी है। ग्राम-सभा स्तर पर निगरानी समितियाँ गठित की गई हैं। साथ ही, आपदा प्रबंधन समितियों का अधिक से अधिक सहयोग लिया जा रहा है। जन-चेतना को व्यापक स्वरूप देने में सरपंच, पंचायत सचिव और पटवारी आदि मैदानी स्तर के कर्मचारियों और जन-प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जा रहा है।

नगरीय अंचलों में जागरूकता

नगरीय अंचलों में नगरीय निकाय-नगर पंचायत स्तर पर जागरूकता समितियाँ गठित की जा रही हैं। समितियों की मॉनीटरिंग के लिए जोनल स्तर पर सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए जा सकेंगे। प्रत्येक वार्ड में क्राइसिस मेनेजमेंट टीम का एक-एक नोडल अधिकारी हो सकता है, जो समय-समय पर अपने सुझाव संबंधित अधिकारी को भेज सके।

औद्योगिक इकाइयों में जागरूकता

विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में प्रबंधन और कर्मचारी प्रतिनिधियों की समन्वय समिति बनायी जा सकेगी। यह समिति औद्योगिक इकाई में प्रत्येक कर्मचारी को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने की जिम्मेदारी पूरी गंभीरता से निभा सकेगी।

बाजार की भीड़ में नियंत्रण एवं जागरूकता

अधिक भीड़ वाले बाजारों में निगरानी टॉवर बनाए जा सकते हैं, जहाँ से किसी दुकान पर अत्यधिक भीड़ होने और मास्क नहीं लगाने वाले व्यक्तियों की पहचान कर लाउड-स्पीकर के जरिये आगाह किया जा सकता है। सामान्य और कठोर अर्थ-दण्ड पर भी विचार किया जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए कार्यवाई की जा रही है। मास्क नहीं तो बात नहीं। मास्क नहीं तो सेवा नहीं। मास्क नहीं तो सामान नहीं आदि को आपसी सह-व्यवहार से बढ़ावा दिया जा सकता है। मिठाई और अन्य दुकानों से होम डिलेवरी व्यवस्था को प्रोत्साहित किया जा सकता है। रेस्तराँ और होटल्स के लिये शासन द्वारा निर्देश भी जारी किये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रेस्टॉरेंट पर विशेष चौकसी बरतने की आवश्यकता है। पुलिस और नगरीय निकाय का अमला सुनिश्चित करे कि प्रावधान के अनुसार 50 प्रतिशत क्षमता के आधार पर ही रेस्टॉरेंट और होटलों का संचालन हो। इससे अधिक लोग एक समय में होटलों और रेस्टॉरेंट में मौजूद नहीं रहे। मंत्री-समूह की अनुशंसा में कहा गया है कि अनिवार्य सेवाओं जैसे दूध और सब्जी आदि की आपूर्ति होम डिलेवरी के माध्यम से करने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सब्जी और फेरी वाले विक्रेताओं की निश्चित समय अंतराल में कोविड सेम्पल जाँच करायी जाना चाहिये।

सरकारी एवं निजी दफ्तरों में कोविड अनुकूल व्यवहार

सरकारी और निजी कार्यालयों में सेनेटाइजर, मास्क का उपयोग करने और निश्चित दूरी बनाकर रखने के लिये प्रेरित करते हुए जागरूकता बढ़ाई जा रही है।

कृषि उपज मंडियों में जागरूकता

कृषि उपज मंडियों और सब्जी मंडियों में मण्डी समिति, व्यापारी, कृषक प्रतिनिधियों और हम्मालों की एक समन्वय समिति गठित की जा सकती है, जो मंडियों में कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन सुनिश्चित करा सके।

सम्मान योजना

कोरोना अनुकूल व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में सम्मान योजना लागू की जा रही है, ताकि लोगों को कोविड से बचने के लिए जरूरी सावधानियों के पालन के लिए और अधिक प्रेरित किया जा सके। शहरी क्षेत्रों में जो दुकानदार कोरोना अनुकूल व्यवहार, सोशल डिस्टेंसिंग आदि कोरोना से बचाव के उपाय अपनायेंगे, उन्हें शासन की ओर से सम्मानित किया जा सकेगा।

रोको-टोको अभियान

प्रदेश में रोको-टोको अभियान भी चलता रहेगा। इसमें राज्य सरकार आम जनता को कोरोना के लिए जरूरी सभी सावधानियों के पालन के लिए जागरूक करेगी। बड़े मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनकर्ताओं की जिम्मेदारी रहेगी कि कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करायें।

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