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मध्यप्रदेश के जन-सामान्य में बिल लेने की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

एक दिसम्बर से वन विभाग की सभी नीलामियाँ ऑनलाइन होंगी
राजस्व संकलन में लगे विभागों का प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान
नई आबकारी नीति तथा हैरीटेज वाईन पॉलिसी जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की वर्ष 2021-22 की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राजस्व संकलन से ही प्रदेश में विकास और जन-कल्याण के कार्य संभव होते हैं। अत: राजस्व संकलन में लगे विभागों का प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश की जनता पर बिना अधिक बोझ डाले, राजस्व संकलन में वृद्धि के हरसंभव प्रयास किए जाए। टैक्स की परिधि का अधिक लोगों तक विस्तार कर हम राजस्व संकलन बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खरीदी गई वस्तुओं का बिल लेने की प्रवृत्ति जन-जन में विकसित करना आवश्यक है। जन-सामान्य में यह भावना होनी चाहिए कि बिल लेने से राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होता है, जो विकास और जन-कल्याण के काम आता है। अत: हम बिल लेकर राज्य के विकास में योगदान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में वर्ष 2021-22 की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल उपस्थित थे। अन्य विभागीय अधिकारियों ने बैठक में वर्चुअली सहभागिता की।

डिजिटल तकनीक तथा डाटा एनालिटिक्स का उपयोग करते हुए जी.एस.टी. कलेक्शन सुधारा जाए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वन विभाग की सभी नीलामियाँ 01 दिसम्बर से ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण किया जाए। आवश्यकता होने पर भारत सरकार के संबंधित विभागों से बात कर कार्य को गति प्रदान करें। डिजिटल तकनीक तथा डाटा एनालिटिक्स का उपयोग करते हुए जी.एस.टी. कलेक्शन को भी राज्य में सुधारा जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नई आबकारी नीति तथा हैरीटेज वाईन पॉलिसी जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि नए वाहनों की कम आपूर्ति के परिणामस्वरूप वाहनों की बिक्री कम हुई है, जिससे परिवहन से आने वाले राजस्व में कमी आई है। वाहनों की आपूर्ति बढ़ने के साथ निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।

बैठक में खनिज, वैट, जी.एस.टी., आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, ऊर्जा, वन, राजस्व, सिंचाई तथा नर्मदा घाटी विकास की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा की गई।

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