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मण्डी नियमों में संशोधन से किसानों को उनकी फसल का मिलेगा अधिक से अधिक लाभ

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता है। निजी क्षेत्र में मण्डिया तथा क्रय केन्द्र आरंभ होने से प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनेगा, जिसका लाभ सीधे किसानों को होगा। इससे बिचौलियों को समाप्त करने में मदद मिलेगी और किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए विकल्प भी मिल सकेंगे। जहाँ बेहतर सुविधा और फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा किसान वहीं अपनी फसल बेचेगा। श्री चौहान मण्डी अधिनियम के संशोधित प्रावधानों को लागू करने के संबंध में मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषकों के हित में मण्डी अधिनियम और नियमों में किए गए बदलावों निजी मण्डी की स्थापना, इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग की अनुमति, सम्पूर्ण राज्य के लिए एकीकृत व्यापार लायसेंस, संचालक को सम्पूर्ण राज्य में कृषि विपणन संबंधी नियमन और नियंत्रण के अधिकार तथा प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र केवल शासकीय मण्डियों में अधोसंरचना विकास, किसान सुविधाएं, बोर्ड बैठक इत्यादि तक सीमित तथा मण्डी क्षेत्र का क्षेत्राधिकारी मण्डी प्रांगण तक सीमित से, किसानों को उनकी उपज का अधिक से अधिक मूल्य दिलवाने में सहायता मिलेगी।

बैठक में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि सौदा पत्रक की व्यवस्था किसानों के लिए लाभकारी है। किसान इस बात का ध्यान रखें कि अपनी फसल कम दामों पर और उधार में न बेचें। बैठक में जानकारी दी गयी कि 13 अप्रैल को मण्डी समितियों के लिए उप विधियों में संशोधन द्वारा सौदा पत्रक के माध्यम से व्यापारियों को सीधे किसान से उपज खरीदी की सुविधा प्रारंभ की गयी थी। इससे मण्डियों में भीड़ न होने से कोरोना संक्रमण से बचाव हुआ। साथ ही मण्डियों के माध्यम से की जाने वाली कुल उपज खरीदी का लगभग 80 प्रतिशत सौदा पत्रक के माध्यम से क्रय किया गया। निजी क्रय केन्द्रों के लायसेंस संबंधी नियमों के सरलीकरण के परिणामस्वरूप 940 नवीन क्रय केन्द्रों का संचालन आरंभ हुआ है।

बैठक में निजी मण्डी प्रांगण, उप प्रांगण, डायरेक्ट क्रय केन्द्र तथा इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म संबंधी नियम, निजी प्रांगण के आवदेन शुल्क, लायसेंस शुल्क, लायसेंस अवधि, न्यूनतम आवश्यक भूमि संबंधी नियमों पर, कृषि उपज के व्यापार के लिए लायसेंस जारी करने, ऑनलाइन पंजीयन और लायसेंस की शर्तों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।

बैठक में निजी मण्डी प्रांगणों और इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म के दायित्व, प्रायवेट मण्डी, उप मण्डी, डायरेक्ट क्रय केन्द्र, किसान उपभोक्ता बाजार, इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म के लिए मण्डी शुल्क के निर्धारण पर भी विचार विमर्श हुआ। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री अजीत केसरी तथा आयुक्त मण्डी श्री संदीप यादव भी बैठक में उपस्थित थे।

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