प्रधानमंत्री मोदी बोले- आज दुनिया हमारे डॉक्टरों को आशा और कृतज्ञता के साथ देख रही है
प्रधानमंत्री मोदी बोले- आज दुनिया हमारे डॉक्टरों को आशा और कृतज्ञता के साथ देख रही है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोरोना संकट के बीच आज दुनिया आशा और कृतज्ञता के साथ हमारे डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा कर्मचारियों और वैज्ञानिक समुदाय को देख रही है। दुनिया आपसे ‘देखभाल’ और ‘इलाज’ दोनों चाहती है। प्रधानमंत्री ने यह बात कर्नाटक की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस की सिल्वर जुबली कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि COVID-19 के खिलाफ भारत की बहादुरी की लड़ाई में चिकित्सा समुदाय और हमारे कोरोना योद्धाओं की कड़ी मेहनत है। वास्तव में डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी सैनिकों की तरह हैं। महामारी के समय दुनिया आशा और कृतज्ञता के साथ हमारे डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा कर्मचारियों और वैज्ञानिक समुदाय को देख रही है। दुनिया आपसे ‘देखभाल’ और ‘इलाज’ दोनों चाहती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस एक अदृश्य दुश्मन है। लेकिन हमारे योद्धा, चिकित्सा कार्यकर्ता अजेय हैं। अदृश्य बनाम अजेय की लड़ाई में हमारे चिकित्सा कार्यकर्ता जीत सुनिश्चित हैं। उन्होंने कहा, पिछले 6 वर्षों के दौरान हमने भारत में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में सुधारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हम चार स्तंभों पर काम कर रहे हैं।
पहला : (टेली-मेडिसिन में प्रगति) क्या हम नए मॉडल के बारे में सोचते हैं जो टेली-मेडिसिन को बड़े पैमाने पर लोकप्रिय बनाते हैं।
दूसरा : (स्वास्थ्य क्षेत्र में मेक इन इंडिया)उन्होंने कहा, इसमें शुरुआती लाभ मुझे आशावादी बनाते हैं। घरेलू निर्माताओं ने पीपीई का उत्पादन शुरू कर दिया है और कोविड योद्धाओं को लगभग 1 करोड़ PPE की आपूर्ति की है।
तीसरा : (स्वस्थ समाज के लिए आईटी से संबंधित उपकरण) पीएम मोदी ने कहा, मुझे यकीन है कि आपने “आरोग्यसेतु” के बारे में सुना होगा। 12 करोड़ स्वास्थ्य-जागरूक लोगों ने इसे डाउनलोड किया है। यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बहुत मददगार रहा है।
चौथा : (मिशन मोड कार्यान्वयन) किसी आईडिया को एक पेपर पर उतरना एक अच्छा विचार है। और अच्छी तरह से लागू किया गया एक अच्छा विचार इसे कार्यान्वित बनाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना है। 2 वर्षों से भी कम समय में 1 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। महिलाओं और गांवों में रहने वाले इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों में से हैं। हमारे जैसे राष्ट्र के पास उचित चिकित्सा ढांचा और चिकित्सा शिक्षा का बुनियादी ढांचा होना चाहिए। देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज या स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान सुनिश्चित करने के लिए काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि मिशन इंद्रधनुष, आयुष्मान भारत समेत कई अहम योजनाओं ने देश के स्वास्थ्य सिस्टम में एक नई जान फूंकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, मैं इसे स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूँ कि फ्रंट-लाइन कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा, दुर्व्यवहार और दुर्व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।