पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से करूंगा बात : रंजन गोगाई
पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से करूंगा बात : रंजन गोगाई
नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद से विपक्ष में इसकी आलोचना शुरू हो गई। साथ ही केंद्र सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाये जाने लगे। वहीं इस पर रंजन गोगोई ने कहा कि “मैं शायद कल दिल्ली जाऊँगा। पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से बात करूंगा कि मैंने यह क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं।”
बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। इस संबंध में एक अधिसूचना गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई। अधिसूचना में कहा गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उपखंड (ए), जिसे उस अनुच्छेद के खंड (3) के साथ पढ़ा जाए। के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति को रंजन गोगोई को राज्यसभा में एक सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने से खाली हुई सीट पर मनोनीत करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
रंजन गोगोई को नामित किए जाने के बाद से ही विपक्ष में इसके खिलाफ हमला बोला जाना प्रारम्भ हो गया। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, कपिल सिब्बल और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए है। तो पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने उम्मीद जताई कि गोगोई इस प्रस्ताव को ठुकरा देंगे। हालांकि, रंजन गोगोई मीडिया से बातचीत में पहले ही कह चुके हैं कि राष्ट्रपति के प्रस्ताव को उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे। यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि रंजन गोगोई 12 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य सीनियर जजों के सात संयुक्त रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के तौर-तरीकों को लेकर सार्वजनिक तौर पर सवाल खड़े करके चर्चा में आए थे। इसके बाद वह चीफ जस्टिस बने और राम मंदिर से लेकर सबरीमाला सहित तमाम मामलों में ऐतिहासिक फैसले दिए।