नेशनल स्पोर्ट्स हब बनने की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश
नेशनल स्पोर्ट्स हब बनने की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले एक साल में खेलों के लिये विश्व-स्तरीय अधोसंरचना विकास को वांछित गति मिली है। साथ ही, विभिन्न खेलों की पदक तालिका में लगातार पहले और दूसरे स्थान पर अपनी उपस्थिति कायम रखने में भी प्रदेश सफल है। प्रदेश की राज्य खेल अकादमियों के मॉडल को अंडमान-निकोबार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, नागालैंड, मेघालय, असम, गोवा और उड़ीसा आदि राज्यों ने सराहा है। ये सभी राज्य आंशिक अथवा पूर्ण रूप से मध्यप्रदेश अकादमी के मॉडल को लागू करने का प्रयास भी कर रहे हैं। अब राज्य सरकार ने प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति और खेलों का महत्त्व स्थापित करने के लिए स्पोर्ट्स कोर्स को कंपलसरी करने की योजना लागू करने का निर्णय लिया है।
खिलाड़ियों के लिये चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा
प्रदेश के खिलाड़ियों को अब चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश अब खिलाड़ियों का बीमा कराने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्रथम चरण में विभिन्न खेल अकादमियों के लगभग 822 खिलाड़ियों को बीमा का लाभ दिया जा रहा है। चिकित्सा बीमा से खिलाड़ी देश के चुनिन्दा अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करवा सकते हैं। इसके लिये उन्हें 2 लाख रुपये तक नि:शुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खिलाड़ियों का 5 लाख रुपये का जीवन बीमा भी कराया गया है। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के खिलाड़ियों के अभिभावकों को भी जीवन बीमा में शामिल किया गया है।
बीमा के माध्यम से खिलाड़ियों को पूरे देश में कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रदेश के ऐसे खिलाड़ी, जो अधिकृत रूप से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभागिता कर रहे हैं, उन्हें भी चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा की कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है। इसके लिये संबंधित खेल संघ को राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी की प्रमाणित सूची उपलब्ध करानी होगी। परीक्षण के बाद खिलाड़ी का पंजीयन कर उसे यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
शासकीय सेवा में खिलाड़ियों को 5 प्रतिशत आरक्षण
प्रस्तावित नई खेल नीति में यह व्यवस्था की जा रही है कि शासकीय नौकरी में खिलाड़ियों को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल सके।
अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता और सहभागिता के लिए प्रोत्साहन राशि
प्रदेश में पहली बार ओलंपिक, विश्व कप, एशियाई गेम्स, राष्ट्र-मंडल खेल और दक्षिण एशियाई खेलों में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के लिये प्रोत्साहन राशि निश्चित की गयी है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक हासिल करने पर 2 करोड़, रजत पदक पर एक करोड़ तथा कांस्य पदक हासिल करने पर 50 लाख की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त कोई भी खिलाड़ी, जिसने अंतर्राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभागिता की है और पदक नहीं भी लिया है, तब भी उसे प्रोत्साहन के तौर पर 10 लाख की राशि दी जायेगी। राष्ट्रीय खेल एवं राष्ट्रीय चेंपियनशिप में पदक विजेता खिलाडियों को स्वर्ण पदक जीतने पर 5 लाख, रजत पर 3 लाख 20 हज़ार और कांस्य पदक जीतने पर 2 लाख 40 हज़ार रूपये की राशि दी जाएगी। इसी प्रकार, अधिकृत राष्ट्रीय चेंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाड़ी को एक लाख, रजत पदक पर 75 हजार और कांस्य पदक पर 50 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रतियोगिता के दौरान खिलाडियों को उपकरण क्रय करने एवं किराये पर लेने के लिए अधिकतम 5 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि खिलाडि़यों को उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय तकनीकी प्रशिक्षण के लिए अधिकतम 5 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। राज्य शासन ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रशिक्षक, जिनके देख-रेख में खिलाड़ी अपनी पहचान बनाने में सफल होता है, उन्हें भी प्रोत्साहित किया जायेगा। इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय चेंपियनशिप तथा राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने पर खिलाड़ियों को देय राशि का दस प्रतिशत हिस्सा प्रशिक्षकों को दिया जायेगा।
स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञों की नियुक्ति
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय प्रदर्शन करने के लिए स्पोर्ट्स साइंस की भूमिका महत्वपूर्ण है। वर्त्तमान में जितने खिलाड़ी ओलंपिक, एशियाई गेम्स एवं कॉमन वेल्थ गेम्स जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन सभी को स्पोर्ट्स साइंस की सपोर्ट टीम मदद करती है। प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं परन्तु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय प्रदर्शन के लिए स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट, स्पोर्ट्स न्यूट्रीशियंस, स्पोर्ट्स फिजिओलॉजिस्ट, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट, बायो- मैकेनिकल एक्सपर्ट, वीडियो एनालिस्ट, एक्सरसाइज साइंस एक्सपर्ट, फिटनेस ट्रेनर की बहुत जरूरत होती है। इसलिये राज्य सरकार ने इन पदों पर भी भर्ती करने का निर्णय लिया है।
गुरुनानक देवजी प्रांतीय ओलम्पिक खेल
ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिये विकासखण्ड, जिला एवं संभागीय स्तर पर गुरूनानक देव प्रांतीय ओलम्पिक प्रारंभ किया गया है। इसके तहत हॉकी, बास्केटबॉल, फुटबॉल, वॉलीबॉल, कबड्डी ,खो-खो, एथेलेटिक्स, कुश्ती, बेडमिंटन और टेबल-टेनिस खेल को शामिल किया गया है। प्रांतीय ओलंपिक खेल में 16 वर्ष से अधिक आयु समूह के बालक/बालिका खिलाड़ी सम्मिलित होंगे। राज्य स्तरीय प्रांतीय ओलंपिक प्रतियोगिताओं के दलीय खेलों में प्रथम को एक लाख, द्वितीय को 75 हज़ार और तृतीय को 50 हजार रूपये दिये जाएंगे। व्यक्तिगत खेल में यह राशि क्रमशः 7 हजार, 5 हजार और 3 हजार रूपये होगी। अब स्कूली स्तर पर भी अण्डर-16 प्रांतीय ओलंम्पिक शुरू किया जाएगा। अगले वर्ष से प्रांतीय ओलम्पिक में ट्राफी के साथ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान भी किया जाएगा।
प्रमुख उपलब्धियाँ
मध्यप्रदेश में विश्व स्तरीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। इस दिशा में कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। इंदौर में स्वीमिंग पूल, छिन्दवाड़ा में फुटबाल और नरसिंहपुर में वॉलीबाल अकादमी की स्थापना की कार्यवाही भी पूरी की जा रही है। राज्य सरकार ने महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिये महिला खिलाड़ियों के साथ महिला क्रीड़ा अधिकारी का जाना अनिवार्य कर दिया है।
पीपीपी मोड से खेल अधोसरंचना निर्माण
प्रदेश में अब पीपीपी मोड से खेल अधोसंरचना के निर्माण कार्य कराये जायेंगे। इसके लिये पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में स्पोर्ट्स काम्पलेक्स बनाये जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसकी सफलता के बाद भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा। इसी मोड में ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर, नरसिंहपुर, विदिशा, शिवपुरी, पोहरी, कोलारस, अशोकनगर, पवई में इंडोर हाल निर्माणाधीन है। छिन्दवाड़ा, आगर-मालवा, कालापीपल, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, बैतूल, खरगौन, मंदसौर, मुरैना, गुना और दमोह में इंडोर हाल प्रस्तावित है। टी.टी. नगर स्टेडियम में तीन मंजिला बहुउददे्शीय इंडोर हाल का निर्माण कार्य जारी है। टी.टी. नगर स्टेडियम में रॉक क्लाइंबिंग वॉल का निर्माण प्रस्तावित है।
विधायक खेल प्रोत्साहन योजना
राज्य सरकार ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विधायक खेल प्रोत्साहन योजना क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। इस योजना में खेलों की आधारभूत अधोसंरचना और खेल गतिविधियों के प्रभावी संचालन के लिये क्षेत्रीय विधायक को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, विधायक के लिये निर्धारित राशि को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। प्रशिक्षकों के लिये कोच डेव्हलपमेंट प्रोग्राम प्रारंभ किया गया है। राज्य खेल अकादमी के खिलाड़ियों के प्रवेश के लिए नवीन मार्गदर्शी नियम बनाकर लागू किये गये हैं। रोजगार उन्मुखी कार्यक्रम में फिटनेस के क्षेत्र में टी. टी. नगर स्टेडियम, भोपाल में फिटनेस अकादमी प्रारम्भ कर युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिवपुरी में क्रिकेट अकादमी पुनः प्रारम्भ की गई है। छिंदवाड़ा में नवीन फुटबॉल अकादमी जल्द शुरू की जा रही है। पुरुष हॉकी अकादमी के लिए ग्राम गौरा में 2 नवीन हॉकी टर्फ का अनुमोदन कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश में खेल विकास असीम संभावनाएं हैं। प्रदेश में चर्चित खेलों के अलावा पारम्परिक और आधुनिक खेल में भी खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक हासिल कर रहे हैं। अकादमी के शूटर्स ऐश्वर्या प्रताप सिंह और चिंकी यादव दोनों ने ही अगले ओलंपिक का कोटा हासिल कर लिया है। ओलंपिक 2020 के भारतीय हॉकी दल में मध्यप्रदेश राज्य हॉकी अकादमी की 6 खिलाड़ी शामिल हैं। प्रदेश में निरंतर बढ़ती खेल सुविधाओं ने न सिर्फ कयाकिंग-कैनोइंग, तीरंदाजी, घुड़सवारी, एथलेटिक्स जैसे खेलों के खिलाड़ियों ने देश में अपना परचम लहराया है बल्कि प्रदेश की दो लाड़ली बेटियों ने माउंट एवरेस्ट को फतेह कर वहाँ भारत का झंडा भी लहराया है। राज्य शासन की प्राथमिकता में खेल और खिलाड़ी शामिल हैं और हर संभव कोशिश की जा रही है कि देश की खेल राजधानी बने मध्यप्रदेश।