नशामुक्ति के लिये समुदाय के सहयोग से व्यापक जनजागृति अभियान चलाया जाए : मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नशामुक्ति के लिये व्यापक जनजागृति अभियान चलाया जाए। इस अभियान में समाजसेवियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पशुपालन, सामाजिक कल्याण एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण श्री प्रतीक हजेला, संचालक श्री स्वतंत्र सिंह मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब स्कूल-कॉलेज प्रारंभ हो जायें तब वहाँ नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाया जाये। डाक्यूमेन्ट्री फिल्म निर्माण कर उसे व्यापक स्तर पर प्रदर्शित किया जाये। इस अभियान में देश और प्रदेश के लोकप्रिय व्यक्तियों को भी जोड़ा जाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि जिला-स्तर पर संचालित हो रहे दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों को सशक्त बनाया जाये। उनकी पहचान स्थापित हो। संभागीय स्तर पर ये केन्द्र सेन्टर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किये जायें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दिव्यांगो और वरिष्ठजनों के लिये प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों के जिला चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपी सेंटर्स विकसित किये जायें। उन्होंने कहा कि वृद्धों और दिव्यांगों के लिये संचालित हो रहे सभी केन्द्रों में समाजसेवी संस्थाओं और व्यक्तियों का सक्रिय सहयोग लिया जाये। समाज के महत्वपूर्ण व्यक्ति वृद्धाश्रम जाकर शादी की वर्षगांठ, जन्मदिन मनाने जैसे कार्यक्रम करें। ऐसे आयोजनों के लिये लोगों को प्रेरित किया जाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल के प्रस्तावों पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि निजी क्षेत्रों में दिव्यांगों को रोजगार दिलाने के प्रयास किये जायें। दिव्यांग बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर रोजगार में स्थापित किया जाये। दिव्यांगों द्वारा निर्मित सामग्रियों के विक्रय के लिये स्थान और अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास हों।
बैठक में बताया गया कि दिव्यांगजनों के लिये प्रदेश में 5 लाख 45 हजार यू.डी.आई.डी. कार्ड बनाये गये हैं। इस कार्य में प्रदेश का देश में द्वितीय स्थान है। सभी जिलों में दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों को कोरोना से बचने के उपायों की जानकारी ब्रेल लिपि में उपलब्ध करायी गयी है। स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से कोरोना काल में सभी 76 वृद्धाश्रमों का निरंतर संचालन किया गया। सभी आवासीय वृद्धजन कोरोना संक्रमण से मुक्त रहे। हेल्पऐज इंडिया के साथ अनुबंध किया गया है जिसके अंतर्गत एक जनवरी 2021 से वृद्धजनों के लिये राज्य स्तरीय विशेष हेल्पलाईन का आरंभ की जायेगी। इसके माध्यम से वृद्धजनों द्वारा दूरभाष पर सूचना देने पर पैथालॉजी जाँच तथा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
लॉकडाउन से उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों का बेहतर ढंग से सामना करने के लिये 7 अप्रैल 2020 को दो माह जिसमें एक माह की अग्रिम पेंशन शामिल है, प्रदान की गयी। 46 लाख 86 हजार हितग्राहियों को 562 करोड़ रूपये प्रदान किये गये। कोरोना काल में दिव्यांगजनों और वरिष्ठजनों के लिये राज्य स्तरीय हेल्प लाइन का संचालन कर मध्यप्रदेश तथा अन्य राज्यों में जरूरतमंद व्यक्तियों को सहायता उपलब्ध करायी गयी।
दिव्यांगजनों और वरिष्ठजनों के लिये मोबाइल एप विकसित कर उपलब्ध कराया जाएगा जिससे उन्हें महत्वपूर्ण सेवाएं मिलेंगी। भोपाल में पेड ओल्ड ऐज होम भवन निर्माणाधीन है जिसे समय-सीमा में पूरा किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 50 सीटर 9 वृद्धाश्रम भवनों का निर्माण चल रहा है जिन्हें शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। भोपाल के 47 तथा इंदौर के 50 शासकीय भवनों में दिव्यांगजनों के लिये आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी। बैठक में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत कार्ययोजना की जानकारी भी दी गयी।