ज्ञान की संपूर्णता के लिए देश की संस्कृति, इतिहास, विरासत को जानना जरूरी
ज्ञान की संपूर्णता के लिए देश की संस्कृति, इतिहास, विरासत को जानना जरूरी
ट्रिपल आईटीडीएम के दसवें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री टंडन
भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने जबलपुर में पं. द्वारका प्रसाद मिश्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी, डिजाइन एण्ड मैनेजमेंट के दसवें दीक्षांत समारोह में कहा कि ज्ञान की संपूर्णता को प्राप्त करने के लिए देश की संस्कृति, इतिहास और समृद्धशाली विरासत को जानना बेहद जरूरी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आव्हान किया कि वे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नये शोध और अनुसंधानों से जुड़कर दुनिया में देश का नाम रोशन करें।
राज्यपाल ने समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। ट्रिपल आईटीडीएम के प्रशासक मंडल के अध्यक्ष डॉ. दीपक घैसास ने भी समारोह में अपने विचार रखे। संस्थान के निदेशक प्रो. संजीव जैन ने ट्रिपल आईटीडीएम का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
राज्यपाल ने समारोह में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी, डिजाइन एण्ड मैन्युफेक्चरिंग के 14 छात्रों को गोल्ड मेडल और 22 छात्रों को रजत प्रदान किये। इसके साथ ही, बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की 541, बैचलर ऑफ डिजाइन की 21, मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की 137, मास्टर ऑफ डिजाइन की 53 और डॉक्टर ऑफ फिलासफी की 44 उपाधियाँ समारोह में प्रदान की गईं। इस अवसर पर राज्यपाल श्री टंडन ने संस्थान परिसर में नव-निर्मित मुक्ताकाश रंगमंच का उद्घाटन किया।