जमीनी हकीकत जानने जनता के बीच पहुँचे मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान
और शुभ सिद्ध हुआ जन-कल्याण और सुराज अभियान
हर राज्य सरकार का दायित्व होता है कि वह प्रदेश की जनता को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराए, जो उनका अधिकार भी है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार इन सभी दायित्वों पर खरी उतरी है। हर वर्ग की चिंता कर समय पर उसकी सहायता करना और योजनाओं का लाभ देने में भी मध्यप्रदेश की अपनी एक अलग पहचान है।
हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी मध्यप्रदेश की प्रंशसा करते हुए कहा है कि कभी बीमारू राज्य की श्रेणी में माना जाने वाला मध्यप्रदेश आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में विकसित राज्य की श्रेणी में आ गया है। मध्यप्रदेश में स्वामित्व योजना में ग्रामीणों को अधिकार अभिलेख वितरण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पुन: मध्यप्रदेश की तारीफ करते हुए कहा कि म.प्र. गजब है और देश का गौरव भी। यहाँ विकास के प्रति ललक देखने को मिलती है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश की जनता के हित में योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए दिन-रात एक कर बेहतर तरीके से लागू किया जा रहा है। यह जब-जब मैं देखता हूँ मुझे बहुत आनंद आता है। मध्यप्रदेश, केन्द्र सरकार की अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में देश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
जन-कल्याण के लिए मध्यप्रदेश में लगातार कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मूल अवधारणा भी जन-कल्याण और सुराज ही है। पिछली 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर 2021 तक संचालित जन-कल्याण और सुराज अभियान भी इस दिशा में अहम रहा है। लगातार 21 दिन चले इस अभियान में किसान, मजदूर, महिला, असहाय और गरीब वर्ग के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम कर हितग्राहियों को हितलाभ वितरण के साथ अनेक सौगातें दी गई। एक मायने में इस अवधि में चौतरफा विकास की गंगा बही।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि मध्यप्रदेश की जनता ही मेरी भगवान है और मैं उसका सेवक हूँ। मुख्यमंत्री होने के नाते मेरी जनता के प्रति वचनबद्धता है कि समाज के हर वर्ग की सहायता कर उसके मान-सम्मान को बनाए रखूँ। इसके लिए हमारी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास, राशन, खेल के साथ उन आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, जिसका लोगों की भलाई से सीधा वास्ता है। नागरिकों को सहज रूप से सरकारी सेवाओं का लाभ मिले, इसके लिए पूरी पारदर्शिता के साथ नई तकनीक का उपयोग भी किया जा रहा है। नागरिकों की सुविधा के लिए सभी विभागों में ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया गया है, जिससे अब घर बैठे आवश्यक जानकारियाँ एवं सेवाएँ प्राप्त की जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आम जनता की परेशानियों को महसूस कर जनहित में निर्णय लेकर नीतियाँ एवं योजनाएँ बनाकर उनका मैदानी स्तर पर सफलतापूर्वक क्रियान्वयन भी किया। हर क्षेत्र में नये नवाचारों के साथ जनहित का मूलमंत्र लेकर चल रही शिवराज सरकार के अनूठे प्रयोगों को अन्य राज्य भी देख रहे हैं और उन्हें अपने राज्य में लागू कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना तो पूरे देश में अनुकरणीय उदाहरण बनी है। हाल ही में कोरोना संक्रमण से मुकाबला करने जन-भागीदारी का जो मॉडल अपनाया गया वह भी अन्य प्रांतों के लिए कोतहल का सबब बना। जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए जिला, ब्लाक, ग्राम और वार्ड स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों ने जो कार्य किया उससे कोरोना नियंत्रण में काफी हद तक सफलता हासिल हुई। प्रदेश के सभी गरीब परिवारों को एक दिन में राशन वितरण के अनोखे कार्यक्रम ने भी अन्य प्रांतों को अपनी ओर आकर्षित किया है। इस व्यवस्था को देखने अन्य प्रांतों के खाद्य मंत्री भी मध्यप्रदेश आए। ग्रामीण आबादी में रहने वाले लोगों के लिए शुरू की गई केन्द्र सरकार की स्वामित्व योजना में भी मध्यप्रदेश ने अग्रणी भूमिका निभाई है। इसकी प्रंशसा स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की।
शिवराज सरकार प्रदेश के किसानों का संबल बनी है। किसानों को हर संभव सहयोग कर उनके उत्पाद को बढ़ाने और आर्थिक मदद करने में भी कभी पीछे नहीं हटी। केन्द्र सरकार की किसान कल्याण योजना को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को प्रतिवर्ष 4 हजार रूपये सहायता उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की कोरोना काल में घोषणा की, जो किसानों के लिए वरदान बनी। किसान को राज्य सरकार से मिले सहयोग से ही मध्यप्रदेश गेहूँ उत्पादन में पंजाब को पछाड़ कर देश में सिरमौर बन गया है।
यह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की ही सोच थी कि 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक जन-कल्याण और सुराज अभियान चलाकर अलग-अलग दिन विकास की योजनाएँ जनता के बीच में ले जाए और जन-कल्याण के काम भी करें। अभियान के 21 दिन में जहाँ एक ओर विकास कार्यों को अमली जामा पहनाने की होड़ रही वही राज्य की हितग्राहीमूलक योजनाओं में बड़ी संख्या में हितलाभ वितरित किए गए। साथ ही नागरिकों को सुशासन एवं सुराज का अहसास कराने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाकर विभिन्न विभागों में जनोपयोगी पोर्टल्स का शुभारंभ किया गया। इन पोर्टल के माध्यम से बिना समय गवाएँ, बिना परेशानी के, बिना कुछ लिए-दिए निश्चित सीमा में लोक और नागरिक सेवाएँ प्रदान होंगी।
जमीनी हकीकत जानने जनता के बीच पहुँचे मुख्यमंत्री
अभियान के दौरान ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही योजनाओं और मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों की कार्य-शैली को जानने विभिन्न जिलों में जनदर्शन भी किया। जनदर्शन के दौरान ग्रामीणों से रू-ब-रू होकर उनकी समस्याएँ जानी और उनकी समस्याओं, जरूरतों से संबंधी आवेदन भी लिए। इस दौरान मिली शिकायतों की हकीकत को जानते हुए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने से भी मुख्यमंत्री नहीं चूके। लापरवाह अधिकारियों को मौके पर ही निलंबित कर प्रकरणों की जाँच के आदेश दिए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान की ऑन द स्पाट कार्यवाही ने ग्रामीण जनता में सुराज का अहसास भी करवाया। जनदर्शन में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने क्षेत्रीय जनता को विकास कार्यों की सौगातें दी। उनका कहना था कि राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद भी विकास और योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। कुल मिलाकर जन-कल्याण और सुराज अभियान प्रदेश के विकास और नागरिकों की तरक्की और खुशहाली के लिए शुभ सिद्ध हुआ।