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छात्रावासों को सेन्टर फॉर एक्सीलेंस के रूप में विकसित कर छात्राओं का करें चहुँमुखी विकास : स्कूल शिक्षा मंत्री श्री परमार

भोपाल । स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इन्दर सिंह परमार ने ‘प्रज्जवला’ के तहत बालिका छात्रावासों एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के स्टाफ का छात्रावास प्रबंधन एवं अकादमिक बिन्दुओं पर ऑनलाइन प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। प्रदेश के 52 जिलों के 323 गर्ल्स हॉस्टल्स एवं 48 जिलों के 207 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जायेगा। मंत्री श्री परमार ने कहा कि छात्रावासों को रहने-खाने की सुविधा के स्थान पर ‘सेन्टर फॉर एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाये, जिससे छात्राओं का चहुँमुखी विकास हो। छात्राओं को इक्कीस वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लायक बनाने में यह अत्यन्त आवश्यक है।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि कोरोना संकटकाल सभी के लिये चुनौती के साथ ही एक अवसर भी है। यह विपरीत परिस्थितियों में बेहतर तरीके से कार्य करने के लिये अमले को तैयार कर रहा है। इस विकटकाल में विद्यार्थियों तक गुणवत्तायुक्त शिक्षा पहुँचाने के लिये शिक्षा विभाग ने कई नवाचार किये हैं। प्रज्जवला के तहत ऑनलाइन प्रशिक्षण से छात्रावासों में रहने वाली दूरस्थ गाँव की छात्राओं के समग्र विकास में सहायता मिलेगी। यही छात्राएँ आगे जाकर प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगी। मंत्री श्री परमार ने कहा कि छात्रावासों में अच्छा वातावरण तैयार कर छात्राओं को अनुशासित जीवन, व्यक्तिगत स्वच्छता एवं आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने जैसी जीवन से जुड़ी कई आवश्यक चीजों से जोड़ा जा सकेगा।

स्वच्छता जीवन का अभिन्न अंग

प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि छात्रावासों में सबसे वंचित वर्गों की बच्चियाँ आती हैं। छात्रावासों की अधिकतर छात्राएँ प्रतिभाशाली होती हैं, इन्हें थोड़ा सहयोग मिले तो ये कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगी। बेहतर प्रबंधन से  हॉस्टल  में रहने वाले विद्यार्थी अनुशासित होकर शिक्षा में भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्राओं के अकादमिक उन्नयन के लिये स्टाफ को कौशल प्रदान करना है। छात्रावास के विद्यार्थियों को व्यक्तिगत स्वच्छता से जोड़ने के लिये भी कई गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। स्वच्छता से बेहतर कुछ नहीं। वर्तमान कोरोना संकटकाल में स्वच्छता का महत्व और अधिक बढ़ गया है। स्वच्छता को प्रत्येक बच्चे के दैनिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा। इन बालिकाओं को दया या बेचारगी के भाव से नहीं वरन् सम्मान एवं प्यार से इन सब बातों से जोड़ना होगा।

प्रज्जवला

आयुक्त, राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश कुमार जाटव ने ‘प्रज्जवला’ के तहत छात्रावास के स्टाफ के ऑनलाइन प्रशिक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा 2018-19 में प्रज्जवला कार्यक्रम के माध्यम से बोध शिक्षा समिति एवं जल चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा छात्रावास की छात्राओं के चहुँमुखी विकास के लिये कई गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। बोध शिक्षा समिति, जयपुर अकादमिक गतिविधियाँ तथा जल चेरिटेबल ट्रस्ट, दिल्ली स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों का संचालन करता है। इसके लिये नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुम्बई, सीएसआर फण्ड से राशि मुहैया कराता है। श्री जाटव ने बताया कि ऑनलाइन प्रशिक्षण में समस्त जिलों के एपीसी जेंडर समस्त विकासखंडों के बीजीसी एवं केजीबीसी तथा गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन एवं सहायक वार्डन का हॉस्टल प्रबंधन, दक्षता उन्नयन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें हिन्दी, गणित एवं अंग्रेजी विषयों पर राज्य की प्रचलित पाठ्य पुस्तक के आधार पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिसमें छात्राओं की बुनियादी शैक्षणिक दक्षताओं को और बेहतर किया जायेगा। इस प्रशिक्षण में 1426 प्रतिभागी शामिल होंगे।

श्री जाटव ने बताया कि कोरोना संकटकाल में सभी हॉस्टल्स अस्थायी रूप से बंद हैं। ऐसी स्थिति में हॉस्टल्स के स्टाफ एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों द्वारा ‘हमारा घर- हमारा विद्यालय’ एवं सामुदायिक कक्षा के माध्यम से छात्राओं तक पहुँचकर नियमित पढ़ाई के लिये कारगर प्रयास किये जा रहे हैं।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, मुम्बई की सीईओ श्रीमती रेमा मोहन, बोध शिक्षा समिति, जयपुर के सचिव श्री योगेन्द्र भूषण और जल चेरिटेबल ट्रस्ट, भोपाल के रीजनल डायरेक्टर श्री बीनू ओरेकल ने ऑनलाइन प्रशिक्षण के उद्दश्यों के बारे में बताया।

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