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ग्रामों में स्वच्छ पेयजल के लिए समयबद्ध कार्यक्रम पर अमल

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्रामों के निवासियों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर में स्वच्छ जल पहुंचाने की पहल की है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी ने जहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से हर गांव को पक्की सड़क से जोड़ने का अनूठा कार्य किया, वहीं वर्तमान प्रधानमंत्री श्री मोदी गांव-गांव तक हैंडपंप के स्थान पर टोंटी से जल प्रदाय का महत्वपूर्ण कार्य निर्धारित अवधि में करवाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी बधाई और धन्यवाद के पात्र हैं। ग्रामों में परिवहन, विद्युत, पेयजल आदि व्यवस्थाओं से अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है। वोकल को लोकल बनाने की दिशा में भी इससे सहयोग मिल रहा है। वर्तमान की कोविड जैसी चुनौतियों से लड़ने में सक्षम होना भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर माताएं और बहनें ही घर के लिए पेयजल के प्रबंध का कार्य करती हैं इसलिए उन्हें इन पेयजल योजनाओं के क्रियान्वित होने से विशेष राहत मिलेगी। आगामी छह महीनों में योजनाओं का क्रियान्वयन पूरा होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पेयजल योजनाओं के सफल और संचालन और संधारण के लिए ग्रामवासियों से अंशदान देने का भी आव्हान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मिंटो हाल स्टूडियो से प्रदेश के उन 18 जिलों की 107 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का वर्चुअल भूमिपूजन कर रहे थे, जहां उपचुनाव नहीं हो रहे हैं।

संसाधनों पर पहला अधिकार ग्रामीणों का

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक समय ग्रामों में लोग बैलगाड़ी और अन्य साधनों से दो-तीन किलोमीटर दूरी से पीने का पानी लेकर आते थे। नदियों के किनारे बसे ग्रामों के निवासी भी मटकों और अन्य जलपात्रों में पानी जमा करके रखते थे। मिट्टी नीचे बैठ जाने के बाद पानी को छान कर उपयोग में लाया जाता था। इस सबके बाद भी कईं जलजनित रोग फैलते थे। पश्चिम मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों में फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या का सामना करना होता है। अब नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीण आबादी को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहयोग मिलेगा। ग्रामीण लोगों का संसाधनों पर पहला हक होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पूर्व वर्षों में जल निगम के गठन और समूह पेयजल योजनाओं के माध्यम से इन्टेकवेल का निर्माण कर पानी को ट्रीट कर प्रदाय करने की व्यवस्था को प्रभावी बनाया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन जिलों में विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों तक भी योजना के तहत स्वच्छ पेयजल प्रदाय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि आने वाले तीन वर्ष में प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुसार ग्रामों में हर घर में स्वच्छ पेयजल प्रदाय का लक्ष्य पूरा होगा। इस दिशा में मध्यप्रदेश सरकार समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार क्रियान्वयन कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवाओं से अपना उद्यम प्रारंभ करने का भी आव्हान किया।

18 जिलों में 107 योजनाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिन 18 जिलों में 107 पेयजल योजनाओं का भूमि पूजन किया, उनमें बैतूल जिले की 12, सीहोर जिले की 13, विदिशा जिले की 2, झाबुआ जिले की एक, खरगोन जिले की 8, बड़वानी जिले की 5, उज्जैन जिले की 6, शाजापुर जिले की 2, श्योपुर जिले की 2, दमोह जिले की 4, पन्ना जिले की एक, टीकमगढ़ जिले की 3, नरसिंहपुर जिले की 6, मंडला जिले की 2, सतना जिले की 4, छिंदवाड़ा जिले की 12, बालाघाट जिले की 17 तथा सिवनी जिले की 7 पेयजल योजनाएँ शामिल हैं। ये योजनाएं कुल 117 करोड़ रुपये की लागत की हैं। ये सभी पेयजल योजनाएँ चुनाव अप्रभावित जिलों की हैं।

जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों से मुख्यमंत्री की बातचीत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सांसद श्री जीएस डामोर, श्री कैलाश सोनी, खनिज निगम अध्यक्ष श्री प्रदीप जायसवाल के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से सीहोर, बालाघाट, नरसिंहपुर, झाबुआ, उज्जैन आदि जिलों के ग्रामीणों, जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों तथा जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम बड़ोदिया के प्रधान श्री सोमल सिंह सिसोदिया, झाबुआ जिले के ग्राम पारा की सुश्री चंपाबाई, बालाघाट जिले के ग्राम सिर्रा के स्वच्छता समिति के अध्यक्ष श्री प्रशांत बिसेन और बी.एससी. की छात्रा सुश्री निकिता कटारे, नरसिंहपुर जिले के खमरिया के पंच श्री लालसिंह प्रजापति और अन्य समिति सदस्यों के साथ ही उज्जैन जिले के ग्राम जयवंतपुर के सरपंच श्री जीवन सिंह गरासिया से बातचीत की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन सभी जिलों में भूमिपूजन कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों से भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों में महिलाओं की भागीदारी की जानकारी सुनिश्चित करने को कहा। समिति सदस्यों में 40 से 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राशि वितरण, किसानों को सम्माननिधि की राशि के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम का प्रारंभ मध्यप्रदेश गान से हुआ। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री मलय श्रीवास्तव ने योजना के पहलुओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

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