गुरु नानक देव भारत के सर्वाधिक लोकतांत्रिक आध्यात्मिक नेताओं में एक : वेंकैया नायडू
गुरु नानक देव भारत के सर्वाधिक लोकतांत्रिक आध्यात्मिक नेताओं में एक : वेंकैया नायडू
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरु नानक देव को भारत के सबसे लोकतांत्रिक आध्यात्मिक नेताओं में एक बताते हुए बुधवार को कहा कि पहले सिख गुरु की सीख को जीवन में आत्मसात किया जाए तो शांति तथा सतत विकास की नयी दुनिया बन सकती है।
गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के उपलक्ष्य में पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में नायडू ने कहा कि सिख पंथ के संस्थापक का दृष्टिकोण समय-काल से परे है और पांच शताब्दी पहले उसकी जितनी अहमियत थी, आज भी उतनी ही प्रासंगिकता है। पंजाबी में अपना संबोधन शुरू करते हुए नायडू ने कहा कि विशेष सत्र में हिस्सा लेते हुए उन्हें खुशी हो रही है।
उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की तारीफ भी की। इस विशेष आयोजन में पंजाब के विधायकों, सांसदों के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पड़ोसी राज्य के विधायक, सांसद भी मौजूद थे। वर्ष 1966 में पंजाब से हरियाणा के अलग होने के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि पंजाब और हरियाणा के विधायक इस विशेष सत्र में पंजाब विधानसभा में एक साथ बैठे।
नायडू ने अपने संबोधन में कहा, “यह बिल्कुल उपयुक्त है कि लोकतंत्र के इस मंदिर ने भारत के सबसे लोकतांत्रिक आध्यात्मिक नेताओं में से एक पर विशेष सत्र समर्पित किया है।” नायडू ने कहा, “गुरु नानक जी भारत के दूरदर्शी आध्यात्मिक नेताओं की लंबी शानदार परंपरा से जुड़े हैं, जिन्होंने मानव अस्तित्व को रोशन किया और देश की सांस्कृतिक राजधानी को समृद्ध किया।”
उन्होंने कहा कि गुरु नानक जी वह देख सकते थे, जो साधारण लोग नहीं देख सकते। नायडू ने कहा, “उन्होंने अपनी अंतर्दृष्टि और विचारों से लोगों की जिंदगी को रोशन किया। गुरु शब्द का यही मतलब होता है। गुरु वह होता है तो प्रकाश दिखाता है, दुविधाओं को दूर करता है और मार्ग दिखाता है।”
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव की जिंदगी से महिलाओं के लिए सम्मान और लैंगिक समानता के बारे में भी महत्वपूर्ण सीख मिलती है। नायडू ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि गुरु नानक ने 16 वीं शताब्दी में अंतर-धार्मिक वार्ता शुरू की थी और अपने समय के अधिकांश धार्मिक संप्रदायों के साथ बातचीत की थी। उन्होंने गुरु नानक देव के बताए रास्तों पर चलते हुए लोगों की सेवा कर विधायकों-सांसदों से एक मिसाल कायम करने को कहा।
करतारपुर गलियारा के निर्माण पर खुशी प्रकट करते हुए नायडू ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि यह शांति, सौहार्द्र और मानवता का गलियारा होगा। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि अगले कुछ दिनों में करतारपुर के लिए गलियारा खोला जाने वाला है।” कार्यक्रम के आरंभ से पहले पंजाब के कुछ विधायकों ने सदन में अरदास भी की । सदन में ‘सतनाम वाहेगुरु’ वाणी के ऑडियो क्लिप भी चलाए गए।