खेल विभाग और इंग्लैण्ड के लोघ्बौरौघ विश्वविद्यालय के मध्य होगा अनुबंध
भोपाल । यह पहला मौका होगा जब इंग्लैण्ड की प्रख्यात रिसर्च यूनिवर्सिटी लौघ्बोरौघ और प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मध्य स्पोर्ट्स साइंस रिसर्च के लिये अनुबंध किया जायेगा। खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा है कि जल्द ही भोपाल के बरखेड़ा नाथू स्थित खेल विभाग से आवंटित भूमि पर विश्व-स्तरीय स्पोर्ट्स साइंस सेंटर बनाया जायेगा।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया मंगलवार को टी.टी. नगर स्टेडियम में स्पोर्ट्स परफार्मेंस और इन्ज्युरी प्रिवेनशन तथा हाई परफार्मेंस लीडरशिप प्रोग्राम में वेबिनार के माध्यम से शामिल हुई। वेबिनार में संचालक खेल एवं युवा कल्याण डॉ. पवन कुमार जैन, इंग्लैण्ड के लौघ्बोरौघ विश्वविद्यालय के डॉ. मार्क किंग तथा श्री पेटे एल्वे, प्रख्यात ओलम्पियन शूटर श्री अभिनव बिन्द्रा तथा एल्मस फाउण्डेशन के श्री इमरान, स्पोर्ट्स साइंटिंस्ट तथा सभी खेलों के प्रशिक्षक शामिल हुए।
खेल मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि वर्तमान में प्रशिक्षकों को अपनी खेल की समझ की सीमाओं को चुनौती देना होगा। अपनी विधा में वे अनुसंधान करें। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी प्रशिक्षकों की होती है। इसके लिये उन्हें नई आधुनिक तकनीकों को जानना होगा। बेहतर प्रदर्शन के लिये महत्वपूर्ण कारक की पहचान करें। खिलाड़ियों की इन्ज्यूरी के कारण और बचाव को समझने के लिये स्पोर्ट्स साइंस को समझना आवश्यक है। इन्ज्यूरी मेकेनिज्म को जानना जरूरी है। खेल मंत्री ने कहा कि प्रदेश की खेल अकादमियाँ सिर्फ अकादमी नहीं थे, अकादमी ऑफ एक्सेलेंस हैं। प्रशिक्षकों को उत्कृष्ट खिलाड़ियों की पहचान होना महत्वपूर्ण है। उत्कृष्टता ही जीत का मंत्र है। उन्होंने कहा है कि कोविड महामारी ने जहाँ एक तरफ हमें अपने घरों में रुकने को मजबूर किया है, वहीं इस दौरान आधुनिक तकनीक को हमारी दिनचर्या में शामिल भी किया है। इसका पूरा फायदा प्रशिक्षकों को लेना चाहिये। सारी जानकारी आज वर्चुअल वर्ल्ड में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के प्रख्यात लौघ्बोरौघ विश्वविद्यालय के साथ जुड़ना हमारा सौभाग्य है।
वेबिनार में लौघ्बोरौघ विश्वविद्यालय के डॉ. मार्क किंग ने कहा कि प्रशिक्षक और खिलाड़ी के बीच साझेदारी का संबंध होना चाहिये। वर्तमान में प्रशिक्षकों को खिलाड़ियों के इन्ज्युरी मेकेनिज्म को पूर्ण रूप से समझने की जरूरत है।