कोविड-19 के भय को दूर करने आगे आयें विश्वविद्यालय
कोविड-19 के भय को दूर करने आगे आयें विश्वविद्यालय
भोपाल । मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लाल जी टंडन ने कहा है कि प्रदेश में आत्म निर्भर और स्वायत्त विश्वविद्यालय का नया दौर प्रारम्भ हो रहा है। व्यवस्था को मजबूत और सफल बनाने का दायित्व कुलपतियों का है। सर्वोच्च प्राथमिकता अनुशासित, बाधा रहित, भयमुक्त और गाइड लाइंस के अनुसार परीक्षा संचालन को दी जाय। श्री टंडन राजभवन में आयोजित शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री मुकेश शुक्ला मौजूद थे।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती कठिन दौर है। लेकिन यह नये भारत के निर्माण का अवसर भी है। स्वदेशी नवाचारों के लिए नया वातावरण बना है। शोध, अनुसंधान और नये-नये प्रयोगों के लिए वातावरण निर्माण में विश्वविद्यालय सहयोग करें। कोविड-19 के भय को खत्म करने विश्वविद्यालय आगे आयें। स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की चेतना को प्रोत्साहन दें। नये स्टार्टअप स्थापना में सहयोग करें। इनके लिए भरपूर राशि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में विश्वविद्यालयों में नई सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार हुआ है। एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर और एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म निर्माण के लिए सभी बधाई के पात्र हैं। कोविड-19 के संबंध में जन जागृति के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा संदेश प्रसारण का जो कार्य किया है, वह सराहनीय है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए कार्य देश-प्रदेश की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शक होंगे।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन ने कहा कि परीक्षा संचालन व्यवस्थाओं में सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाये। सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्रों की संख्या अथवा क्षमता को बढ़ाकर नियोजित किया जाना चाहिए। परीक्षा संचालन के दौरान परीक्षा केन्द्र में आगमन से लेकर परीक्षा समाप्ति बाद वापस जाने तक की समस्त व्यवस्थाओं का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बना लिया जाये। तीन पालियों में परीक्षा संचालन को भी परीक्षा अवधि को कम करने अथवा दो पालियों के अंतराल में सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण करने की आवश्यक व्यवस्थाओं की सभी संभावनाओं पर विचार कर एस.ओ.पी. का निर्माण किया जाए। यह प्रयास किया जाये कि छात्र-छात्राओं को कम से कम यात्रा करनी पड़े। बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये। दूरस्थ क्षेत्र एवं अन्य कारणों से परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने वालों के लिए अतिरिक्त परीक्षा की व्यवस्था हो। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के भी कार्य किए जाएं।
राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों के लिए नैक ग्रेडिंग की अवधि 6 माह बढ़ाने की अनुमति नैक द्वारा प्रदान कर दी है। उन्होंने परीक्षा केन्द्रों में थर्मल जाँच, सेनिटाइजर इत्यादि आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने की जरूरत बताई। परीक्षा केन्द्र में आकस्मिक परिस्थितियों के दृष्टिगत एक कक्ष पृथक से आरक्षित रखा जाये। परीक्षार्थी को बुखार आदि के लक्षण मिलने पर उसकी परीक्षा अलग से ली जा सके।
बैठक के प्रारम्भ में राज्यपाल को इंदौर विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेनू जैन ने नैक की ‘ए’ ग्रेडिंग का प्रमाण तथा जबलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक भेंट की। इस अवसर पर सभी कुलपतियों ने परीक्षा संचालन तैयारियों के संबंध में जानकारी दी गयी। उन्होंने कोविड-19 चुनौती के दौरान विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता के प्रयासों की जानकारी दी। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुनील कुमार ने सामाजिक दूरी की सुनिश्चितता के लिए स्टुडेंट फ्लो चार्ट बनाकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाने की जानकारी दी।