किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा गुणवत्तापूर्ण खाद और बीज
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि खरीफ के लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तायुक्त खाद और बीज उनकी आवश्यकता अनुसार प्राप्त हो जाएगा। प्रदेश में डी.ए.पी., यूरिया आदि खाद की पर्याप्त उपलब्धता है, जो किसानों को सहकारी समितियों एवं व्यापारियों के माध्यम से आसानी से मिल जाएंगे। किसान अपनी खाद, बीज की मांग संबंधित सहकारी संस्था में लिखवा दें। श्री चौहान आज मंत्रालय में खरीफ आदान व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव कृषि श्री अजीत केसरी, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री उमाकांत उमराव, संचालक कृषि श्री संजीव सिंह बैठक में उपस्थित थे।
खाद का अग्रिम भंडारण
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सहकारी संस्थाओं में खाद का अग्रिम भंडारण कर लिया जाए। लॉक डाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं के वाहनों के आवागमन पर कोई रोक नहीं है।
कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा को प्रोत्साहित करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा की फसलों को प्रोत्साहित किया जाए। ये फसलें स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं तथा डायबिटीज जैसी बीमारियों में लाभदायक हैं।
खराब बीज न हों, यह सुनिश्चित करें
बैठक में बताया गया कि गत वर्ष सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ था, जिसके कारण इस वर्ष सोयाबीन के बीज की कुछ कमी है। इस बार हमारा लक्ष्य 12.15 लाख क्विंटल सोयाबीन बुआई का है, जिसमें से हमारे पास 7.56 लाख क्विंटल सोयाबीन का बीज उपलब्ध है तथा शेष की व्यवस्था की जानी है, जो कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को दिए जाने वाला बीज खराब ना हो। वह उत्तम गुणवत्ता का ही होना चाहिए।
मक्का की फसल को बढ़ावा दिया जाए
बैठक में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने सुझाव दिया कि सोयाबीन के बीज की कमी को देखते हुए प्रदेश में खरीफ में मक्का को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे सभी किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
जिलेवार समीक्षा करें
सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्रों से किसानों को खाद की आपूर्ति के अनुपात के विषय में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस संबंध में जिलेवार समीक्षा की जाए, तत्पश्चात निर्णय लिया जाएगा।
कालाबाज़ारी न हो
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर जिले में यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद, बीज आदि की किसी भी हालत में कालाबाजारी ना हो अन्यथा दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस बार 144.6 लाख हेक्टेयर बुआई का लक्ष्य
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि ने बताया कि इस बार खरीफ के अंतर्गत प्रदेश में 144.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बुआई का लक्ष्य रखा गया है। सर्वाधिक 60 लाख हेक्टेयर सोयाबीन का लक्ष्य है। धान का लक्ष्य 31 लाख हेक्टेयर, उड़द का लक्ष्य 17.50 लाख हेक्टेयर है, मक्का का 16 लाख हेक्टेयर, कपास का 6.50 लाख हेक्टेयर, अरहर का 4.50 लाख हेक्टेयर, तिल/ राम-तिल का 4.50 लाख हेक्टेयर, मूंगफली का 2.50 लाख हेक्टेयर, मूंग का 2 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहन का 0.10 लाख हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है।
6.05 लाख मी.टन उर्वरक का अग्रिम भण्डारण
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में प्रमुख उर्वरकों का 6.05 लाख मी.टन अग्रिम भण्डारण कर लिया गया है जबकि इनका लक्ष्य 9.40 लाख मी. टन रखा गया है। यूरिया के 4 लाख मी.टन लक्ष्य के विरूद्ध 1.42 लाख मी.टन, डीएपी 4 लाख मी.टन में से 3.60 लाख मी. टन, कॉम्प्लेक्स 1 लाख मी.टन के विरूद्ध 0.73 लाख मी. टन तथा पोटास 0.40 लाख मी.टन के विरूद्ध 0.30 लाख मी. टन का अग्रिम भंडारण किया जा चुका है।