एशियाई सिंह प्रतिस्थापन के लिये परस्पर चर्चा करे गुजरात-मध्यप्रदेश एम्पावर्ड कमेटी
एशियाई सिंह प्रतिस्थापन के लिये परस्पर चर्चा करे गुजरात-मध्यप्रदेश एम्पावर्ड कमेटी
केन्द्रीय मंत्री श्री जावड़ेकर द्वारा सिंहों के संरक्षण के प्रति मध्यप्रदेश की चिंता की सराहना
भोपाल। केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदेश के वन मंत्री श्री उमंग सिंघार द्वारा देश में एशियाई सिंह के संरक्षण के लिये व्यक्त चिंता की सराहना की है। उल्लेखनीय है कि वन मंत्री श्री सिंघार ने प्रधानमंत्री को 30 सितम्बर, 2019 को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान से प्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंह प्रतिस्थापन के लिये पत्र लिखा था। एशियाई सिंह बहुत कम तादाद में विश्व में मात्र गिर वन में ही बचे हैं।
केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने वन मंत्री श्री सिंघार को प्रेषित पत्र में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल, 2013 को देश के अन्य स्थान पर भी एशियाई सिंह की आबादी बढ़ाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के कूनो में गिर राष्ट्रीय उद्यान से सिंह प्रतिस्थापन के निर्देश दिये थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिस्थापन इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर की गाइड-लाइन के आधार पर करने और केन्द्रीय वन मंत्रालय को इसके लिये विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश दिये थे।
केन्द्रीय मंत्री श्री जावड़ेकर ने बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में केन्द्रीय वन मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। यह समिति एशियाई सिंहों का मध्यप्रदेश के कूनो में प्रतिस्थापन के लिये की जाने वाली प्रक्रिया का परीक्षण करवा रही है। इसके अलावा, गुजरात और मध्यप्रदेश शासन ने भी अपने-अपने राज्य में वन्य-प्राणी अभिरक्षक (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) की अध्यक्षता में एशियाई सिंहों के प्रतिस्थापन के संबंध में स्टेट स्पेसिफिक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया है। श्री जावड़ेकर ने कहा है कि दोनों राज्यों की इन समितियों के सिंहों की सुरक्षा, देखभाल, प्रतिस्थापन की प्रक्रिया में गाइड-लाइन, हेबीटेट के मूल्यांकन आदि के परस्पर गहन विचार-विमर्श के बाद सिंहों का प्रतिस्थापन होगा।
वर्तमान में एशियाटिक लॉयन अभी केवल गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में बचे हैं। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फेडरेशन और वन्य-प्राणी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने के लिये इनकी किसी अन्य अनुकूल वातावरण में भी आबादी होना आवश्यक है। मध्यप्रदेश के कूनो अभयारण्य में सिंहों के लिये हर तरह से अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। मध्यप्रदेश में वन विभाग ने सिंहों की आबादी बढ़ाने के लिये हर संभव तैयारी पूरी कर ली है। यदि कोई महामारी फैलती है अथवा क्षेत्र के अनुपात में सिंहों की आबादी अधिक होती है, तो गिर के सिंह की बढ़ोत्तरी में गिर के बाद कूनो देश में सबसे मुफीद जगह होगी।