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आपदा नियंत्रण केन्द्र चौबीस घंटे सक्रिय रहें- मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति की समीक्षा कर आमजन को जलभराव की स्थिति से बचाने और आवश्यक राहत के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिला मुख्यालय स्थित आपदा नियंत्रण केन्द्र को 24 घंटे सक्रिय रखा जाए। जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक तत्काल की जाए और अतिवर्षा के एवं राहत के प्रयासों की गहन समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए की सभी कलेक्टर्स जिले के बड़े बांधों और जलाशयों की स्थिति पर नजर रखें। संबंधित अमला पूर्ण सजग, सतर्क रहे। नर्मदा घाटी विकास विभाग के कंट्रोल रूम से भी निरंतर संपर्क रखा जाए ताकि जलभराव और बांधों के गेट खोलने की स्थिति आने पर सभी आवश्यक इंतजाम हो सकें। संभागीय कमिश्नर्स भी नियमित मॉनिटरिंग कर कठिनाई की स्थिति में समाधान निकालने में पीछे न रहें। बाढ़ की स्थिति में आपदा राहत के लिए सभी उपयोगी उपकरण कार्य करने की स्थिति में रखते हुए बचाव दल मुस्तैद रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने फसलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी ली।

आज की बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कहीं प्रदेश में अतिवर्षा के कारण गंभीर स्थिति नहीं है लेकिन पूरी तरह सतर्क रहकर आमजन को परेशानी से बचाने के प्रयास हों। बाढ़ की स्थिति की सूचनाओं के आदान-प्रदान और समन्वय के लिए कलेक्टर सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर्स के साथ भी निरंतर संपर्क में रहें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन शहरी क्षेत्रों के वार्डों अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है, या बस्तियों में पानी प्रवेश कर गया है, वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। राहत स्थलों पर भोजन, पेयजल, आश्रय की पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जिलास्तरीय कंट्रोल रूम पूरी तत्परता से कार्य करें। संबंधित स्टाफ अपने दायित्व के निर्वहन के लिए सजग रहे।

पिकनिक स्थलों पर जाने से बचें आमजन, सावधानी आवश्यक है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रशासनिक अमले से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जिले के ऐसे पिकनिक स्थलों जहाँ झरने देखने के लिए लोग पहुँच जाते हैं, वहां जाने से लोग बचें। ऐसे स्थानों पर सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानियाँ रखी जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आमजन से भी ऐसे स्थानों पर जाने का मोह छोड़कर सावधानी बरतने का अनुरोध किया है।

नदियों जलाशयों और बांधों का जलस्तर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिक वर्षा वाले जिलों और नदियों एवं बांधों के जलस्तर की जानकारी भी प्राप्त की।बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में भोपाल-इन्दौर सहित होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, विदिशा, उज्जैन, धार, शाजापुर, खण्डवा जिलों में सर्वाधिक वर्षा हुई है। तीन जिलों को छोड़कर कहीं भी सामान्य से कम बारिश नहीं है। करेली, होशंगाबाद, मोरटका में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है। टमस, केन, टोंस, चंबल, पार्वती, बेतवा का जलस्तर भी क्रमश: सिरमौर, गुनौर, मैहर, नागदा, बरखेड़ा, मकसूदनगढ़ और नीमखेड़ा में खतरे के निशान से बहुत कम है। जलाशयों में बरगी जबलपुर का जलस्तर 421 मीटर, तवा, होशंगाबाद का जलस्तर 352 मीटर, बारना रायसेन का जलस्तर 345 मीटर, इंदिरा सागर जलाशय खण्डवा का जलस्तर 256 मीटर, ओंकारेश्वर का 194 मीटर, बाणसागर जलाशय का 341 मीटर है।

किसानों की सलाह के लिए कृषि विभाग तत्पर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में फसलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि कहीं अतिवर्षा से फसलों पर प्रभाव पड़ता है तो किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन उपलब्ध करवाया जाए। प्रमुख सचिव कृषि श्री अजीत केसरी ने बताया कि वर्तमान समय में फसलों पर कीट व्याधि की समस्या सामने आती है। किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग ने जिलों में दल बनाकर क्षेत्र के भ्रमण के निर्देश जारी किए हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कीट व्याधि की समस्या के समाधान के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है। विभागीय योजना में किसानों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। यदि कहीं जलभराव की स्थिति बनती है तो जल निकासी करने का किसानों को आवश्यक परामर्श दिया जा रहा है। दैनिक समीक्षा के लिए जिलास्तर पर नियंत्रण कक्ष भी बनाने के निर्देश दिए गए है। कृषि संचालनालय में भी कंट्रोल रूम गठित किया गया है।

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