भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के हर जिले में कोरोना के इलाज की चिन्हित शासकीय अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था की गई है। साथ ही कुछ निजी चिकित्सालयों को भी अनुबंधित किया गया है, जहां कोरोना के इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था है। बिना लक्षण वाले ऐसे मरीज, जिनके घर में व्यवस्था है, उन्हें ‘होम आइसोलेशन’ में भी रखा जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि ‘होम आइसोलेशन’ के लिए गाइडलाइन जारी की जाएं, जिससे घर पर भी मरीज का अच्छा इलाज एवं पूरी देखभाल हो सके।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रत्येक जिले में मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग और बचाव के लिये आवश्यक सावधानियों का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में वी.सी. के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।
रिकवरी रेट 76.4 प्रतिशत
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की कोरोना रिकवरी रेट 76.4 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट 4.57 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 2.24 प्रतिशत है। प्रदेश की प्रति 10 लाख टेस्टिंग 15,467 हो गई है। एक्टिव प्रकरणों के मान से प्रदेश का देश में 16वां स्थान है, यहां एक्टिव प्रकरणों की संख्या 12 हजार 422 है। प्रदेश में अब प्रतिदिन 23 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं।
सर्वाधिक प्रकरणों वाले 10 जिले
जिलेवार समीक्षा में पाया गया कि कोरोना के इंदौर में सर्वाधिक 171 नए प्रकरण आए हैं, वहीं ग्वालियर में 156, भोपाल में 155, जबलपुर में 126, झाबुआ में 49, शिवपुरी में 43, धार में 36, खरगौन में 36, उज्जैन में 34 तथा सागर में 31 नए प्रकरण आए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन सभी जिलों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
वर्तमान में 2109 मरीज ‘होम आइसोलेशन’ में
अपर मुख्य सचिव श्री सुलेमान ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्तमान में कुल 2109 मरीज होम आइसोलेशन में है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि फीवर क्लीनिक्स पर कोरोना टेस्ट के लिए सैम्पल लिए जाने की व्यवस्था हो, जिससे कोई भी व्यक्ति वहां जाकर आसानी से अपना कोरोना टेस्ट करा सके।