हर महिला आर्थिक रूप से सशक्त हो- राज्यपाल श्रीमती पटेल
भोपाल। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने महिला उद्यमियों का आव्हान किया है कि गरीब, दूरस्थ और पिछड़े अंचलों की महिलाओं के साथ जुड़े। उनकी समस्याओं के समाधान में सहयोग करें। उन्हें जागरूक बनाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग नारी शक्ति का युग है। हर महिला आर्थिक रूप से सशक्त हो, इस के प्रयास किए जायें। श्रीमती पटेल आज कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की महिला विंग द्वारा सेनेटरी नेपकिन लांचिग कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में ऑन लाइन राजभवन लखनऊ से संबोधित कर रहीं थीं।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि आर्थिक उन्नति के साथ ही सामाजिक दायित्वों को निभाना जरूरी है। सरकार के प्रयासों के साथ ही समाज को भी टी.बी. रोगियों के उपचार, विषम पारवारिक परिस्थतियों से पीड़ित, पिछड़ी और गरीब महिलाओं की मदद करनी चाहिए। स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं के लिए सेनेटरी नेपकिन रियायती दर पर उपलब्ध करवाने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से बालिका के परिवार की बड़ी महिलाओं को भी नेपकिन की उपयोगिता की जानकारी और प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 की चुनौती का देश में सफलता पूर्वक सामना हुआ है। ऐसे ही संयुक्त प्रयास महिलाओं के आर्थिक आत्म-र्निभरता के लिए किए जाने चाहिए। महिला औद्योगिक, व्यापारिक संगठन ग्रामीण स्व-सहायता समूहों के साथ पारस्परिकता के आधार पर व्यापारिक गतिविधियों के संचालन का प्रयास करें। कच्चे माल की संयुक्त खरीदी, आपूर्ति आदि के क्षेत्र में संम्भावनाएँ तलाश की जानी चाहिए। महिला हाट का आयोजन किया जाए, जिसमें महिलाओं को नि:शुल्क स्थान उपलब्ध कराया जाए।
श्रीमती पटेल ने कहा कि सरकार ने कामकाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की गरिमा को महत्व दिया है। केन्द्र सरकार के नीतिगत सरलीकरण से देश में महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ी है। देश के एमएसएमई क्षेत्र में अब लगभग 80 लाख से अधिक महिला उद्यमी हैं। पिछले 5 वर्षों में पीएमईजीपी के तहत 38 प्रतिशत की वृद्धि के साथ महिला उद्यमियों द्वारा उद्यमों की स्थापना की जा रही है। मुद्रा योजना जैसी योजनाओं से 15 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी आत्म-निर्भर हुई हैं। कोरोना का संकट है, लेकिन गुणवत्ता सुधारने और आर्थिक प्रगति के लिए नया अवसर है। आवश्यकता अपनी शक्ति को पहचानने और नई दिशा पर चलने के संकल्प की है। देश का नेतृत्व सकारात्मक और उसकी निगाह सब पर है। सरकार ने किसान, व्यापारी, मजदूर, युवा, महिलाएं, उद्योगों आदि सभी के लिए व्यवस्थाएँ की गई हैं। इनका लाभ कैसे लिया जाए, क्या नया किया जाए, वर्तमान व्यापार और व्यवसाय में क्या सुधार कर उसे बढ़ाया जाए, इसका चिंतन करें। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आर्थिक पैकेज का उपयोग नये भारत के निर्माण में हो। इन प्रयासो में कैट अपने सदस्यों का मार्गदर्शन करें।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट में विश्व की जो हालत है। उसमें महिलाओं के लिए आर्थिक आत्म-निर्भरता और विकास का नया रास्ता खुला है। कोविड-19 के कारण वर्तमान समय अत्यंत परिवर्तनशील हो गया। ई-कॉमर्स बिजनेस, ऑनलाइन बिजनेस और डिजिटल का प्रचलन बढ़ा है। महिला उद्यमियों को इस टेक्नोलॉजी को स्वीकार करना होगा और फिजीकल रूप से एवं ई-कॉमर्स के माध्यम से आर्थिक गतिविधियां चलानी होंगी। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उनकी एंटरप्रेन्योरशिप क्षमता निर्माण और कौशल विकास को सृजित करने में सरकार, वित्तीय संस्थाएं, विशेषज्ञ समूह, व्यवसाय एवं उद्योग संघ तथा सफल महिला उद्यमियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
कार्यक्रम में कैट के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र जैन ने महिला उद्यमियों को प्रेरक उद्बोधन दिया। स्वागत उद्बोधन कैट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती कविता जैन ने दिया। कार्यक्रम की रूपरेखा पर कैट महिला विंग की जिला संयोजिका श्रीमती शिल्पी विवेक जैन ने प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन कैट ग्वालियर महिला विंग की जिला संयोजिका रितिका गुप्ता ने किया। विडियों क्रांफेंस का संचालन मनोज चौरसिया ने किया।