जनजातीय कल्याण के कार्य मिशन मोड में हो रहे : मुख्यमंत्री श्री चौहान
राजभवन में हुई अनुसूचित जाति, जनजाति विकास संबंधी बैठक
मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया रोग की रोकथाम के लिए सभी स्तरों पर मिलकर कार्य किए जाएँ। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को चिकित्सकों के माध्यम से सिकल सेल एनीमिया रोग की जानकारी दी जाए। उन्होंने सम्मेलन और सामुदायिक कार्यक्रमों में रोग के संबंध में जन-जागरण के प्रयासों की जरूरत बताई।
राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में अनुसूचित जाति, जनजाति विकास संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह भी मौजूद थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने सिकल सेल एनीमिया रोग के चिन्हांकन के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सर्वे के साथ ही जन-जागृति के कार्य व्यापक स्तर पर किए जाने चाहिए। रोकथाम के प्रयासों में जहाँ समस्या का स्वरूप अधिक है, उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाये। गर्भवती महिलाओं की जाँच और उपचार के प्रयासों पर भी बल दिया जाए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय इस आनुवांशिक रोग के नियंत्रण के लिए देश में पहली बार संस्थागत प्रयास किए गए, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। गुजरात के अनुभवों का उपयोग राज्य में किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिकल सेल रोग उन्मूलन के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय कल्याण के कार्य मिशन मोड में कर रही है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल एनीमिया रोग नियंत्रण के क्षेत्र में गुजरात राज्य द्वारा किए गए प्रभावी प्रयासों और उत्कृष्ट कार्यों का राज्य में अनुसरण होगा। कार्य का चरणबद्ध स्वरूप में रोड मैप तैयार किया जा रहा है। रोग नियंत्रण के प्रयासों को संस्थागत स्वरूप में संचालित किया जाएगा। जनजातीय कल्याण और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय के साथ कार्य की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
गुजरात में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण प्रयासों के संबंध में विशेषज्ञ डॉ. यज्दी इटालिया ने अपने प्रजेन्टेशन में बताया कि गुजरात देश का पहला राज्य है जिसने वर्ष 2006 में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम को राज्य सरकार की चिकित्सा सेवाओं में शामिल किया। उन्होंने रोग के स्वरूप, प्रकृति, उपचार और नियंत्रण के गुजरात मॉडल की जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और चिकित्सकों के संवेदीकरण पर विशेष बल दिए जाने की जरूरत बताई।