भोपाल । मध्यप्रदेश में आर्थिक संकट से निपटने के लिए गठित समिति की अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने सेक्टर-वार अनुशंसाओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के वजह से अर्थव्यवस्था की काफी क्षति हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश में कारखानों से संबंधित अनेक कानूनों में बदलाव किया गया। यह कदम इस अर्थ में क्रांतिकारी है कि इसके कारण नये निवेश को बढ़ावा मिलेगा और राज्य को वर्तमान कोरोना संकट से उबारने में प्रत्यक्ष सहयोग मिलेगा। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन एवं प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल उपस्थित थे।
आर्थिक सहारा देने वाले महत्वपूर्ण कदम
राज्य सरकार जरूरतमंदों को रोजगार देने के साथ ही उद्योगों के लिए रियायती प्रावधान करने, महिलाओं को मास्क निर्माण जैसे कार्यों से जोड़ने के लिए जीवन शक्ति योजना का निर्माण कर चुकी है। यह प्रयास सतत् रूप से किये जायेंगे। उद्देश्य यही है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को आर्थिक सहारा मिले। आज समिति की बैठक में जानकारी दी गई कि कृषि क्षेत्र, एम.एस.एम.ई. और बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित अनुशंसाएं की गई हैं, जिनको स्वीकार करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया गया है।
श्रमिकों, किसानों, महिलाओं को किया गया लाभान्वित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज आर्थिक संकट से निपटने के लिए गठित समिति की अनुशंसाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के 13.64 लाख श्रमिकों को मनरेगा के अंतर्गत कार्य उपलब्ध हो रहा है। यह राज्य की बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा जल संसाधन एवं लोक निर्माण विभाग ने करीब एक हजार कार्य प्रारंभ किए हैं। शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में नि:शुल्क भोजन व्यवस्था के लिए दीनदयाल रसोई संचालित है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान किया गया है। अन्य राज्यों के प्रदेश में फंसे 6,885 श्रमिकों को एक हजार रूपए की सहायता और 8.85 लाख संनिर्माण कर्मकारों को एक हजार रूपए की दो किश्तें प्रदान की जा चुकी हैं। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि भी दी गई। मण्डी अधिनियम में और अनेक श्रम कानूनों में संशोधन किए गए हैं। खरीफ सीजन के लिए करीब 10 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध करवाया गया है। बीमा कंपनियों को 510 करोड़ रूपए का अग्रिम भुगतान किया गया है। करीब 47 हजार श्रमिक हेल्थ केयर और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। औद्योगिक पार्क और इंडस्ट्रियल पार्क में इकाईयां शुरू करने के लिए भी आदेश जारी किए जा चुके हैं। महिला समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार के प्रदाय का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश में 5 संयंत्र कार्य कर रहे हैं। ऊर्जा विभाग ने देयकों के स्थाई प्रभार की वसूली स्थगित की है। कोविड-19 से प्रभावित रोगियों की सेवा में लगे चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को 10 हजार रूपए की एकमुश्त सहायता देने का निर्णय लिया गया।