शिवसेना का ‘सामना’ से मोदी सरकार पर सीधा हमला, पूछा- कश्मीर आंतरिक मामला, यूरोपीय सांसदों को वहां क्यों भेजा?
नई दिल्ली। सामना में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह भारत का आंतरिक मामला है। ऐसे में यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर में आने का मकसद क्या है? भारत को कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र का हस्तक्षेप तक मंजूर नहीं है।
यूरोपीय संसद के सदस्यों को कश्मीर दौरे पर भेजने को लेकर मोदी सरकार अपनों के बीच ही घिर गई है। महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। इस मुद्दे पर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक लेख छपा है, जिसमें यूरोपीय संसद के सदस्यों के कश्मीर दौरे को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।
सामना में छपी रिपोर्ट में कहा गया है, “कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह भारत का आंतरिक मामला है। ऐसे में यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर में आने का मकसद क्या है? भारत को कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र का हस्तक्षेप तक मंजूर नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि यूरोपियन समुदाय का कश्मीर आकर निगरानी करना भारत की आजादी और सार्वभौमिकता पर बाहरी हमला नहीं है क्या?”
सामना में छपी रिपोर्ट में आगे कहा गया, “कश्मीर में देश के नेताओं के प्रवेश पर रोक है। ऐसे में सवाल यह है कि यूरोपियन समुदाय के 27 सदस्य कश्मीर आकर क्या करने वाले हैं, इसका जवाब गृहमंत्री खुद देने समर्थ हैं। अमेरिकी सांसदों के एक दल ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की थी। उनकी चिंता जाहिर करने के बाद यूरोपीय संसद के सदस्य कश्मीर में मौजूदा हालात की निगरानी करने के लिए आए हैं।”
बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार को ऐसे समय में इस मुद्दे पर निशाना बनाया है, जब चारों तरफ मोदी सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना हो रही है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल मोदी सरकार से यह पूछ रहे हैं कि देश के नेताओं और सांसदों को कश्मीर में जाने पर रोक है। लेकिन यूरोपीय संसद से सदस्यों को वहां जाने दिया गया। विपक्ष पूछ रहा है कि आखिर मोदी सरकार अपने इस कदम से क्या बताना चाहती है। कश्मीर भारत का एक आंतरिक मुद्दा है। मोदी सरकार भी यह कहती रही है। ऐसे में उसने विपक्षी पार्टियों के नेताओं को कश्मीर में जाने से रोक, यूरोपीय संसद के सदस्यों को वहां जाने की इजाजत देकर क्या संदेश देना चाहती है?