भोपाल । विज्ञान एवं प्रौधोगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा है कि वैज्ञानिकों को ऐसे विषयों और क्षेत्रों में अनुसंधान करना चाहिए जिससे गांव में रहने वाले लोगों तक रोजगार के अवसर पहुंचे और वे आत्मनिर्भर बन सके। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए ग्रामीणों इलाकों में छोटे-छोटे नए केंद्र बनाकर ग्रामीणों को रोजगार के अवसरों से परिचित कराने की आवश्यकता है।
मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेंपकॉस्ट) में हुई बैठक में वैज्ञानिकों को संबोधित कर रहे थे | बैठक में विभिन्न विभागों के वैज्ञानिकों ने प्रेजेंटेशन दिया। श्री सकलेचा ने कहा कि देश में चीन में बने सामान का विरोध जारी है। हमारे यहां स्वदेशी उत्पादों को महत्व देने और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के बीच विज्ञान की शौध परियोजनाओं की सही और उपयोगी जानकारियां पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को गलत अथवा भ्रामक सूचनाओं से दूरी बनाना चाहिए।
मंत्री श्री सकलेचा ने औषधीय और आयुर्वेदिक वनस्पतियों को उगाने वाली वैज्ञानिक तकनीक टिश्यु कल्चर में विशेष रूचि दिखाते हुए कहा कि प्रदेश में इसकी व्यवसायिक संभावनाओं का पता लगाने की दिशा में अनुसंधान करना चाहिए।
बैठक में परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सामाजिक और आर्थिक विकास के अनेक कार्य किए जा सकते हैं। डॉ. कोठारी ने कहा कि परिषद ने प्रदेश में अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से वैज्ञानिक जागरूकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में योगदान किया है। इस अवसर पर कार्यकारी संचालक श्री तस्लीम हबीब ने परिषद की गतिविधियों का प्रेजेंटेशन दिया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार विज्ञान भवन में जलवायु परिवर्तन, अनुसंधान केंद्र में स्थापित ओएसएल रिसर्च लैब, जैव प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र प्लांट, टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला और सुदूर संवेदन उपयोग केंद्र की भौगोलिक सूचना प्रणाली एवं इमेज प्रोसेसिंग लैंड यूज एवं अर्बन सर्वे प्रभाग की प्रयोगशाला की विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों का अवलोकन भी किया।