पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाए
मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वन मध्यप्रदेश का गौरव हैं, हमारे वन कुदरती सौंदर्य से भरपूर होने साथ ही प्रदेश को प्रदूषण मुक्त भी बनाते है। सभी की जिम्मेदारी है कि वनों के संरक्षण के लिए बेहतर प्रयास किए जाएँ। जनजातीय समाज और वन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जनजातीय समाज के संरक्षण से ही वनों का संरक्षण होगा। राज्यपाल श्री पटेल शुक्रवार को राजभवन पचमढ़ी में विकास कार्यों एवं योजनाओं की प्रगति के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।
फसलों का चक्रीय क्रम अपनाएँ
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि उत्पादन को बढ़ाने और भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि चक्रीय क्रम में फसलों को लिया जाए। कृषि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा आधुनिक तकनीक का उपयोग हो। किसान भाइयों को इसके लिए प्रेरित करें।
औषधि पौधों का रोपण करें
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वन विभाग द्वारा किए जा रहे पौधारोपण कार्य में औषधि पौधों का रोपण ज्यादा से ज्यादा वन एवं पर्यटन क्षेत्रों में किया जाए। जनजातीय समाज के लिए संचालित योजनाओं में संबंधित विभाग का वन विभाग के साथ समन्वय जरूरी है, ताकि योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन हो सके।
उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करें
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि बच्चों को प्रेरित किया जाए कि वे उच्च शिक्षा ग्रहण करें। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए ट्रेनिंग सेंटर बनाएँ जाए। रोजगार मेलों के माध्यम से भी ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को लाभान्वित करने के प्रयास हो।
राज्यपाल श्री पटेल को बैठक में लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पर्यटन विकास निगम, छावनी बोर्ड आदि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संचालित कार्यों की विस्तार से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर विधायक पिपरिया श्री ठाकुर दास नागवंशी, अपर आयुक्त श्री आर.पी. सिंह जादौन, मुख्य वन संरक्षक श्री आर.पी. राय, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री गुरुकरण सिंह, ब्रिगेडियर श्री हरीश गर्ग सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।