लोकसभा में बोले थरूर-बिना किसी रोडमैप के 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात कर रही है मोदी सरकार
नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर बुधवार को सवाल खड़ा किया और पूछा कि आर्थिक कुप्रबंधन और बजटीय विफलता के बीच सरकार का इस लक्ष्य हो हासिल करने की क्या रूपरेखा है ? सदन में ‘वर्ष 2019-20 के लिए अनुदान की पूरक मांगें-प्रथम बैच’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए शशि थरूर ने यह भी कहा कि आर्थिक विकास से जुड़े आंकड़ों में गिरावट इस बात का प्रमाण है कि सरकार अर्थव्यवस्था को संभाल पाने में नाकाम रही है।
उन्होंने जीडीपी में गिरावट और राजस्व में कमी का हवाला देते हुए कहा कि सरकार अब सुधार करना चाहिए और देश को सही दिशा में आगे ले जाना चाहिए। थरूर ने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में औसत विकास दर सात फीसदी से अधिक थी, लेकिन इस सरकार में यह गिरकर 4.5 फीसदी पहुंच गई है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि इस सरकार के आने के बाद तीन करोड़ नए लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए।
थरूर ने सरकार के पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के महत्वकांक्षी लक्ष्य पर पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा कि इसे हासिल करने के लिए सरकार का रोडमैप क्या है? कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले के वित्त मंत्री ने बजट के संदर्भ में बहुत सारी घोषणाएं कीं थीं, लेकिन सरकार लक्ष्य पूरा करने में विफल रही। उन्होंने यह दावा भी किया कि इस सरकार के शासनकाल में बेरोजगारी बढ़कर 8.4 फीसदी तक पहुंच गई है, ऑटो क्षेत्र बुरी हालत में है और दूसरे सभी क्षेत्रों में गिरावट है।
सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन और बजट संबंधी विफलता साफ दिख रही है। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के जीडीपी संबंधी एक बयान का हवाला देते हुए थरूर ने तंज किया कि अब तय करना चाहिए कि प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी और दूबे में से कौन बड़ा अर्थशास्त्री है। बाद में दूबे ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ अर्थशास्त्रियों का इस संदर्भ में हवाला देते हुए कहा था कि पूरी दुनिया में जीडीपी पर प्रश्नचिन्ह है।