लोकसभा में कांग्रेस और द्रमुक सदस्यों ने पेट्रोल कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर जनता को लूटने का लगाया आरोप
नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस और द्रमुक सदस्यों ने मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल की कीमतों में कमी करने के बजाय उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी पर कड़ा विरोध किया। उन्होंने मोदी सरकार पर आम उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस और द्रमुक सदस्यों ने इस मुद्दे को लेकर सदन से वाकआउट किया।
शून्यकाल में सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह मामला उठाया कि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद अब यह करीब 35 डालर प्रति बैरल हो गया है लेकिन इसका लाभ आम उपभोक्ता को देने के बजाय मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल पर करीब तीन रूपये उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया। अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले में वित्त मंत्री के बयान के साथ ही प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की।
द्रमुक के दयानिधि मारन ने भी यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार जनता को लूट रही है। इसके बाद दोनों दलों के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए ।तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी यह मामला उठाया और कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सउदी अरब और रूस में उत्पन्न हालात के कारण कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
दिसंबर 2019 में कच्चा तेल 66 डालर प्रति बैरल था जो कि 11 मार्च 2020 को 34.70 डालर प्रति बैरल तक नीचे आ गया है। लेकिन सरकार आम जनता को इसका फायदा देने में विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा स्थिति का सटीक आकलन करने में विफल रहने के कारण ऐसा हुआ है।