भोपाल । लॉकडाउन के दौरान आदिवासी बाहुल्य जिले बैतूल में तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिये पारिश्रमिक और बोनस वितरण खुशियों का सबब बनकर आया है। वन विभाग ने अब तक जिले के 81 हजार 937 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 25 करोड़ 53 लाख 55 हजार रुपये का पारिश्रमिक एवं बोनस वितरण किया है। इसमें 15 करोड़ 14 लाख 96 हजार रुपये का पारिश्रमिक और 10 करोड़ 38 लाख 59 हजार रुपये का तेन्दूपत्ता वर्ष 2018 का बोनस शामिल है।
उत्तर बैतूल वन मण्डल के दस प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों मेंढापानी, खैरी, घोड़ाडोंगरी, डोकली, सलैया, पूंजी, शाहपुर, धार, धपाड़ा एवं डाबरी के 25 हजार 360 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2020 में संग्रहित 33040 मानक बोरा की 9 करोड़ 26 लाख एक हजार 975 रुपये तेन्दूपत्ता संग्रहण मजदूरी का भुगतान किया गया। साथ ही 11392 संग्राहकों को 4 करोड़ 60 लाख 25 हजार 144 रुपये वर्ष 2018 की बोनस राशि भुगतान की गई। इसी तरह दक्षिण बैतूल वन मण्डल के सात प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों रतेड़ाकला, खेड़लीबाजार, चांदू, कोथलकुण्ड, खेड़ीसांवलीगढ़, झल्लार एवं जीन के 12 हजार 320 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2020 सीजन में संग्रहित 12518 मानक बोरा की 3 करोड़ 12 लाख 97 हजार 75 रुपये तेन्दूपत्ता संग्रहण मजदूरी का भुगतान किया गया। वहीं 4971 संग्राहकों को 2 करोड़ 14 लाख 69 हजार 639 रुपये वर्ष 2018 की बोनस राशि भुगतान की गई है।
पश्चिम बैतूल वन मण्डल के दस प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों चिरापाटला, चूनाहजूरी, चिचौली, भीमपुर, नांदा, तावड़ी, पाट, पिपरिया, दामजीपुरा एवं कुरसना के 18 हजार 211 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2020 सीजन में संग्रहित 15039 मानक बोरा की 3 करोड़ 75 लाख 97 हजार 513 रुपये तेन्दूपत्ता संग्रहण मजदूरी का भुगतान किया गया। साथ ही 9593 संग्राहकों को 3 करोड़ 63 लाख 64 हजार 443 रुपये वर्ष 2018 की बोनस राशि भुगतान की गई है। कोरोना महामारी से बचाव के लिये सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैण्ड सेनिटाइजर का उपयोग लघु वनोपज संघ के निर्देशानुसार किया गया। लॉकडाउन के दौरान उक्त राशि मिलने से तेन्दूपत्ता संग्राहकों में प्रसन्न्ता है एवं वे प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।