राफेल मामले में केंद्र सरकार को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं और राफेल लड़ाकू विमान सौदे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश पर पुनर्विचार के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राफेल अवमानना मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मामला बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चेतावनी देते हुए भविष्य में ऐसा कुछ न करनी की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदा मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट देने के उसके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही याचिकाओं को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने इस मामले पर फैसला पढ़ते हुए याचिकाकर्ताओं के द्वारा सौदे की प्रक्रिया में गड़बड़ी की दलीलें खारिज की हैं। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि राफेल विमान सौदा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने या बेवजह जांच का आदेश देने की जरूरत है।
सबरीमाला मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि याचिकाकर्ता धर्म और आस्था पर बहस फिर शुरू करना चाहते हैं। पांच जजों की बेंच ने 3:2 के मत के बाद समीक्षा याचिकाओं को 7 जजों की बेंच के पास भेज दिया। हालांकि, सबरीमाला मंदिर में अभी महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी।
सीजेआई गोगोई ने कहा, सबरीमाला , मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, महिलाओं में खतना जैसे धार्मिक मुद्दों पर फैसला वृहद पीठ लेगी। मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक का हवाला देते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सबरीमाला जैसे धार्मिक स्थलों के लिए एक समान नीति बनाना चाहिए। वहीं इस मामले के फैसले में न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन और डीवाई चंद्रचूड़ ने अलग राय रखी।