राज्यसभा में बोले नायडू : सदन में सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया व्हिप
नई दिल्ली। सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज राज्यसभा में बीजेपी द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बाद चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि व्हिप ‘सदन की सेहत’ की खातिर जारी किया गया है। नायडू ने कहा कि आम और पर बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन सदस्यों की उपस्थिति बहुत ही कम होती है और इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जाता।गौरतलब है कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ है। इसका पहला चरण मंगलवार यानी आज तक है और अवकाश के बाद दूसरा चरण दो मार्च से शुरू होगा।
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने कहा कि आज कोई विधेयक नहीं लिया जाएगा और केवल बजट पर ही चर्चा होगी तथा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चर्चा के बाद जवाब देंगी। भाजपा ने सोमवार को व्हिप जारी कर अपने सदस्यों को आज उनसे सदनों में उपस्थिति रहने के लिए कहा था। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि शायद सरकार की ओर से कोई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में लाया जा रहा है।
नायडू ने कहा ‘‘यह सदन की सेहत के लिए किया गया क्योंकि आज बजट सत्र के पहले चरण का आखिरी दिन है और पहले हमने देखा है कि आखिरी दिन सदस्यों की उपस्थिति बहुत कम होती है। इससे गलत संदेश जाता है कि सदस्य सदन में बजट पर दिलचस्पी नहीं लेते।’’ सभापति ने कहा ‘‘अगर पूरे सत्र में नियमित रूप से व्हिप जारी किया जाए तो मुझे बहुत खुशी होगी क्योंकि तब सदस्य सदन में उपस्थित रहेंगे।’’
इससे पहले, बैठक शुरू होते ही द्रमुक, कांग्रेस और वाम सदस्यों ने कोई मुद्दा उठाना चाहा। सभापति ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और बजट पर चर्चा आरंभ करने के लिए अन्नाद्रमुक सदस्य के मुत्तुकरप्पन का नाम पुकारा। मुत्तुकरप्पन ने बोलना शुरू किया। इस बीच द्रमुक, कांग्रेस, वाम सदस्य और एमडीएमके के वाइको अपना मुद्दा उठाने का प्रयास करते रहे। सभापति ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।
नायडू की इस व्यवस्था के बाद कांग्रेस और वाम सदस्य बैठ गए लेकिन द्रमुक सदस्य और वाइको अपना मुद्दा उठाने की मांग करते रहे। सभापति के इंकार करने पर द्रमुक सदस्य विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। अपना मुद्दा उठाने की मांग कर रहे वाइको को सभापति ने आगाह किया कि उन्हें सत्र की शेष अवधि में बोलने का अवसर नहीं मिलेगा। सभापति ने यह भी कहा कि वह कार्यवाही के लिए वाइको का नाम लेंगे। इस पर विरोध जताते हुए वाइको सदन से चले गए। हालांकि कुछ देर बाद द्रमुक के तिरुचि शिवा और वाइको सदन में लौट आए।