रबी सीजन में किसानों को बेहतर विद्युत आपूर्ति के निर्देश
भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री विशेष गढ़पाले ने मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि रबी सीजन में किसानों को घोषित अवधि में बिजली की बेहतर आपूर्ति के सभी प्रबंध करें। उन्होंने कहा कि रबी सीजन का लोड प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसलिये लोड प्रबंधन इस प्रकार से किया जाए कि किसानों को हर हालत में घोषित अवधि में 10 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो। उन्होंने यह भी कहा कि खराब तथा जले ट्रांसफार्मर तत्काल बदले जाएं। श्री गढ़पाले ग्वालियर रीजन के उप-महाप्रबंधकों एवं महा-प्रबंधकों के साथ मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत आठों जिलों की समीक्षा कर रहे थे।
प्रबंध संचालक श्री गढ़पाले ने भिण्ड, मुरैना, श्योपुर एवं दतिया जैसे जिलों में उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण के लिए लगने वाले रिस्पांस टाइम की अवधि अधिक होने पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि शहरी क्षेत्र में रिस्पांस टाइम 45 मिनिट से भी कम हो। उन्होंने कार्मिकों की विद्युत दुर्घटनाओं के लिए मैदानी अधिकारियों को सचेत किया कि सुरक्षा उपकरणों के बिना लाइन कर्मचारियों से निर्माण का कार्य न कराया जाए।
प्रबंध संचालक ने कहा कि कंपनी क्षेत्र में मीटर रीडिंग प्रतिमाह रीडिंग चक्र के अनुसार कराई जाए ताकि उपभोक्ताओं को सही बिजली बिल समय पर जारी किए जा सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि रबी सीजन में सिंचाई के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन प्राथमिकता के साथ जारी किए जाएं ताकि किसानों को असुविधा नहीं हो।
रबी सीजन में ट्रांसफार्मर की कोई कमी नहीं
बैठक में बताया गया कि सभी एरिया स्टोर और सभी संभागों में ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। पात्रता वाले ट्रांसफार्मर कम से कम समय में बदले जा रहे हैं। प्रबंध संचालक ने वितरण ट्रांसफार्मर फेल्युअर की दर को कम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वितरण ट्रांसफार्मर की खराबी की दर आदर्श रूप से 5 प्रतिशत से कम होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि राज्य शासन की योजनाओं ‘‘इंदिरा किसान ज्योति योजना‘‘ एवं ‘‘इंदिरा गृह ज्योति योजना‘‘ का लाभ नियमानुसार पात्र उपभोक्ताओं को दिया जाए। बकायादार उपभोक्ताओं के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाए।
समीक्षा बैठक में वाणिज्य, कार्य, ऑपरेशन एवं मेन्टेनेन्स विभागों की समीक्षा की गई। इस दौरान राजस्व संग्रहण पर विशेष जोर दिया गया तथा मीटराइजेशन कार्यों की भी समीक्षा की गई।