योजनाओं की ट्रान्सफॉर्मेशन स्ट्रेटेजी और बेहतर क्रियान्व्यन पर फोकस करें
भोपाल। प्रमुख सचिव, महिला-बाल विकास श्री अशोक शाह ने शुक्रवार को प्रदेश के विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों से विभिन्न विषयों पर वर्चुअल माध्यम से चर्चा की। श्री शाह ने कहा कि प्रदेश में बच्चों और महिलाओं की देख-रेख का कोई काम रस्म अदायगी के तौर पर नहीं किया जाता है। हम पूरे मनोयोग से बच्चों के समग्र विकास की योजनाएँ बनाते हैं और उसे जमीन पर उतारने के लिए पूरी टीम मुस्तैदी से कार्य करती है। विभाग के लगभग दो लाख अधिकारी-कर्मचारी एकजुटता से कार्य कर रहे है, उसका नतीजा है कि जो योजनाएँ मध्यप्रदेश में बनती है, उसके परिणाम से देश के अन्य राज्य न सिर्फ हतप्रभ हैं, बल्कि कई योजनाओं का अनुसरण भी कर रहे हैं।
महिलाओं को समानता नहीं समता दिलाना लक्ष्य
प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य महिलाओं को समानता नहीं, समता दिलाना है। इससे वे अपने अधिकार को जानेंगी भी और समय पर उसका उपयोग भी कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि अधिकारों की जानकारी शहरों तक सीमित न रहे, सुदूर ग्रामीण इलाके की महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों और कानूनों की जानकारी होना चाहिये। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें इससे अवगत कराएँ।
श्री शाह ने कहा कि जिलों के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनायी गयी उपयोगी वस्तुओं का वास्तविक मूल्य दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभायें। महिला-बाल विकास जिला अधिकारी इन समूहों की वस्तुओं का प्रदर्शन और बिक्री में सहयोग कर उन्हें मुख्य धारा में लाने में मददगार बनें।
अगर आपके जिले में कुपोषित बच्चा नहीं है, तो गर्व करें
प्रमुख सचिव श्री शाह ने अधिकारी-कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर आपके जिले या आँगनवाड़ी क्षेत्र में एक भी कुपोषित बच्चा नहीं मिल रहा है, तो यह न सिर्फ आपके लिये, बल्कि प्रदेश के लिये भी गर्व की बात है। यह दर्शाता है कि आपने कितनी तन्मयता से कार्य सम्पादित किया है। उन्होंने कहा कि अच्छे परिणामों के लिये संघर्ष करना पड़ता है, बुराई आग की तरह होती है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी है महिलाओं और बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास के साथ स्वास्थ्य और पोषण स्थिति में सुधार करना। श्री शाह ने कहा कि पोषण आहार की गुणवत्ता और मात्रा में कोई समझौता न करें। उन्होंने हर जिले में मातृ सहयोगिनी समिति और शौर्य दल का गठन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
8 मार्च महिला दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम
प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह ने कहा कि 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य से लेकर जिला-स्तर तक तीन दिन ‘हुनर हाट” का आयोजन किया जायेगा। इसके अंतर्गत सेफ सिटी कार्यक्रम के तहत महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ भी आयोजित होंगी। इस वर्ष महिला दिवस की थीम ‘महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण” है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सशक्तिकरण ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेहतर प्रयास है। हुनर हाट इस दिशा में सहयोगी साबित होंगे।
डिजिटल मॉर्केटिंग से जोड़ें महिलाओं को
वेबिनार में संचालक महिला-बाल विकास श्रीमती स्वाती मीणा नायक ने कहा कि कोरोना काल में डिजिटल मीडिया ने जाने-अनजाने हर किसी को अपनी ओर आकर्षित किया है। हमारी कोशिश होनी चाहिये कि हम महिलाओं और बालिकाओं को डिजिटल मॉर्केटिंग से आत्म-निर्भर बनने के लिये प्रेरित करें। संचालक ने कहा कि किसी भी विभागीय योजना के कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के बाद उसका फीडबैक जरूर लें। महिला-बाल विकास की आउटरीच बहुत ज्यादा है। विभाग सामाजिक परिवर्तन लाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि अधिकारी आगामी त्यौहारों और अक्षय तृतीया के पहले ही सर्वे कर ऐसे घर और क्षेत्र को चिन्हित करें तथा सामाजिक संस्थाओं को एक प्लेटफार्म पर लाकर बाल विवाह जैसी कुरीति को दूर करने में सहयोग करें।
श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को हम स्थानीय स्व-निर्मित उत्पादों के लिये प्रोत्साहित करें। उदिता योजना के तहत वोकल फॉर लोकल की तर्ज पर सेनेटरी नैपकिन बनाने के लिये महिलाओं और बालिकाओं को प्रशिक्षित करें।